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भारत कांग्रेसमुक्त होने के कगार पर है?

विवेक कुमार२० मई २०१६

कांग्रेस भारत के अब सिर्फ 7 राज्यों में सत्ता में बची है. उनमें से दो में तो गठबंधन की सरकार है. और कर्नाटक को छोड़ दें तो बाकी राज्य इतने छोटे हैं कि कांग्रेस का मजाक बन गया है.

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राहुल गांधी और सोनिया गांधी
राहुल गांधी और सोनिया गांधीतस्वीर: picture-alliance/dpa

शुक्रवार सुबह से भारत में ट्विटर पर “6% of India” ट्रेंड करने लगा. ये 6 फीसदी भारतीय वे हैं जिन पर कांग्रेस राज करती है. गुरुवार को आए चुनावी नतीजों के बाद कांग्रेस के हाथ से केरल और असम भी निकल गया है. इंडियन एक्सप्रेस अखबार की एक रिपोर्ट के मुताबिक अब जिन राज्यों में कांग्रेस की सरकार बची है, उन राज्यों में भारत के सिर्फ 6 फीसदी से कुछ ही ज्यादा लोग रहते हैं.

कर्नाटक, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम और पुदुचेरी इन्हीं 7 राज्यों में अब कांग्रेस की सरकार है. इनमें से भी उत्तराखंड और पुदुचेरी में कांग्रेस गठबंधन का हिस्सा है. कर्नाटक को छोड़कर बाकी सभी छोटे राज्य हैं. यानी कुल मिलाकर कांग्रेस के पास अब जितना भारत बचा है वह केंद्रीय राजनीति में ज्यादा अहम भूमिका नहीं रखता है.

कांग्रेस की राजनीति कन्फ्यूजन की राजनीति रही है. गुरुवार को नतीजे आने के बाद भी देश कन्फ्यूज्ड है कि कांग्रेस को इस स्थिति की गंभीरता का अहसास है या नहीं. पार्टी की पहली प्रतिक्रिया थी कि राहुल गांधी इस हार के लिए जिम्मेदार नहीं हैं. वह कभी होते भी नहीं हैं. लेकिन कई नेता इस गंभीरता पर गंभीरता से बात कर रहे थे. केरल से कांग्रेस सांसद और पूर्व विदेश राज्य मंत्री शशि थरूर ने कहा कि अब आत्मचिंतन का वक्त नहीं है, कुछ करने का वक्त आ गया है. दिग्विजय सिंह ने भी कहा कि अब कुछ करना ही होगा. दिग्विजय सिंह ने ट्वीट किया, “आज के नतीजे निराशाजनक हैं लेकिन अप्रत्याशित नहीं हैं. हमने आत्मचिंतन काफी कर लिया है. क्या अब हमें एक मेजर सर्जरी नहीं कर लेनी चाहिए?”

हालांकि गुरुवार के नतीजों में कांग्रेस के लिए छोटी-मोटी ही सही, कुछ अच्छी खबरें भी हैं. मसलन, पश्चिम बंगाल और तमिलनाडु में उसका प्रदर्शन पहले से बेहतर रहा है. पश्चिम बंगाल में उसे 44 सीटें मिली हैं और अब वह मुख्य विपक्षी दल है. तमिलनाडु में उसे 8 सीटें मिली हैं जबकि पिछली बार उसके पांच सीटें थीं. असम में उसकी हार लगभग तय थी क्योंकि पिछली तीन बार से वह सत्ता में थी. कांग्रेस का डिजिटल कम्यूनिकेशन देखने वाले गौरव पंधी तो कहते हैं कि मीडिया कांग्रेस की हार को कुछ ज्यादा ही बढ़ा-चढ़ाकर दिखा रहा है. उन्होंने ट्वीट किया, “पांच राज्यों में कुल 822 सीटों पर चुनाव हुए थे. इनमें से बीजेपी ने 661 पर चुनाव लड़ा और कांग्रेस ने सिर्फ 341 पर. बीजेपी ने 65 जीतीं और कांग्रेस ने 115. तो बेहतर प्रदर्शन किसका है?”

वैसे, असल में तो बीजेपी को 64 सीटें मिली हैं. और कांग्रेस ने 112 सीटें हासिल की हैं. इससे कांग्रेस सांत्वना लेना चाहे तो अलग बात है लेकिन 2015 से अब तक 7 राज्यों के चुनाव हुए हैं. इनकी कुल 1135 विधानसभा सीटों में से कांग्रेस को सिर्फ 166 सीटें मिली हैं. ऐसा ही चलता रहा तो महात्मा गांधी का और उनके बहाने से नरेंद्र मोदी का कांग्रेसमुक्त भारत का सपना पूरा होने में ज्यादा देर नहीं है.