पबजी खेल और कमाई का जरिया
चीन से तनाव के बीच भारत ने मशहूर गेमिंग ऐप पबजी समेत 118 चीनी मोबाइल ऐप्स को बैन कर दिया है. पबजी बैन को लेकर कहीं खुशी तो कहीं गम वाला माहौल है. जानिए पबजी से जुड़े कुछ रोचक तथ्य.
भारत में बैन पबजी
भारत सरकार ने अपनी ताजा कार्रवाई में 118 चीनी मोबाइल ऐप्स को बैन कर दिया है. पबजी एक मोबाइल गेमिंग ऐप है जो कि भारत में काफी लोकप्रिय है. एक रिपोर्ट के मुताबिक देश में करीब 5 करोड़ सक्रिय पबजी यूजर्स हैं. इस गेम से जुड़े आंकड़ों के मुताबिक हर रोज 13 लाख लोग इसे खेलते हैं. सिर्फ भारत में पबजी को 17.5 करोड़ से ज्यादा बार डाउनलोड किया जा चुका है.
पबजी क्यों बैन
भारत सरकार का कहना है कि पबजी समेत 118 चीनी ऐप्स को इसलिए बैन किया गया है क्योंकि ये देश की सुरक्षा और संप्रभुता के लिए खतरा है. पबजी के अलावा जिन गेमिंग ऐप्स को बैन किया गया है वे हैं-लूडो वर्ल्ड, चेस रश, राइज ऑफ किंगडम्स, साइबर हंटर, वॉर पाथ, डांक टैंक्स और गेम ऑफ सुल्तान्स. भारत में अब तक 224 चीनी ऐप्स को बैन किया जा चुका है.
पबजी की लोकप्रियता
भारत ही नहीं दुनिया भर में पबजी के चाहने वालों और उसे खेलने वालों की कोई कमी नहीं है. चीनी कंपनी टेनसेंट के हाथों में पबजी का कंट्रोल है. सिर्फ सात महीनों में पबजी ने 3 अरब डॉलर की वैश्विक आय कर ली है. चीन और अमेरिका में भी यह काफी लोकप्रिय है.
पबजी बैन, लगा सदमा!
पबजी खेलने वाले युवाओं को इसके बैन होने से झटका तो लगा ही है लेकिन उनका कहना है कि देश के आगे कुछ नहीं है. कुछ बच्चों ने लॉकडाउन के दौरान समय बिताने के लिए पबजी डाउनलोड किए थे लेकिन गेम में दिलचस्पी बढ़ने के साथ उनका इस प्लेटफॉर्म पर समय ज्यादा बीतने लगा, जिससे माता-पिता भी परेशान हो गए थे. बैन होने से माता-पिता को खुशी तो हुई है लेकिन गेम खेलने वालों में मायूसी है.
प्रोफेशनल गेमर्स
पबजी पर लोग केवल समय काटने के लिए गेम नहीं खेलते हैं बल्कि इस पर प्रोफेशनल गेमर्स पैसे भी कमाते हैं. भारत में कुछ प्रोफेशनल गेमर्स लाखों रुपये तक कमा लेते हैं. भारत में पबजी के पोस्टर ब्वॉय नमन 'मॉर्टल' माथुर गेम को यूट्यूब पर लाइव स्ट्रीम करते आए हैं और उनके यूट्यूब पर 60 लाख से अधिक फालोअर्स हैं. उनकी तरह कई और प्रोफेशनल खिलाड़ी हैं जो पबजी पर गेम खेलने के साथ साथ पैसे कमाते आए हैं.
पबजी से कमाई
एक रिपोर्ट के मुताबिक प्रोफेशनल खिलाड़ी गेमिंग कंपनी के साथ करार कर एक लाख रुपये तक महीना कमा सकते हैं. यही नहीं कोई खिलाड़ी अपने गेम की लाइव स्ट्रीमिंग कर विज्ञापन के जरिए भी महीने के 25 से 30 हजार रुपये कमा सकता है.
पबजी टूर्नामेंट
पिछले साल भारत में पहली बार पबजी टूर्नामेंट का आयोजन किया गया था. विजेता टीम ने इनाम के तौर पर 30 लाख रुपये जीता था. पबजी टूर्नामेंट्स भी खिलाड़ियों के लिए अच्छी खासी कमाई का जरिया रहा है.
'पहले से था अंदेशा'
पबजी के प्रोफेशनल खिलाड़ियों का कहना है कि उन्हें पहले से ही पबजी के बैन होने का अंदेशा था. उनके मुताबिक जब से वीडियो शेयरिंग ऐप टिक टॉक बैन हुआ है उन्हें लग ही रहा था कि अब पबजी की बारी आने वाली है. प्रोफेशनल खिलाड़ी इस बैन को झटके के तौर पर ले रहे हैं. उनका कहना है कि यह उनकी आय का जरिया था.
देसी ऐप्स के लिए मौका
भारत में कई ऐसी तकनीक कंपनियां हैं जो गेमिंग ऐप पर काम करती हैं लेकिन अब तक उन्हें पबजी जितनी लोकप्रियता हासिल नहीं हुई है. कुछ देसी मोबाइल ऐप के लिए पबजी का बैन होना एक अवसर के तौर पर आया है. आने वाले दिनों में वे टूर्नामेंट के जरिए अपनी लोकप्रियता बढ़ा सकती हैं.
मां-बाप को लाखों की चपत
कुछ महीने पहले पंजाब में एक लड़के ने इन-ऐप पर्चेजेस और ऐप अपग्रेडिंग के लिए 16 लाख रुपये उड़ा दिए थे. इस लड़के के पास अपने माता-पिता के तीन बैंक खातों की जानकारी थी और उसने पबजी मोबाइल ऐप में पैसे खर्च करने के लिए इन बैंक खातों का इस्तेमाल कर डाला.