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आम चुनाव से पहले चांसलर मैर्केल की पार्टी को झटका

येंस थुराऊ
१५ मार्च २०२१

जर्मनी में इस साल सितंबर में आम चुनाव होने हैं. उससे पहले दो राज्यों में हुए विधानसभा चुनावों में चांसलर अंगेला मैर्केल की पार्टी को हार का मुंह देखना पड़ा है. ग्रीन पार्टी की लोकप्रियता लगातार बढ़ रही है.

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जर्मन चांसलर अंगेला मैर्केल
मैर्केल के ऊपर पार्टी को हार की निराशा से निकालने की जिम्मेदारी हैतस्वीर: Markus Schreiber/AFP/Getty Images

बाडेन-वुएर्टेमबर्ग और राइनलैंड पेलेटिनेट में रविवार को विधानसभा चुनाव के नतीजों से साफ है कि दोनों राज्यों के मुख्यमंत्री अपनी कुर्सी बचाने में कामयाब रहे हैं. बाडेन-वुएर्टेमबर्ग की कमान ग्रीन पार्टी के विनफ्रीड क्रेचमन के हाथ में है, तो राइनलैंड पैलेटिनेट में सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी की मालु ड्रेयर सरकार का नेतृत्व कर रही हैं.

दोनों ही मुख्मंत्रियों के लिए चुनाव के नतीजे राहत लेकर आए हैं क्योंकि दोनों ही जगह लोगों में लॉकडाउन की पाबंदियों को लेकर बेचैनी थी. लेकिन राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि लोगों ने संकट के समय बदलाव की बजाय मौजूदा सरकारों में अपना भरोसा कायम रखा है.

जर्मन संसद के निचले सदन बुंडेस्टाग के अध्यक्ष और मैर्केल की सीडीयू पार्टी के सदस्य वोल्फगांग शॉएब्ले का कहना है, "लोगों ने व्यक्तित्वों को वोट दिया है और कोरोना वायरस संकट के कारण उन्हें बहुत बल मिला है."

मैर्केल की मुश्किल

दो राज्यों में हुए चुनावों के नतीजों को आगामी आम चुनावों के संकेत के रूप में देखा जा रहा है. 16 साल तक जर्मनी की चांसलर रहने के बाद अंगेला मैर्केल इस साल अपना पद छोड़ देंगी. यह अभी साफ नहीं है कि उनका कंजरवेटिव गठबंधन किसे उनका उत्तराधिकारी बनाता है. इसके लिए मैर्केल की पार्टी सीडीयू के अध्यक्ष आर्मिन लाशेट और गठबंधन सहयोगी सीएसयू पार्टी के अध्यक्ष मारकुस जोएडर मैदान में हैं. जिस किसी को भी यह जिम्मेदारी मिलेगी, उसके लिए रास्ता आसान नहीं होगा. महामारी के बीच चीजें उतनी आसान नहीं रही हैं और जवाब सत्ता में मौजूद लोगों से ही मांगे जाएंगे.

दोनों ही राज्यों में सीडीयू अपने लक्ष्यों को पाने में नाकाम रही है. बाडेन वुएर्टेमबर्ग में पार्टी अब तक के अपने निम्नतम स्तर पर पहुंच गई है, जहां उसे सिर्फ 23 प्रतिशत वोट मिले. यह बीते चुनाव के मुकाबले चार प्रतिशत कम हैं. वहीं राइनलैंड पैलेटिनेट में पार्टी को 5.8 प्रतिशत की गिरावट के साथ इस बार सिर्फ 26 प्रतिशत वोट मिले.

चुनाव नतीजों की एक वजह सीडीयू के नेतृत्व वाली संघीय सरकार के प्रदर्शन को भी माना जा रहा है. टीकाकरण को लेकर अफरा तफरी, स्कूल बंद करने का फैसला, लॉकडाउन की पाबदियां और विदेशों में तेजी से चल रहे टीकाकरण अभियान की खबरों को देखते हुए बहुत से लोग मैर्केल सरकार के प्रदर्शन से खुश नहीं हैं. इससे सीडीयू और सीएसयू को नुकसान उठाना पड़ा है.

इसके अलावा बीते दिनों भ्रष्टाचार के मामलों में इन दोनों पार्टियों के तीन सांसदों के इस्तीफों ने भी पार्टी की छवि को खराब किया है. इन सांसदों पर महामहारी के शुरुआती दौर में मास्क के कारोबार के जरिए गलत तरीके से पैसा बनाने के आरोप हैं. फिलहाल मैर्केल के लिए पार्टी को इन संकटों से निकालना एक बड़ी चुनौती है.

विनफ्रीड क्रेचमन
विनफ्रीड क्रेचमन की लोकप्रियता कायम हैतस्वीर: Uli Deck/dpa/picture alliance

फायदे में ग्रीन

राइनलैंड पैलेटिनेट राज्य में अपना वोट प्रतिशत बढ़ाने के बावजूद ग्रीन पार्टी सत्ताधारी गठबंधन में जूनियर पार्टी बनी रहेगी. वहीं बाडेन वुएर्टेमबर्ग में पार्टी के मुख्यमंत्री विनफ्रीड क्रेचमन में लगातार तीसरी जीत दर्ज की है. इस बार उनकी जीत का अंतर भी बहुत बड़ा है. इन नतीजों ने एक बार फिर साफ कर दिया है कि सितंबर में होने वाले राष्ट्रीय चुनावों के बाद ग्रीन पार्टी देश की संघीय सरकार का हिस्सा बनने जा रही है.

वहीं राइनलैंड पैलेटिनेट में जीत से एसपीडी उत्साहित है. पार्टी को इससे भरोसा जगा है कि वह भी चुनाव जीत सकती है. हालांकि राष्ट्रीय स्तर पर होने वाले सर्वे में सिर्फ 15 प्रतिशत लोगों ने एसपीडी के हक में अपनी राय जाहिर की है. अभी एसपीडी संघीय सरकार में सीडीयू-सीएसयू के साथ भागीदार है.

दोनों ही राज्यों में धुर दक्षिणपंथी एएफडी पार्टी को बड़ा नुकसान उठाना पड़ा है. मुख्य तौर पर पूर्वी राज्यों में जनाधार रखने वाली एएफडी को महामारी के दौर में अति कट्टर रवैया अपनाने की कीमत चुकानी पड़ी है. उधर अधिकारी भी धुर दक्षिणपंथी अतिवाद पर नजर रखने के लिए पार्टी की गतिविधियों की निगरानी कर रहे हैं.

वामपंथी पार्टी डी लिंके का प्रदर्शन भी दोनों राज्यों में खराब रहा. लेकिन इससे किसी को हैरानी नहीं है. पार्टी विधानसभा में पहुंचने के लिए न्यूनतम पांच प्रतिशत वोट पाने की शर्त को भी पूरा नहीं कर पाई. वैसे कारोबारी समर्थक एफडीपी पार्टी ने दोनों ही राज्यों में अपने प्रदर्शन को कुछ सुधारा है.

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