1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें

यूएन शांति सैनिक को खुद पर शर्म क्यों आती है?

विवेक कुमार२७ मई २०१६

यूएन के शांति सैनिक संकटग्रस्त इलाकों में लोगों की सुरक्षा के लिए भेजे जाते हैं लेकिन वहां उन पर रेप के आरोप लगते हैं. यह अभियान को, देश को और यूएन को शर्मसार करने वाली स्थिति है.

https://p.dw.com/p/1IvEx
Südsudan Anschlag auf Flüchtlingscamp in Malakal Südsudan
तस्वीर: Getty Images/AFP/J. Lynch

यूएन के शांति सैनिक दुनिया में कई देशों में तैनात हैं. ये देश किसी न किसी तरह के संकट से गुजर रहे हैं और इन शांति सैनिकों पर वहां संकट में फंसे लोगों की सुरक्षा की जिम्मेदारी है. लेकिन एक भारतीय अधिकारी को खुद को शांति सैनिक कहने पर शर्म आती है.

यूएन के शांति सैनिकों पर यौन शोषण के आरोप बढ़ रहे हैं. 29 मई को यूएन शांतिसैनिक दिवस है. इस मौके पर एक भारतीय शांति सैनिक के दिल की बात सामने आई. यूएन में वरिष्ठ पद पर तैनात अतुल खरे ने कहा कि कभी कभी तो वह खुद को शांति सैनिक कहने में शर्म महसूस करते हैं.

यूएन के अंडर सेक्रटरी जनरल (फील्ड सपोर्ट) अतुल खरे ने कहा कि शांतिसेनाओं का नाम खराब करने वाले ऐसे लोगों को बख्शा नहीं जाएगा. उन्होंने कहा, “मैं एक शांति सैनिक रहा हूं. मैंने जमीन पर काम किया है. लेकिन ऐसा कई बार होता है कि खुद को शांति सैनिक कहते हुए मुझे शर्म आती है. क्योंकि शांति सैनिक इस तरह के काम नहीं करते.”

खरे ने कहा कि रक्षक का भक्षक बन जाना बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. उन्होंने कहा, “मैं मानता हूं कि इससे हौसले पर असर पड़ता है. लेकिन मुझे लगता है कि शांति सैनिकों के नजरिये को बदलने के लिए ऐसा जरूरी है. हम सबको मिलकर अपने बीच के बुरे लोगों को बाहर करना है.” उन्होंने कहा कि बीते साल 129 शांति सैनिक शहीद हुए हैं और शोषण के आरोपी सैनिक उन सैनिकों के बलिदानों को भी बदनाम करते हैं. यूएन ऐसे आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए प्रतिबद्ध है.

दुनियाभर में इस वक्त एक लाख 75 हजार शांति सैनिक तैनात हैं जो बेहद कठिन हालात में काम कर रहे हैं. इन शांति सैनिकों पर बलात्कार के आरोप कई बार बड़ा विवाद खड़ा कर चुके हैं. एक रिपोर्ट के मुताबिक इस साल अब तक शांति सैनिकों पर यौन शोषण या बलात्कार के 44 आरोप लग चुके हैं. इनमें से एक भी भारतीय नहीं है. 2015 में ऐसी 69 शिकायतें आई थीं. लेकिन पिछले साल भी इनमें कोई भारतीय नहीं था. लेकिन 2010 से 2013 के बीच कम से कम तीन ऐसी शिकायतें भारतीय सैनिकों के खिलाफ आई थीं. भारत की सेना यूएन के शांति अभियानों में हिस्सा लेने में तीसरे नंबर पर है.

UN Friedenstruppen im Sudan
तस्वीर: UN Photo/Albert Gonzalez Farran

यूएन के अंडर-सेक्रटरी जनरल (शांति अभियान) हर्वे लाडसू कहते हैं कि यौन शोषण का कोई भी आरोप हमारे शांति अभियानों को शर्मसार ही करता है. उन्होंने कहा, “ऐसी घटनाओं को रोकना, जड़ से उखाड़ फेंकना और एकदम प्रतिबंधित करना देना वक्त की सबसे बड़ी जरूरत बन चुकी है.” उन्होंने कहा कि यह सदस्य देशों और यूएन की साझी जिम्मेदारी है कि ऐसी घटनाएं न हों और आरोपियों को न्याय के कठघरे तक पहुंचाया जाए.

अधिकारियों ने बताया कि ऐसे आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए कई तरह के सुझाव हैं जिनमें से आरोपी का कोर्ट मार्शल करने की बात भी है. और ऐसा उसी देश में होगा जहां घटना होगी. अब तक आरोपी पर मुकदमा उसके अपन देश में चलता है. एक अन्य सुझाव है कि ऐसी घटना होने पर सैनिक के देश पर ही प्रतिबंध लगाए जाएं ताकि शांति सेना के लिए जवान चुनते वक्त ही देश पूरी तरह सावधान रहे.

वीके/ओएसजे (पीटीआई)