सी सेक्शन का बच्चे की सेहत पर असर
दुनिया भर में हर तीन में से एक बच्चा सी-सेक्शन से यानि पेट चीर कर निकाले जाने वाले बड़े ऑपरेशन से दुनिया में आता है. लेकिन इससे बच्चे की सेहत पर हमेशा के लिए बुरा असर हो सकता है.
जान बचाने की मजबूरी
डब्ल्यूएचओ की सलाह है कि अगर बच्चे या मां की जान को खतरा हो तभी सी सेक्शन किया जाना चाहिए. चूंकि औसत रूप से ऐसा केवल 10 से 15 फीसदी मामलों में ही होता है इसलिए संस्था भी ऑपरेशन का औसत इसी के आसपास रखना चाहती है.
तनाव अच्छा है
सी-सेक्शन से होने वाली डिलिवरी फटाफट होती है और इसमें बच्चे को ज्यादा तनाव भी नहीं झेलना पड़ता. लेकिन वैज्ञानिकों का मानना है कि मां की योनि से बाहर निकलने वाले बच्चों को जिस तरह के तनाव का सामना करता पड़ता है, वह उनके दिमाग के लिए अच्छा होता है.
तनाव झेलने के लिए तैयार
विशेषज्ञों का मानना है कि जन्म के वर्त का तनाव बच्चे को बड़े होने पर दुनिया भर का तनाव ज्यादा बेहतर तरीके से झेलने में मदद करता है. जहां जर्मनी में एक तिहाई मामलों में डिलीवरी सी सेक्शन से होती है वहीं भारत में केवल 18 फीसदी मामलों में इसका सहारा लिया जाता है.
इम्युनिटी पर असर
किसी भी छोटी या बड़ी बीमारी से लड़ने के लिए जरूरी शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली यानि इम्युनिटी का भी जन्म के तरीके से संबंध पाया गया. जो बच्चे सी सेक्क्शन से निकले वे कम बैक्टीरिया के संपर्क में आए और इसीलिए उनमें जन्मजात इम्युनिटी भी कम पाई गई.
फेफड़ों पर असर
प्राकृतिक रूप से जन्म लेने की प्रक्रिया में बच्चा गर्भाशय से निकल कर पेल्विक फ्लोर में स्थित बर्थ कैनाल से होते हुए अंतत: योनि के रास्ते बाहर निकलता है. पानी के माहौल से बाहर निकलते ही उसे पहली बार हवा में सांस लेनी होती है. लेकिन जन्म लेने की इस लंबी यात्रा में उसके फेफड़े बेहतर रूप से तैयार होते हैं.
पाचन से लेकर सब कुछ
अब इसकी व्यापक वैज्ञानिक समझ बन चुकी है कि किसी के शरीर में पाए जाने वाले सूक्ष्मजीवों का समूह उसके शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य का स्तर तय करते हैं. इसीलिए जन्म के समय मां के शरीर के माइक्रोबायोम का बड़ा हिस्सा लेकर निकलना बच्चे के बहुत काम आता है.
लिवर पर असर
बर्थ कैनाल से होकर निकलने से शरीर पर पड़ने वाले दबाव के कारण लिवर में संदेश जाता है कि उसे ऊर्जा के भंडार खोल देने चाहिए. बाहर निकलते ही जब बच्चे को मां से जोड़ने वाली गर्भनाल कटती है तो फिर वह निर्बाध रूप से लिवर से सप्लाई लेने लगता है.
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