ताउते की तबाही के बाद 26 शव मिले, बचाव अभियान जारी
२० मई २०२१भारतीय नौसेना के जहाज और ओएनसीजी के ऑफशोर जहाज ने बुधवार को अरब सागर से 26 शव बरामद किए हैं. चक्रवात ताउते की चपेट में आने के बाद ओएनजीसी के लिए काम करने वाला बार्ज पी-305 डूब गया था. लापता हुए 61 लोगों की तलाशी का अभियान जारी है. बार्ज पी-305 पर सवार 50 लोग अब भी लापता हैं और एक टगबोट वराप्रदा में सवार 11 लोगों के बारे में कुछ भी पता नहीं चल पाया है.
बुधवार को अधिकारियों ने बताया कि बरामद शवों को भारतीय नौसेना के जहाजों द्वारा मुंबई लाया गया है जो पिछले 48 घंटों से बचाव अभियान पर गए थे. बजरे पी-305 पर मौजूद सभी लोगों ने लाइफ जैकेट पहन रखी थी, इसलिए बचाव दल ने लापता लोगों के जीवित मिलने की उम्मीद अभी छोड़ी नहीं है. जैसे ही चक्रवात ताउते ने महाराष्ट्र के तटीय क्षेत्रों को तबाह कर दिया और गुजरात की ओर बढ़ गया, बॉम्बे हाई फील्ड के अपतटीय विकास क्षेत्र में बार्ज पी-305 सोमवार देर रात डूब गया.
इस बार्ज में कुल 273 व्यक्ति सवार थे जिनमें 188 लोगों को बचा लिया गया है. इसके अलावा जीएएल कंस्ट्रक्टर पर 137 लोग फंसे थे जिन्हें बचा लिया गया है. बार्ज एसएस-3 पर 202 और सागर भूषण पर सवार 101 लोग सुरक्षित हैं. नौसेना के वेस्टर्न नवल कमांड के ऑपरेशन कमांडर एमके झा के मुताबिक तूफान के समय समुद्र में तेज लहरें उठ रही थीं जिस वजह से लाइफ राफ्ट पर बचाव दल सवार नहीं हो पाए.
कहां हुई चूक
उन्होंने कहा, "बचाए गए लोगों की आंखों में उम्मीद है लेकिन निश्चित रूप से वे व्यथित हैं... वे कई घंटों तक समुद्र की भयावह स्थिति से जूझते रहे." मुंबई में नौसेना के जहाज से उतरने के बाद बचाए गए एक व्यक्ति ने समाचार एजेंसी एएफपी को बताया, "हम भाग्यशाली हैं कि बच गए." उसने कहा, "भारतीय नौसेना हमारे लिए वरदान थी. वह ऐन वक्त पर पहुंच गई. हम बजरे से चिपके हुए थे और सौभाग्य से लाइफ जैकेट ने हमारी मदद की क्योंकि पानी हमारे सिर के ऊपर से गुजर रहा था."
अरब सागर में तूफान ताउते के आने को लेकर चेतावनी मौसम विभाग ने कई दिनों पहले ही जारी कर दी थी. इसके बावजूद ओएनजीसी के कई जहाज जिनमें 600 से अधिक लोग सवार थे. वे इस तूफान में फंस गए जिसकी वजह से कई लोगों की मौत हो गई. पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय ने गलती और लापरवाही के लिए उच्च स्तरीय जांच के लिए समिति का गठन किया है.
बुधवार को जारी मंत्रालय के बयान के मुताबिक, "ओएनजीसी के कई जहाज, जिनमें 600 से ज्यादा लोग सवार थे, चक्रवात ताउते के दौरान अपतटीय क्षेत्रों में फंसे हुए थे. फंसे होने, प्रवाहित होने और उसके बाद की घटनाओं के कारण कई लोगों की जान चली गई." इस समिति को जांच रिपोर्ट एक महीने के अंदर पेश करनी है. समिति को जिन विषयों पर जांच करना है उसमें एक विषय यह भी है कि क्या मौसम विभाग और अन्य एजेंसियों द्वारा दी गई चेतावनियों पर पर्याप्त रूप से विचार किया गया और उन पर कार्रवाई की गई.