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5 पाक नेवी अफसरों को सजा ए मौत

विवेक कुमार२४ मई २०१६

पाकिस्तानी नौसेना के पांच अफसरों को आतंकियों से संबंधों के लिए मौत की सजा सुनाई गई है. आरोप था कि इन पांचों ने आईएस आतंकियों के साथ मिलकर साजिश रची.

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Pakistan Hafen Gwadar
प्रतीकात्मक तस्वीरतस्वीर: picture-alliance/dpa

पाकिस्तान में पांच नौसेना अफसरों को मौत की सजा सुनाई गई है. इन अफसरों के आतंकवादी संगठन आईएस से संबंध साबित हुए. जांच में पता चला कि आईएस आतंकी एक पाकिस्तानी युद्धपोत का अपहरण करके उससे अमेरिकी जहाजों पर हमला करने की साजिश रच रहे थे. इस साजिश में नौसेना के ये पांच अफसर भी शामिल थे.

सब-लेफ्टिनेंट हमाद अहमद और चार अन्य अधिकारियों को एक नेवी ट्राइब्यूनल ने दोषी पाया. ये लोग 6 सितंबर 2014 को कराची के नेवल डॉकयार्ड पर हुए हमले के आरोपी थे. हमाद के पिता रिटायर्ड मेजर सईद अहमद ने डॉन अखबार को बताया, “पाचों पर इस्लामिक आतंकवादी संगठन आईएस से संबंध होने, बगावत, साजिश रचने और डॉकयार्ड पर हथियार ले जाने के आरोप थे.”

मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक हमलावर पाकिस्तानी युद्धपोत पीएनएस जुल्फिकार का अपहरण करने की साजिश रच रहे थे. इन लोगों की योजना थी कि इस युद्धपोत से अमेरिकी रीफ्यूल जहाजों पर हमला किया जाएगा. 2014 के हमले में सुरक्षाबलों ने दो आतंकवादियों को मार गिराया था और चार को पकड़ लिया था.

सईद ने आरोप लगाया कि उनके बेटे को निष्पक्ष सुनवाई का मौका नहीं दिया गया. उन्होंने कहा, “मैंने 15 अगस्त 2015 को जज एडवोकेट जनरल को खत लिखकर अपील की थी कि मेरे बेटे को निष्पक्ष सुनवाई के लिए एक वकील मुहैया कराया जाए. 21 सितंबर को जनरल ने जवाब दिया कि वकील पाने का विकल्प सुनवाई के दौरान मिलेगा.” सईद ने बताया कि वह सुनवाई शुरू होने का इंतजार कर रहे थे जब किसी ने उन्हें बताया कि उनके बेटे को कराची सेंट्रल जेल में भेज दिया गया है. जब वह अपने बेटे से मिलने कराची सेंट्रल जेल गए तो उन्हें पता चला कि सुनवाई पूरी हो चुकी है और मौत की सजा सुनाई गई है.

उनके बेटे के चार साथी इरफानुल्ला, मोहम्मद हमाद, अरसालन नजीर और हाशिम नसीर भी जेल में उसके साथ ही बंद थे. सईद ने कहा, “मेरे बेटे ने मुझे बताया कि नेवल कोर्ट ने उसे और उसके चार साथियों को एक गोपनीय सुनवाई के बाद मौत की सजा सुना दी है. उन्होंने मुझे बताया कि सुनवाई 12 अप्रैल को खत्म हुई और 14 अप्रैल को सजा सुना दी गई.”

सईद का कहना है कि मांगने के बावजूद उन्हें सुनवाई और बाकी कार्रवाई की प्रतियां उपलब्ध नहीं कराई गई हैं. वह इस फैसले के खिलाफ ऊपरी अदालत में अपील करेंगे. उनका दावा है कि उनके बेटे और अन्य चार अफसरों को बलि का बकरा बनाया जा रहा है क्योंकि सुरक्षा में कमियों की पोल खुल गई है. सईद ने कहा कि सजा पाए पांचों अफसर नेवी में 4-5 साल से हैं और वे किसी जहाज को अगवा करने की काबिलियत नहीं रखते.

पाकिस्तानी नौसेना ने हालांकि अभी इसकी पुष्टि नहीं की है लेकिन ऐसा पहली बार है जब सेना के अफसरों को आतंकियों से संपर्क में सजा दी गई हो. भारत का आरोप रहा है कि पाकिस्तान की सेना कश्मीर में जिहाद के लिए आतंकी संगठन खड़े करती रही है. मुंबई के आतंकी हमले में भी भारत ने पाकितानी सेना के अफसरों के शामिल होने का आरोप लगाया था. लेकिन पाकिस्तान इस आरोप को नकारता रहा है.

वीके/एमजे (पीटीआई)