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बीएसएफ जवान के फेसबुक वीडियो से हिल गई सरकार

विवेक कुमार
१० जनवरी २०१७

फेसबुक पर एक वीडियो डालकर जवानों के हालात के बारे में शिकायत करने वाले बीएसएफ के एक जवान के खिलाफ कार्रवाई हो गई है.

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Indien Sicherheitskräfte an der Grenze mit Pakistan
तस्वीर: Getty Images/AFP/N. Nanu

इस जवान के वीडियो पर कार्रवाई करते हुए भारत सरकार ने जांच के आदेश दे दिए हैं लेकिन जवान को लाइन ऑफ कंट्रोल से पुंछ ट्रांसफर कर दिया गया है.

तेज बहादुर यादव नाम के इस जवान ने अपने फेसबुक पोस्ट पर एक वीडियो डाला था जिसमें उन्होंने बताया था कि जवानों को मिलने वाला खाना-पीना बहुत खराब है, जिस वजह से जवान बहुत परेशान हैं. यादव ने दो वीडियो और डालकर दिखाया था कि उन्हें कैसा नाश्ता और खाना मिलता है. वीडियो में यादव कहते हैं, "हमें नाश्ते में एक जला हुआ परांठा और चाय मिलती है. बटर, जैम, अचार कुछ नहीं. और खाने में दाल भी बस नमक और हल्दी डालकर. उसमें प्याज लहसुन तक नहीं होता."

यादव ने वीडियो में अपील की थी कि इसे ज्यादा से ज्यादा शेयर किया जाए. उन्होंने यह डर भी जताया था कि बोलने के लिए उन पर कार्रवाई हो सकती है. उनका वीडियो अब तक तीन लाख 70 हजार से ज्यादा बार शेयर हो चुका है. वायरल होने के बाद गृह मंत्री राजनाथ सिंह और गृह राज्य मंत्री किरेन रिजीजू ने ट्वीट कर बताया कि मामले की जांच की जाएगी. राजनाथ सिंह ने लिखा, "मैंने बीएसएफ जवान की दुर्दशा का वीडियो देखा है. मैंने होम सेक्रटरी को बोला है कि बीएसएफ से इस बारे में फौरन रिपोर्ट तलब करें और जरूरी कार्रवाई करें."

अपने वीडियो में यादव ने आरोप लगाया है कि जवानों को सुविधाएं न मिलने के पीछे अफसरों का भ्रष्टाचार है. वह कहते हैं कि सरकार तो पूरी सुविधाएं देती है और सामान भी भेजती है लेकिन अफसर सब बेच देते हैं. यादव कहते हैं, "हमारी क्या सिचुएशन है, ये ना कोई मीडिया दिखाता है, ना कोई मिनिस्टर सुनता है... आप सबको दिखाएं कि हमारे अधिकारी हमारे साथ कितना अत्याचार करते हैं."

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वीडियो वायरल होने के बाद यादव को लाइन ऑफ कंट्रोल से उनकी बटालियन 29 बीएसएफ के मुख्यालय पुंछ में भेज दिया गया है.

40 साल के तेज बहादुर यादव कहते हैं कि हम लोग 11 घंटे लगातार खड़े होकर ड्यूटी करते हैं जिसके बाद हमें इस तरह का खाना मिलता है, तो जवान ड्यूटी कैसे कर सकता है. इस बारे में गृह राज्य मंत्री किरन रिजीजू ने भी ट्वीट किया है. उन्होंने लिखा है, "हमने बीएसएफ जवान के वीडियो को गंभीरता से लिया है. लेकिन मैं बॉर्डर की चौकियों पर जाता रहता हूं और मुझे जवान हमेशा बहुत खुश मिलते हैं."

बीएसएफ का कहना है कि यादव का पहले भी कोर्टमार्शल हो चुका है. एनडीटीवी की वेबसाइट के मुताबिक बीएसएफ ने कहा कि अपने सीनियर पर हमला करने के लिए यादव का चार साल पहले कोर्ट मार्शल हुआ था लेकिन दया के आधार पर उसे नौकरी से नहीं हटाया गया था.