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दलाई लामा पर नाराज चीन ने किया पलटवार

२० अप्रैल २०१७

चीन ने भारत के विवादित प्रांत अरुणाचल प्रदेश में छह जगहों के नाम की मानकीकृत स्पेलिंग जारी की हैं. चीन के विदेश मंत्रालय ने इसे संप्रभुता पर दावा बताया है.

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Indien Arunachal Pradesh - Tawang Kloster
तस्वीर: picture-alliance/dpa/dinodia

चीन के साथ पिछले दिनों भारत के कई मुद्दे पर मतभेद रहे हैं, जिनमें एनएसजी की सदस्यता, पाकिस्तान के इस्लामी कट्टरपंथियों को संयुक्त राष्ट्र द्वारा आतंकी घोषित कराये जाने की कोशिश और गिलगित बल्तिस्तान से होकर पाकिस्तान के साथ आर्थिक कॉरिडोर बनाना शामिल हैं. लेकिन चीन खास तौर पर तिब्बत के धार्मिक नेता दलाई लामा के अरुणाचल दौरे के बाद खासा नाराज है. चीन दलाई लामा को खतरनाक अलगाववादी समझता है और उनकी हर मुलाकात या दौरे का विरोध करता है.

अरुणाचल प्रदेश भारत के पूर्वोत्तर में बसा प्रांत है जिसे चीन पिछले कुछ सालों से दक्षिणी तिब्बत बताकर उस पर दावा कर रहा है. पिछले हफ्ते चीन के नागरिक मामलों के मंत्रालय ने अरुणाचल की छह जगहों के नाम चीनी, तिब्बती और अंग्रेजी में जारी किये. इन्हें चीन इन जगहों का औपचारिक नाम समझता है.

चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लू कांग ने कहा कि यह कदम उचित है और लंबे समय से तिब्बतियों द्वारा इस्तेमान किये जाने वाले नामों को प्रतिबिंबित करता है. लू ने अपनी नियमित ब्रीफिंग में कहा, "ये नाम ये भी दिखाते हैं और एक पहलू से व्याख्या करते हैं कि दक्षिणी तिब्बत पर चीन के क्षेत्रीय दावे का ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और प्रशासनिक आधार है."

भारतीय अधिकारियों ने दलाई लामा की दूसरी अरुणाचल यात्रा पर चीन की आलोचना को ठुकरा दिया था और कहा था कि वे आध्यात्मिक नेता हैं जिनके उस इलाके में  अनुयायी हैं. दलाई लामा चीनी शासन के खिलाफ विफल विद्रोह के बाद 1959 में तिब्बत से भागकर भारत चले आये थे और तब से धर्मशाला में रह रहे हैं. उनका कहना है कि वे चीन से तिब्बत के लिए आजादी नहीं, बल्कि असली स्वायत्तता चाहते हैं.

एमजे/एके (रॉयटर्स)