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सोलोमन आईलैंड्स और चीन ने किया समझौता

२० अप्रैल २०२२

अमेरिका की चेतावनी और ऑस्ट्रेलिया की चिंताओं को धता बताते हुए चीन ने प्रशांत महासागर स्थित द्वीपीय देश सोलोमन आईलैंड्स के साथ रक्षा समझौता कर लिया है.

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चीन और सोलोमन आईलैंड्स में समझौता
चीन और सोलोमन आईलैंड्स में समझौतातस्वीर: Thomas Peter/REUTERS

चीन ने सोलोमन आईलैंड्स के साथ एक समझौता किया है जिसे लेकर पश्चिमी देश पहले से ही चिंता जता रहे थे. ऑस्ट्रेलिया के पास ही स्थित सोलोमन आईलैंड्स के प्रधानमंत्री मनासे सोगावारे ने बुधवार को कहा कि उनकी सरकार ने चीन के साथ "आंखें खोलकर" समझौते पर दस्तखत किए हैं. हालांकि इस समझौते की शर्तें सार्वजनिक करने के सवाल का उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया.

मंगलवार को चीन ने इस समझौते का ऐलान किया. मंगलवार को चीन की शिन्हुआ समाचार एजेंसी ने विदेश मंत्री वांग यी के हवाले से लिखा था कि दोनों देशों के बीच समझौते पर हस्ताक्षर हो गए हैं. शिन्हुआ के मुताबिक वांग यी ने कहा, "दोनों पक्ष सामाजिक व्यवस्था, लोगों के जान ओ माल, मानवीय सहायता और आपदा प्रबंधन के क्षेत्रों में सहयोग करेंगे, ताकि सोलोमन आईलैंड्स की अपनी सुरक्षा कर पाने की क्षमता को बढ़ाया जा सके."

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अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया काफी समय से इस समझौते को लेकर चिंताएं जता रहे थे. उन्होंने आशंका जताई थी कि इस समझौते के जरिए चीन दक्षिणी प्रशांत क्षेत्र में अपनी सैन्य मौजूदगी बढ़ाना चाहता है.

सोगारेव की सरकार ने इन चिंताओं की परवाह नहीं करते हुए समझौता करने का फैसला किया. उन्होंने अपनी संसद को "गौरव और सम्मान" का अनुभव करते हुए जानकारी दी कि अधिकारियों ने "कुछ दिन पहले" इस समझौते पर दस्तखत किए हैं. लेकिन विपक्ष ने जब जानना चाहा कि समझौता क्या हुआ है और उसे कब सार्वजनिक किया जाएगा, तो उन्होंने बताने से इनकार कर दिया.

इतनी चिंता क्यों है?

इस समझौते के प्रस्ताव का एक मसौदा पिछले महीने लीक हो गया था, जिसने खासतौर पर पश्चिमी देशों को परेशान कर दिया था. उस मसौदे में एक शर्त यह भी थी कि समझौते के तहत चीन की जल सेना को सोलोमन आईलैंड्स पर तैनाती का अधिकार मिल जाएगा. उसके बाद ही ऑस्ट्रेलिया और अमेरिका इस समझौते को रोकने की कोशिश में जुट गए थे लेकिन वे नाकाम रहे.

सोलोमन आईलैंड्स का ऑस्ट्रेलिया के साथ भी एक रक्षा समझौता है जो अगस्त 2017 में हुआ था. उस समझौते के तहत जरूरत पड़ने पर ऑस्ट्रेलिया की पुलिस, सेना और नागरिक अधिकारियों को द्वीपीय देश में तैनात किया जा सकता है.

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सोगारेव ने कहा कि चीन के साथ जो समझौता हुआ है वह ऑस्ट्रेलिया के साथ समझौते के संपूरक के तौर पर काम करेगा. उन्होंने कहा कि यदि उनका देश मौजूदा स्थिति में बदलाव नहीं करता तो ‘गंभीर सुरक्षा अंतर' को पाटने में मुश्किल होती. सोगारेव ने कहा, "मैं लोगों को आशवस्त करना चाहता हूं कि चीन के साथ समझौता हमने खुली आंखों से किया है, जो हमारे राष्ट्रीय हितों के अनुरूप है." उन्होंने अपने "पड़ोसियों, दोस्तों और साझीदारों से सोलोमन आईलैंड्स के संप्रभु हितों का सम्मान" करने को कहा.

ऑस्ट्रेलिया और अमेरिका ने की आलोचना

ऑस्ट्रेलिया की विदेश मंत्री मरीस पाएन ने इस समझौते के लिए सोगोरेव सरकार की आलोचना की है. उन्होंने पादर्शिता की कमी का आरोप लगाया और कहा कि अन्य प्रशांत देशों से इस बारे में विचार-विमर्श नहीं किया गया. पिछले हफ्ते ही देश के प्रशांत मामलों के मंत्री जेड सेसेल्या ने सोलोमन आईलैंड्स की यात्रा की थी और उसे समझौता ना करने के लिए मनाने की कोशिश की थी. अमेरिका के एशिया मामलों के मंत्री कर्ट कैंबल और ईस्ट एशियन व प्रशांत मामलों के सहायक मंत्री डेनियल क्रिटेनब्रिंक इसी हफ्ते सोलोमान आईलैंड्स जा रहे हैं.

व्हाइट हाउस के एक प्रवक्ता ने इसी हफ्ते कहा था कि अमेरिका इस मामले पर सोलोमन आईलैंड्सके नेताओं के साथ बात करेगा. इस प्रवक्ता ने कहा, "हम इस समझौते में पारदर्शिता की कमी और स्पष्टता ना होने को लेकर चिंतित हैं क्योंकि यह चीन उसी चलन का हिस्सा है जिसके तहत चीन मछली पकड़ने, संसाधनों के प्रबंधन और विकास सहायता आदि के बारे में बिना क्षेत्रीय सहयोगियों से परामर्श किए अस्पष्ट समझौते कर रहा है."

वीके/एए (रॉयटर्स, एपी, एएफपी)

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