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उईगुर मुस्लिम महिला के लिए चीन से ऑस्ट्रेलिया की अपील

१७ जुलाई २०१९

ऑस्ट्रेलियाई नागरिक और उईगुर मुस्लिम सद्दाम अब्दुससलाम की पत्नी और बेटा चीन के हिरासत कैंप में हैं. ऑस्ट्रेलिया ने चीन से इन दोनों को रिहा कर ऑस्ट्रेलिया आने देने की अपील की है. चीन ने ऐसी किसी बातचीत से इंकार किया है.

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Australien verlangt con China die Freigebung von Uiguren-Mutter
तस्वीर: Getty Images/AFP/P. Parks

17 जुलाई को ऑस्ट्रेलियाई सरकार ने चीन से ऑस्ट्रेलियाई बच्चे और उसकी चीनी उईगुर मां को चीन छोड़ने की अनुमति देने की अपील की.  कुछ दिन पहले ऑस्ट्रेलिया ने चीन सरकार द्वारा अल्पसंख्यक मुस्लिम समुदाय के साथ किए जा रहे व्यवहार की निंदा की थी. ऑस्ट्रेलिया ने इस निंदा के लिए कई देशों द्वारा संयुक्त रूप से लिखे गए एक पत्र पर हस्ताक्षर किए थे.

चीन ने अपने देश में उईगुर और तुर्क मूल के 10 लाख से भी ज्यादा मुस्लिमों को हिरासत में ले रखा है. इसे चीन ने पुनर्शिक्षण का नाम दिया है. हिरासत में रखने के लिए बनाए गए कैंप चीन के उत्तर पश्चिमी शिनजियांग प्रांत में हैं. ऐसे ही एक कैंप में ऑस्ट्रेलियाई नागरिक और उईगुर समुदाय से आने वाले सद्दाम अब्दुससलाम की उईगुर पत्नी नदीला वुमायर और पौने दो साल का उनका बेटा लुत्फिएर बंद हैं. उनके बेटे का पास ऑस्ट्रेलिया की नागरिकता है. हालांकि वो कभी अपने बेटे से मिले नहीं हैं. सद्दाम पिछले छह महीने से उन्हें छुड़वाने के लिए अभियान चला रहे थे. लेकिन उन्होंने अपना नाम जाहिर नहीं किया था. लेकिन ऑस्ट्रेलियाई पब्लिक ब्रॉडकास्टर एबीसी की इन कैंपों पर बनी एक डॉक्यूमेंट्री में उन्होंने अपनी कहानी सुनाई. 15 जुलाई को ब्रॉडकास्ट हुई इस डॉक्यूमेंट्री के बाद लोगों को उनके बारे में पता चला.

Australien verlangt von China die Freigebung von Uiguren-Mutter
अपनी पत्नी और बच्चे की तस्वीर दिखाते सद्दाम.तस्वीर: Getty Images/AFP/P. Parks

ऑस्ट्रेलियाई विदेश मंत्री मेरिस पायने ने 17 जुलाई को कहा कि ऑस्ट्रलियाई दूतावास ने चीनी अधिकारियों से नदीला वुमायर और उनके बेटे को ऑस्ट्रेलिया जाने की अनुमति देने का औपचारिक आग्रह किया है. उन्होंने बताया कि वुमायर के हिरासत में लिए जाने और उनसे पूछताछ होने के बारे में जानकारी थी लेकिन वो ऑस्ट्रेलियाई नागरिक नहीं हैं इसलिए उनसे बात करने के लिए ऑस्ट्रेलिया को काउंसलर एक्सेस नहीं मिल सकता. चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गेंग जुआंग ने कहा कि उन्होंने ऑस्ट्रेलिया का कोई बयान नहीं देखा है. अगर ऑस्ट्रेलिया द्विपक्षीय माध्यमों से इस मामले में अधिक जानकारी देगा तो चीन ऑस्ट्रेलिया की पूरी मदद करेगा.

सद्दाम के बेटे लुत्फिएर को पहले ऑस्ट्रेलिया ने नागरिकता नहीं दी थी. लुत्फिएर का जन्म अगस्त 2017 में शिनजिआंग प्रांत में हुआ था. लेकिन एक कानूनी लड़ाई लड़ने के बाद लुत्फिएर को ऑस्ट्रेलियाई नागरिकता मिल गई. सद्दाम ने कहा कि वो इस प्रतिक्रिया से खुश हैं. लेकिन चीन पर अभी और दबाव डालने की जरूरत है. 31 अगस्त को लुत्फिएर दो साल का हो जाएगा. सद्दाम उम्मीद कर रहे हैं कि वो लुत्फिएर का दूसरा जन्मदिन उसके साथ ही मना पाएंगे. इस परिवार का केस लड़ रही लॉ फर्म मार्क लॉयर्स ने सरकार से अपील की है कि नदीला वुमायर के लिए एक फास्ट ट्रैक वीजा जारी कर दिया जाए. फर्म का कहना है कि उनका काम इस परिवार को साथ लाना है.

ऑस्ट्रेलिया अपने सबसे बड़े व्यापारिक सहयोगी चीन के साथ विवाद से बचता रहा है. लेकिन पिछले कुछ दिनों में प्रशांत महासागर में बढ़ रही चीन की उपस्थिति से वह चिंतित है. ऑस्ट्रेलिया ने हाल ही में ब्रिटेन, जापान और कनाडा सहित 22 देशों द्वारा चीन में किए जा रहे अल्पसंख्यक समुदायों के शोषण के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र को एक पत्र लिखा था. चीन इन हिरासत कैंपों को रोजगार शिक्षा केंद्र बता रहा है. उसका कहना है कि रोजगार की शिक्षा के माध्यम से लोगों के दिमाग में पनप रही कट्टरता को दूर किया जा रहा है. चीन ने 2017 की शुरुआत में ऑस्ट्रेलियाई राजनयिकों को शिनजियांग प्रांत जाने से रोक दिया था. साथ ही एबीसी चैनल पर प्रसारित हुई डॉक्यूमेंट्री को भी फर्जी करार दिया है.

आरएस/एमजे (एएफपी)

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