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समाज

टिड्डी दल को भगा रहे हैं डीजे

३ जून २०२०

भारत के कई राज्यों में फसलों पर टिड्डी दलों के हमलों का खतरा मंडरा रहा है. टिड्डी दल को भगाने के लिए तरह-तरह के जुगाड़ अपनाए जा रहे हैं जिसमें बर्तन बजाने से लेकर ड्रोन के साथ-साथ डिस्क जॉकी का भी इस्तेमाल हो रहा है.

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प्रतीकात्मक तस्वीर.तस्वीर: AFP/S. Panthaky

टिड्डियों के झुंड का खतरा भारत के सात राज्यों के कृषि क्षेत्र पर मंडरा रहा है. टिड्डियों के दल ने राजस्थान, पंजाब और मध्य प्रदेश में सब्जियों और दलहन की फसल को संकट में डाल दिया है. दिल्ली स्थित कृषि थिंक टैंक के निदेशक भागीरथ चौधरी के मुताबिक, "हमने अब तक ऐसा नहीं देखा है जो पिछले छह महीनों में भारत में देखा. इतिहास में भी नहीं देखा."

किसानों ने पिछले साल के आखिर में शुरू हुए टिड्डी दलों के हमले से गेहूं और तिलहन की फसलों को तो किसी तरह से बचा लिया था. लेकिन इस वक्त जब सरकार कोरोना वायरस से निबटने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा रही है उसी दौरान टिड्डी के नए दलों ने धावा बोल दिया है. कोरोना लॉकडाउन की वजह से देश की अर्थव्यवस्था की हालत पहले से ही खस्ता है.

मार्च के आखिर में भारत में कोरोना वायरस के फैलाव को रोकने के लिए लॉकडाउन लागू किया गया था. लॉकडाउन के कारण लाखों लोगों की आजीविक चली गई और वे भुखमरी के कगार पर पहुंच गए. किसान अपनी फसल काटने में असक्षम रहे क्योंकि कृषि क्षेत्र में काम करने वाले मजदूरों की कमी हो गई. इस वक्त देश टिड्डी दल के सबसे खराब हमलों से जूझ रहा है. ऐसा हमला दशकों में नहीं हुआ. देश के पश्चिमी राज्य से लेकर उत्तर और मध्य राज्य तक टिड्डी दल के आतंक से खौफ में हैं. गुजरात, राजस्थान, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के कुछ इलाकों में टिड्डी दल के द्वारा किए गए नुकसान को देखा जा रहा है. देश के पूर्वी और दक्षिण राज्य भी अलर्ट पर हैं. इसके पहले सबसे खतरनाक हमला 1993 में हुआ था. उस वक्त भारत-पाकिस्तान सीमा के पास भारी बारिश के कारण टिड्डियों के लिए प्रजनन की अनुकूल स्थिति बन गई थी.

Heuschreckenplage in Indien
टिड्डी दल को भगाने के लिए कीटनाशक का छिड़काव.तस्वीर: AFP/S. Panthaky

पिछले कई सालों तक इन पंख वाले आक्रमणकारियों ने राजस्थान के सीमावर्ती इलाकों में ही घुसपैठ की थी, लेकिन कृषि विशेषज्ञ का कहना है कि यह दुर्लभ है कि टिड्डी दल इस बार गैर रेगिस्तानी क्षेत्र के भीतर तक चले गए हैं.

टिड्डी को भगाने के तरीके

इस साल टिड्डियों के व्यापक फैलाव से किसान और आम लोग हैरान हैं. किसानों और आम लोगों ने टिड्डियों के दलों को भगाने के लिए अल्पविकसित प्रयासों का सहारा लिया है. कुछ लोगों ने अपने ट्रैक्टर पर कीटनाशक स्प्रेयर को लगाया है ताकि टिड्डियों पर कीटनाशक का छिड़काव किया जा सके. कुछ लोग स्टील के बर्तन को पीट कर आवाज के सहारे उन्हें भगाने की कोशिश कर रहे हैं. कुछ किसान टिड्डियों को भगाने के लिए पटाखे और तेज आवाज में संगीत बजा रहे हैं ताकि फसलों पर टिड्डी दल हमला ना कर सके. उत्तर प्रदेश के एक किसान ने तो शादी में इस्तेमाल होने वाले डिस्क जॉकी का इस्तेमाल टिड्डियों को भगाने के लिए किया.

टिड्डी एक दिन में 150 किलोमीटर तक उड़ने की क्षमता रखती है. ये एक दिन में अपने वजन के बराबर अनाज खा सकती है. एक वर्ग किलोमीटर में 4 से 8 करोड़ तक वयस्क टिड्डियां हो सकती हैं जो एक दिन में इतना भोजन चट कर सकती हैं जितना 35,000 लोग खाते हैं.

चौधरी कहते हैं, "किसान रो रहे हैं, उन्हें नहीं पता है कि क्या करना है. यह एक प्राकृतिक आपदा की तरह है." पिछले हफ्ते दिल्ली और आस पास के क्षेत्र में टिड्डी दलों के संभावित हमले को लेकर अलर्ट जारी किया गया था.

टिड्डी दलों के हमले के कारण पूर्वी अफ्रीकी देश जिनमें सोमालिया, इथियोपिया, केन्या, इरीट्रिया और जिबूती में खाद्य संकट पैदा हो गया है. इस बार पाकिस्तान में भी दो दशकों में टिड्डी दल का सबसे खतरनाक हमला हुआ था जिसके बाद सरकार को राष्ट्रीय आपातकाल की घोषणा करनी पड़ी थी.

एए/सीके (रॉयटर्स)

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