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समाज

मिस्र के मुफ्ती ने बिटकॉइन को हराम करार दिया

३ जनवरी २०१८

एक फतवा जारी कर मिस्र के मुफ्ती ने लोगों को बिटकॉइन से दूर रहने को कहा है. उन्होंने कहा कि बिटकॉइन व्यक्ति, समूह और संस्थाओं को नुकसान पहुंचाता है.

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Bitcoin
तस्वीर: picture-alliance/dpa/J. Kalaene

मिस्र के शीर्ष इमाम ने बिटकॉइन में कारोबार को गैरकानूनी बताते हुए इसे इस्लाम में हराम करार दिया है. मिस्र की समाचार वेबसाइट अल-अहराम ऑन लाइन की रिपोर्ट के मुताबिक, शीर्ष मुफ्ती शेख शॉकी अल्लाम ने सोमवार को कहा कि डिजिटल क्रिप्टो-करेंसी के साथ कपट, अज्ञानता और धोखाधड़ी के खतरे जुड़े हुए हैं. एक आधिकारिक फतवे में अल्लाम ने कहा कि ऐसी आभासी मुद्रा में लेनदेन मुनासिब नहीं है, क्योंकि आधिकारिक रूप से इसे लेनदेन का सही तरीका नहीं माना जाता.

एक साल पहले बिटकॉइन का मूल्य एक हजार डॉलर था, जो साल खत्म होने से पहले बढ़कर 20 हजार डॉलर हो गया. फिर एक ही हफ्ते में इसकी कीमत सीधे 25 फीसदी गिर गई और तब चेतावनियां जारी हुईं कि यह बेहद खतरनाक गुब्बारे की तरह है, जो कभी भी पिचक सकता है. शीर्ष मुफ्ती ने कहा कि खतरा इसलिए है, क्योंकि बिटकॉइन किसी केंद्रीकृत प्राधिकरण की निगरानी में नहीं होता. फतवे में कहा गया है, "बिटकॉइन शरिया में हराम है, क्योंकि यह व्यक्ति, समूह और संस्थाओं को नुकसान पहुंचाता है."

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चेतावनी के बावजूद बिटकॉइन में रिकॉर्ड उछाल

मिस्र में अगस्त 2017 में बिटकॉइन का पहला एक्सचेंज खुला था. इसे अधिकारियों ने बीते महीने अवैध घोषित किया. बिटकॉइन क्रिप्टो करंसी है यानि इसे आप सामान्य मुद्रा की तरह हाथ में पकड़ नहीं सकते. ना नोट हैं और ना ही सिक्के, जो है बस ऑनलाइन है, वर्चुयल है. बैंक भी इसे मान्यता नहीं देते. लेकिन बावजूद इसके बिटकॉइन से अब इंटरनेट में चीजें खरीदी जा सकती हैं. दुनिया भर में इसका ट्रेंड बढ़ रहा है लेकिन सरकारें लोगों को इससे दूर रहने की ही हिदायत दे रही हैं. कोई नहीं जानता कि बिटकॉइन का भविष्य आखिरकार क्या होगा.

आईएएनएस/आईबी