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अपराध

'बोरियत' के चलते कर दिये 100 से भी ज्यादा कत्ल

१३ नवम्बर २०१७

जर्मनी में सीरियल किलिंग का रोंगटे खड़े करने वाला ऐसा मामला सामने आया है जो उपन्यास या फिल्म की कहानी जैसा लगता है. सच ही कहा गया है, हकीकत कल्पना से ज्यादा अजीब होती है.

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Prozessauftakt gegen ehemaligen Krankenpfleger
तस्वीर: picture-alliance/dpa/Carmen Jaspersen

जर्मनी के इस नर्स का मामला हैरान कर देने वाला है. 2015 में नील्स होएगेल को दो हत्याओं का दोषी पाया गया था और अदालत ने उम्रकैद की सजा दी थी. धीरे धीरे जांच में और कत्लों की बात सामने आयी. जांचकर्ताओं को शक था कि उसने और भी कत्ल किए हैं. 10-15 से शुरू हुई संख्या अब 100 तक पहुंच गयी है और पुलिस का कहना है कि इस संख्या के और भी बढ़ने की संभावना है.

यह हैरतअंगेज मामला 2005 में सामने आया जब डेलमेनहोर्स्ट अस्पताल में एक नर्स ने नील्स को एक मरीज को इंजेक्शन देते हुए देखा. मरीज को बचाया लिया गया और 2008 में नील्स को गिरफ्तार किया गया. अदालत ने उसे कत्ल की कोशिश में साढ़े सात साल की कैद की सजा सुनायी. मामला मीडिया में उछला तो एक महिला ने शिकायत की कि उसकी मां की भी इसी तरह जान गयी थी. जांच के दौरान इस और एक अन्य कत्ल की पुष्टि हुई और नील्स को उम्र कैद सुनायी गयी. लेकिन जैसे जैसे छानबीन आगे बढ़ रही है, संख्या भी बढ़ती चली जा रही है. यह जर्मनी का सबसे बड़ा सीरियल किलिंग का मामला बन गया है.

हीरो बनना चाहता था

नील्स ने ये हत्याएं ओल्डनबर्ग शहर में काम करते हुए 1999 से 2005 के बीच की. उसने माना है कि वह मरीजों को ऐसी दवाएं इंजेक्ट करता था जिनके कारण दिल का दौरा पड़ता था या फिर खून का बहाव रुक जाता था. जब मरीज की हालत गंभीर हो जाती, तब वह उसकी जान बचाने के लिए फिर एक दवा देता. जब मरीज बच जाता, तो नील्स अपने सहकर्मियों की नजरों में हीरो बन जाता. लेकिन जान बचाने वाली दवा का असर अधिकतर कुछ वक्त के लिए ही हो पाता था और आखिरकार मरीज मर जाता.

अदालत में जब नील्स से ऐसा करने की वजह पूछी गयी तो उसका कहना था कि उसने ऐसा 'बोरियत' के कारण किया. उसका कहना था कि उस पर एक जुनून सवार था. जब वह लोगों को दोबारा जीवित कर पाता, तो बेहद खुश हो जाता और जब विफल रहता, तो निराशा में घिर जाता.

जांचकर्ताओं का कहना है कि नील्स को खुद भी याद नहीं है कि उसने कितनी जानें लीं. 30 मामले ऐसे थे, जो उसे ठीक ठीक याद थे. ओल्डनबर्ग पुलिस प्रमुख का कहना है कि उन्होंने कभी इतना पेचीदा मामला नहीं देखा है, "कई बार बारीकियां ऐसी थी कि हम उसकी कल्पना भी नहीं कर सकते थे."

आईबी/एमजे (एएफपी, डीपीए)