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तुर्क राष्ट्रपति ने यूरोप को नए शरणार्थी संकट की चेतावनी दी

२३ दिसम्बर २०१९

सीरिया के इदलीप प्रांत पर रूस और सीरिया की वायुसेना ने हवाई हमले किए. करीब 400 हवाई हमलों के बाद इदलीब के हजारों लोग अपना घर छोड़ भाग गए हैं और कई हजार भागने की कोशिश में हैं.

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Schweiz UNHCR-Flüchtlingsforum in Genf | Recep Tayyip Erdogan, Präsident Türkei
तस्वीर: picture-alliance/AP Photos/Pool Presidential Press Service

तुर्की के राष्ट्रपति रेचेप तैयप एर्दोवान ने कहा कि सीरिया के इदलीब प्रांत में रूस के हमले की वजह से एक नया शरणार्थी संकट पैदा हो सकता है. ऐसी स्थिति में तुर्की नए शरणार्थियों को अपने देश में जगह नहीं देगा. फिलहाल दस हजार से ज्यादा लोगों ने इलाका छोड़ दिया है. अगर इदलीब के निवासियों के प्रति हिंसा नहीं रुकी तो यह संख्या बढ़ती जाएगी. एर्दोवान ने कहा कि इसका असर यूरोपीय देशों पर पड़ेगा, खासकर इसका प्रभाव ग्रीस को महसूस होगा.

फिलहाल तुर्की में 37 लाख सीरियाई शरणार्थी आधिकारिक रूप से रह रहे हैं. तुर्की पहले भी यूरोपीय देशों से कह चुका है कि वह और शरणार्थियों को अपने देश में पनाह नहीं देगा.

Syrien, Idlib: Erneute Zerstörung und Flucht
इद्लिब में हमले के बाद भागते लोग.तस्वीर: Getty Images/AFP/M. Haj Kadour

तुर्की ने पहले सक्रिय रूप से सीरियाई शरणार्थियों को खतरनाक रास्ते को पार कर ग्रीस में घुसने से रोका था. इसके बदले उसे यूरोपीय संघ से कुछ अरब डॉलर की मदद मिलने की उम्मीद थी. एर्दोवान ने यूरोपीय संघ पर आरोप लगाया कि तुर्की को अब तक कोई आर्थिक मदद नहीं दी गई है. तुर्की का कहना है कि उसे अब भी छह अरब यूरो की मदद यूरोपीय संघ से मिलने की उम्मीद है. हाल में सीरियाई कुर्दों पर तुर्की के हमले का अमेरिका और यूरोपीय संघ ने विरोध किया था. इन देशों ने कहा था कि सीरिया पर तुर्की के हमले ने हालात को अस्थिर कर दिया है. हालांकि तुर्की पर इसका खास असर नहीं हुआ.

एर्दोवान ने कहा, "हम यूरोपीय देशों से कहते हैं कि वे अपनी शक्ति सीरिया में उठाए जा रहे तुर्की के सही कदमों की जगह इदलीब में हो रहे नरसंहारों को रोकने में लगाएं." नौ साल से चल रहे सीरियाई संकट में अब तक तीन लाख लोग मारे जा चुके हैं. लाखों की संख्या में लोगों को अपने घर छोड़ने पड़े हैं. सीरियाई सरकार अपने पुराने क्षेत्रों को वापस प्राप्त करने में काफी हद तक सफल हुई है लेकिन इदलीब प्रांत में अभी भी कट्टरपंथियों का कब्जा है. वहां पर तुर्की की फौज भी तैनात है. 20 और 21 दिसंबर को रूसी और सीरियाई सेना ने इदलीब प्रांत पर करीब 400 हवाई हमले किए. इन हमलों की वजह से हजारों लोग अपने घर छोड़कर भाग निकले. जो लोग हमलों की वजह से फंसे रह गए वो भागना चाहते हैं.

Syrien, Idlib: Erneute Zerstörung und Flucht
हमलों से नष्ट हुई इमारतें.तस्वीर: Getty Images/AFP/A. Ketaz

सीरिया में फिलहाल कई पक्षों की लड़ाई चल रही है. रूस, सीरिया और ईरान सीरियाई सरकार और राष्ट्रपति बशर अल असद के समर्थन में है. अमेरिका के नेतृत्व में नाटो देश वहां जिहादी संगठनों जैसे इस्लामिक स्टेट के खिलाफ लड़ रहे हैं. हालांकि अमेरिका ने सीरिया से अपनी सेना वापस लेना शुरू कर दिया है. कुर्द लड़ाके सीरियाई सरकार और आईएस के खिलाफ लड़ रहे हैं. तुर्की कुर्द लड़ाकों पर हमलावर है. इदलीब के अधिकांश इलाकों पर फिलहाल तहरीर अल शाम नाम के एक जिहादी संगठन का कब्जा है जिसका अल कायदा से संबंध है.

आरएस/एके (रॉयटर्स, एएफपी)

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