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उड़ती-उड़ती कोर्ट पहुंची फिल्म 'उड़ता पंजाब'

विवेक कुमार८ जून २०१६

फिल्मकार अनुराग कश्यप की फिल्म उड़ता पंजाब का मसला उड़ता हुआ अब अदालत की देहरी पर जा पहुंचा है. सेंसर बोर्ड के खिलाफ कश्यप ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है.

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Indien Regisseur Anurag Kashyap
तस्वीर: AP

फिल्मकार अनुराग कश्यप की फिल्म उड़ता पंजाब का मसला उड़ता हुआ अब अदालत की चौखट पर जा पहुंचा है. सेंसर बोर्ड के खिलाफ कश्यप ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. सेंसर बोर्ड ने उनसे दर्जनों जगह से फिल्म काटने को कहा है, जिसे वह खारिज कर रहे हैं.

एक अखबार को दिए इंटरव्यू में सेंसर बोर्ड के प्रमुख पहलाज निहलानी ने कहा कि फिल्म में ऐसा दिखाया गया है मानो पंजाब के 70 फीसदी लोग नशा करते हैं. निहलानी के मुताबिक ऐसा करके पंजाब के लोगों की छवि खराब करने की कोशिश की गई है. उन्होंने कहा कि सेंसर बोर्ड ने जो हिस्से काटने को कहा है, उन्हें हटाने के बाद फिल्म को रिलीज किया जा सकता है.

निहलानी ने अनुराग कश्यप अपनी फिल्म को फायदा पहुंचाने के लिए विवाद खड़ा करने का आरोप लगाया है. हालांकि निहलानी किसी फिल्म को सेंसर करने को लेकर पहली बार विवादों में नहीं हैं. पिछले साल जनवरी में उन्हें सेंसर बोर्ड का प्रमुख बनाया गया था. उसके बाद से वह लगातार विवादों में घिरते रहे हैं. कुछ समय पहले आई फिल्म अलीगढ़ को ए सर्टिफिकेट देने को लेकर भी वह विवादों में थे और तब भी उन्होंने डायरेक्टर पर जानबूझ कर विवाद खड़ा करने का आरोप लगाया था. हालांकि 1990 के दशक में आईं उनकी फिल्मों को कुछ लोग अश्लील और फूहड़ बताते हैं. लेकिन वह फिल्मों में गालियों को हटाने से लेकर बॉन्ड फिल्म स्पेक्टर में किसिंग सीन डिलीट करने तक जैसे फरमान सुना चुके हैं, जो बड़ी संख्या में फिल्म दर्शकों और फिल्मकारों को नागवार गुजरे हैं. हाल ही में आई जंगलबुक टू को भी उन्होंने ए सर्टिफिकेट देकर आलोचना बटोरी.

अनुराग कश्यप ने बॉम्बे हाई कोर्ट से अपील की है कि फिल्म के दृश्य हटाने के सेंसर बोर्ड के फैसले को रद्द किया जाए. उन्होंने कहा, "सेंसर बोर्ड चीफ पहलाज निहलानी ने 89 हिस्से या डायलॉग्स हटाने को कहा है. वह चाहते हैं कि फिल्म के नाम उड़ता पंजाब से पंजाब शब्द भी हटाया जाए."

बॉलीवुड के कई फिल्मकार अनुराग कश्यप के पक्ष में खड़े हुए हैं. निर्माता-निर्देशक कबीर खान ने कहा है कि फिल्म की रिलीज से 10 दिन पहले इस तरह दृश्यों को हटाने का दबाव बनाना सरासर नाजायज है. उन्होंने कहा, "सेंसर बोर्ड का काम फिल्म को सर्टिफिकेट देना है, उसे काटना नहीं."

पिछले कुछ समय से पंजाब में नशीली दवाओं का इस्तेमाल काफी तेजी से बढ़ा है. खासकर पाकिस्तान से तस्करी बढ़ने के बाद युवाओं में इसकी लत काफी बढ़ी है. अनुराग कश्यप की फिल्म इसी बारे में है. उन्होंने ट्विटर पर कहा, "उड़ता पंजाब से ज्यादा ईमानदार फिल्म कोई हो ही नहीं सकती." उन्होंने कहा कि फिल्म का विरोध करने वाले दरअसल नशे का समर्थन कर रहे हैं.

इस पूरे विवाद का एक राजनीतिक कोण भी है. पंजाब में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं. विपक्षी दलों कांग्रेस और आम आदमी पार्टी नशीली दवाओं की बढ़ती लत को राजनीतिक मुद्दा बनाने की कोशिश कर रही हैं. उनका आरोप है कि सत्ताधारी अकाली दल-बीजेपी इस खतरे पर काबू पाने में नाकाम रहे. विपक्ष का आरोप है कि सत्ताधारी नेता ही ड्रग तस्करों को शह देते रहे हैं.

पहलाज निहलानी ने कहा कि कश्यप ने आम आदमी पार्टी से पैसा लिया है. इस बात का कश्यप ने तीखा विरोध किया और माफी की मांग की. निहलानी ने माफी मांगने से साफ इनकार कर दिया. इसके बाद कश्यप ने कोर्ट में अपील कर दी.

इस पूरे विवाद पर आपकी क्या राय है? नीचे कॉमेंट बॉक्स में लिखें.

वीके/ओएसजे (एएफपी, पीटीआई)