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समाज

हवाला रैकेट से दलाई लामा तक की जासूसी!

आमिर अंसारी
१७ अगस्त २०२०

फर्जी नाम से भारत में रह रहे चीनी नागरिक के हवाला रैकेट में गिरफ्तारी के बाद यह खुलासा हुआ है कि वह बौद्ध धर्म गुरु दलाई लामा की जासूसी कर रहा था. जानकारी पाने के लिए वह मोटी रकम खर्च कर रहा था.

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तस्वीर: Reuters/C. Kilcoyne

भारतीय मीडिया में ऐसी खबरें हैं कि हवाला रैकेट में गिरफ्तार चीनी नागरिक लुओ सांग उर्फ चार्ली पेंग बौद्ध धर्म गुरु दलाई लामा की जासूसी कर रह था. हवाला रैकेट की जांच कर रही एजेंसियों ने चीनी नागरिक चार्ली पेंग को आयकर विभाग ने 11 अगस्त को दिल्ली से गिरफ्तार किया था. अब जांच एजेंसियों को संदेह है कि वह बौद्ध धर्म गुरु दलाई लामा की जासूसी कर रहा था. भारत में जासूसी के आरोप में पहले कई बार पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के एजेंट गिरफ्तार किए जा चुके हैं. आईएसआई से पैसे लेकर कई नागरिक भी जासूसी के आरोप में पहले गिरफ्तार हो चुके हैं और उनसे अहम जानकारी भी मिली है. लेकिन चीन और भारत के बीच एलएसी पर तनाव के बीच चीनी नागरिक का हवाला रैकेट और जासूसी के आरोप में गिरफ्तार होना चिंता का विषय है.

तिब्बतियों पर नजर

चीनी नागरिक लुओ सांग को लेकर कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं. वह भारत में "चार्ली पेंग" के फर्जी नाम से रह रहा था. वह दिल्ली समेत देश के अलग-अलग इलाकों में निर्वासित तिब्बतियों से मेलजोल बढ़ाकर और उनके ठिकानों के बारे में जानकारी जुटा रहा था. रिपोर्ट्स के मुताबिक वह दिल्ली के मजनूं का टीला में कई लामाओं के संपर्क में था और उसने जानकारी के बदले में दो से तीन लाख रुपये दिए थे. मजनूं का टीला तिब्बती शरणार्थी कॉलोनी है. लुओ सांग लेन-देन से जुड़ी बातचीत और खुफिया जानकारी चीनी ऐप वी चैट पर करता था. भारत ने जिन 59 चीनी ऐप को बैन किया था उसमें वी चैट भी शामिल है.

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तिब्बतियों पर नजर रखता था लुओ सांग.तस्वीर: AP

कौन है "जासूस चार्ली"

42 साल के लुओ सांग को दिल्ली पुलिस ने 2018 में जासूसी और जालसाजी के आरोप में गिरफ्तार किया था हालांकि बाद में उसे कोर्ट से जमानत मिल गई थी. जांच में यह भी सामने आया है कि सांग 2014 में नेपाल के रास्ते भारत में गैर कानूनी तरीके से दाखिल हुआ था. उसने मिजोरम की महिला से शादी कर ली और मणिपुर से उसने फर्जी नाम पर भारतीय पासपोर्ट हासिल किया. इसी नाम से उसने पैन कार्ड और आधार कार्ड भी बनवा लिया.

11 अगस्त को आयकर विभाग ने दिल्ली, गाजियाबाद और गुरुग्राम के 21 ठिकानों पर सर्च ऑपरेशन चलाया था. विभाग को चीनी नागरिक के मनी लॉन्ड्रिंग में शामिल होने की पुख्ता सूचना मिली थी. इसी छापेमारी के दौरान सांग का नाम सामने आया और छापेमारी वाली एक जगह से उसे गिरफ्तार किया गया था. आयकर विभाग का कहना है कि सांग के नाम 8-10 बैंक खाते हैं और उसने लेन-देन के लिए फर्जी कंपनियां बना रखी थीं.

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