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समाज

अंतरराष्ट्रीय अदालत के लिए पांच नए न्यायाधीश चुने गए

१३ नवम्बर २०२०

जर्मनी, जापान, चीन, युगांडा और स्लोवाकिया के पांच न्यायाधीशों को अंतरराष्ट्रीय अदालत के लिए चुना गया है. 15 सदस्यीय इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस के जजों का कार्यकाल नौ साल का होता है.

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तस्वीर: picture-alliance/Photoshot

जर्मनी से गियॉर्ग नॉल्टे, जापान से युजी इवासावा, यूगांडा की जूलिया सेबोतिंडे, स्लोवाकिया से पीटर तोम्का और चीन के हनशिन श्वे नए जज हैं, जिन्हें 15 सदस्यीय अंतरराष्ट्रीय अदालत के लिए चुना गया है. ये सभी जज अगले नौ साल के लिए चुने गए हैं. अंतरराष्ट्रीय अदालत नीदरलैंड्स के हेग में स्थित है. अंतरराष्ट्रीय अदालत में 15 न्यायाधीश होते हैं, जो संयुक्त राष्ट्र महासभा और सुरक्षा परिषद द्वारा नौ साल के कार्यकाल के लिए चुने जाते हैं. नए जज फरवरी 2021 से अपना कार्यभार संभालेंगे.

अंतरराष्ट्रीय अदालत की जिम्मेदारी यूएन के सदस्य देशों के बीच विवादों को सुलझाने की होती है. दो दौर के मतदान के बाद नाइजीरिया, रवांडा और क्रोएशिया के जज शीर्ष अदालत में जगह पाने में नाकाम रहे. चुने गए जजों में जापान के इवासावा, तोम्का और श्वे पहले से ही अंतरराष्ट्रीय अदालत के सदस्य हैं, लेकिन जर्मनी के गियॉर्ग नॉल्टे को पहली बार अंतरराष्ट्रीय अदालत में चुना गया है.

गियॉर्ग नॉल्टे को उनके चुनाव पर बधाई देते हुए संयुक्त राष्ट्र में जर्मन राजदूत क्रिस्टॉफ हॉएसगेन ने कहा कि उन्हें संयुक्त राष्ट्र में व्यापक समर्थन मिला है. उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा, "अंतरराष्ट्रीय कानून पर उनकी अच्छी पकड़ है. वे अपने अनुभव और समर्पण से अंतरराष्ट्रीय अदालत को समृद्ध करेंगे." उन्होंने आगे लिखा, "मुझे पूरा विश्वास है कि उनकी उत्कृष्ट विशेषज्ञता, निष्पक्षता और ईमानदारी अदालत के लिए अहम पूंजी साबित होगी."

भारत के लिए महत्वपूर्ण

इसी अदालत में भारत के कुलभूषण जाधव का केस चल रहा है जो पाकिस्तान में जासूसी के आरोप में हिरासत में हैं और जिन्हें मौत की सजा सुनाई गई है. इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस में भारत का मुकदमा लड़ने वाले वकील हरीश साल्वे का कहना है कि पाकिस्तान ने अब तक एफआईआर की कॉपी, चार्जशीट या सैनिक अदालत के फैसले की कॉपी भारत को नहीं दी है. उन्होंने कहा है कि भारत को फिर से अंतरराष्ट्रीय अदालत में जाना पड़ सकता है. तब कुलभूषण जाधव के मामले पर फैसला ये जज लेंगे.

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद और महासभा द्वारा हर तीन साल में अंतरराष्ट्रीय अदालत के लिए पांच जजों का चुनाव होता है. इस तरह का पहला चुनाव 1946 में हुआ था और तब से गुप्त मतदान द्वारा वोट डाले जाते हैं.

एए/एमजे (एपी, डीपीए)

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