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उप चांसलर ने कहा, जर्मनी में कट्टरपंथी मस्जिदों पर लगे बैन

६ जनवरी २०१७

जर्मनी के उप चांसलर ने देश में बढ़ते इस्लामी कट्टरपंथी रुझान से निपटने के लिए कड़े कदम उठाने को कहा है. बर्लिन में क्रिसमस मार्केट में हुए "इस्लामिक स्टेट के हमले" के बाद उनका यह बयान आया है.

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Deutschland Sigmar Gabriel Bilanz zur Wirtschaftspolitik 2016
तस्वीर: Reuters/F. Bensch

उप चांसलर जिगमार गाब्रिएल ने साप्ताहिक समाचार पत्रिका डेय श्पीगेल के साथ एक विशेष इंटरव्यू में कहा कि "सलाफी मस्जिदों पर प्रतिबंध लगना चाहिए, ऐसे लोगों के जमा होने पर रोक लगनी चाहिए और ऐसे उपदेशकों को जल्द से जल्द देश से निकाला जाना चाहिए." उन्होंने कट्टरपंथियों को किसी कीमत पर बर्दाश्त न करने की बात कही. जर्मनी की सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी के नेता गाब्रिएल ने कहा कि जो लोग हिंसा को भड़काते हैं उन्हें धार्मिक आजादी के तहत संरक्षण नहीं दिया जा सकता.

माना जाता है कि जर्मनी में तेजी के साथ इस्लामी कट्टरपंथ फैल रहा है. इसे मानने वाले सोचते हैं कि इस्लाम और आधुनिकता का कभी मेल नहीं हो सकता. गाब्रिएल ने श्पीगेल से कहा, "अगर हम इस्लामी कट्टरपंथ और आतंकवाद से लड़ने के बारे में गंभीर हैं तो यह एक सांस्कृतिक लड़ाई भी होगी." जर्मन उप चांसलर ने बताया कि जो लोग सीरिया में आईएस के लिए लड़ने गए हैं उनमें से आधे जर्मन हैं और इनमें से बहुत से लोगों के माता पिता जर्मन हैं.

देखिए जर्मनी पर आतंक के साए

गाब्रिएल ने इस्लामी कट्टरपंथियों के खिलाफ कड़े कदम उठाने की अपील की है. जर्मनी में इस्लाम की कट्टरपंथी सलाफी शाखा भी काफी सक्रिय बताई जाती है. खुद के धार्मिक तरीकों को "सच्चा धर्म" करार देने वाले सलाफी रुढ़िवादी तरीके से कुरान का अनुवाद कर बीते सालों में जर्मन शहरों में कुरान बांट चुके हैं.

दिसंबर में बर्लिन क्रिसमस हमले को अंजाम देने वाले अनीस आमरी के संबंध भी कट्टरपंथियों से बताए जाते हैं. उसने लोगों पर ट्रक चढ़ाकर 12 लोगों की जान ले ली जबकि लगभग 50 को घायल कर दिया. बाद में, अनीस आमरी इटली में पुलिस के साथ एक मुठभेड़ में मारा गया. संदेह है कि वह आईएस से सहानुभूति रखता था.

देखिए जब गाड़ी बन गईं मौ

आमरी एक ट्यूनीशियाई शरणार्थी था और एक इराकी उपदेशक अबु वला के संपर्क में भी था. वला को पिछले साल नवंबर में कई लोगों के साथ गिरफ्तार किया गया. आरोप है कि ये लोग आईएस के लिए लोगों को भर्ती करने की कोशिश कर रहे थे. आमरी पर जर्मन अधिकारियों की नजर थी. लेकिन जांच के बाद सितंबर में पाया गया कि उससे कोई खतरा नहीं है. और फिर उसकी निगरानी बंद कर दी गई. चांसलर अंगेला मैर्केल ने नए साल पर अपने संदेश में कहा था कि इस बात की गहराई से पड़ताल की जाएगी कि इस्लामी कट्टरपंथी आतंकवाद से निपटने में कहां चूक हो रही है.

एके/एमजे (केएनए, डीपीए)