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पहली बार आमने सामने मिलेंगे क्वाड नेता

१४ सितम्बर २०२१

अमेरिकी राष्ट्रपति अगले हफ्ते ऑस्ट्रेलिया, भारत और जापान के नेताओं से मिलेंगे, क्वाड बैठक में नेता आमने सामने होंगे. अगले हफ्ते होने वाली इस बैठक की विशेष अहमियत है.

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व्हाइट हाउस ने सोमवार को कहा कि अगले हफ्ते ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन, भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और जापान के प्रधानमंत्री योशिहिडे सुगा 24 सितंबर को जो बाइडेन से मिलेंगे. ये चारों देश क्वाड का हिस्सा हैं जो 2007 में बनाया गया था. 

व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव जेन साकी ने एक बयान में कहा, "क्वाड नेता अपने संबंधों को और गहरा करने व व्यहारिकता में सहयोग बढ़ाने के लिए नए क्षेत्र जैसे कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई, जलवायु परिवर्तन का संकट, आधुनिक तकनीकों और साइबर क्षेत्र में साझेदारी और स्वतंत्र व खुले हिंद-प्रशांत क्षेत्र जैसे मुद्दों पर केंद्रित होंगे."

पहली बार मिलेंगे क्वाड नेता

साकी ने इस बात पर जोर दिया कि यह बैठक दिखाती है कि हिंद-प्रशांत क्षेत्र में सक्रियता बाइडेन-हैरिस सरकार की प्राथमिकता है, जिसे वह बहुपक्षीय जरियों से अंजाम देना चाहते हैं ताकि 21वीं सदी की चुनौतियों से निपटा जा सके.

तस्वीरः कौन कितना बड़ा दाता

अगले हफ्ते जापान, ऑस्ट्रेलिया और भारत के नेता संयुक्त राष्ट्र की बैठक में हिस्सा लेने के लिए न्यू यॉर्क जाएंगे और तभी क्वाड की बैठक भी तय की गई है. पिछली बार क्वाड सदस्य मार्च में एक वर्चुअल बैठक में मिले थे. चारों देशों के विदेश मंत्री और अन्य आधिकारिक स्तरों पर मिलते रहे हैं.

कोविड वैक्सीन की सप्लाई के मुद्दे पर चर्चा के लिए अमेरिका सरकार भारत के साथ लगातार संपर्क बनाए हुए है. एक वरिष्ठ अमेरिकी अधिकारी ने बताया कि 24 सितंबर को होने वाली बैठक में कोविड वैक्सीन की सप्लाई और निर्यात एक अहम मुद्दा होंगे.

भारत-अमेरिका संपर्क

मार्च में जब पिछली बार क्वाड बैठक हुई थी तब कोविड वैक्सीन की सप्लाई को लेकर चारों देशों ने मिलकर काम करने का वादा किया था. लेकिन उसके फौरन बाद भारत में कोरोना वायरस की एक भयानक लहर आई और लाखों लोगों की जान चली गई. इसके चलते दुनिया के सबसे बड़े वैक्सीन उत्पादक भारत ने निर्यात रोक दिया था.

अमेरिकी अधिकारियों का कहना है कि वे भारत और अन्य क्वाड सहयोगियों के साथ लगातार संपर्क में हैं ताकि कोविड वैक्सीन पर सहयोग को जारी रखा जा सके. एक अधिकारी ने समाचार एजेंसी रॉयटर्स को बताया कि वॉशिंगटन ने भारत की आपातकालीन जरूरत को देखते हुए अप्रैल में अपना कच्चा माल भारत को दे दिया था.

इस अधिकारी ने कहा, "हम दुनियाभर के लिए सुरक्षित और प्रभावशाली वैक्सीन का सबसे बड़ा उत्पादक होने के लिए हम भारत की सराहना करते हैं. हम यह भी मानते हैं कि कोवैक्स (कार्यक्रम) और दुनिया भारत के योगदान पर निर्भर है. अमेरिका के लिए अहम है कि वो अपने सारे साझीदारों और सहोगियों से संवाद करे ताकि महामारी को खत्म करने के लिए मिलकर जरूरी कदम उठाए जा सकें."

वीके/एए (रॉयटर्स, डीपीए)

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