1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें

पांच दशक में दुनिया के दो तिहाई जंगली जीव खत्म

१३ अक्टूबर २०२२

दुनिया भर में जंगली जीवों की आबादी पिछले 50 वर्षों में दो तिहाई से ज्यादा घट गई है. कटते जंगलों और कचरे से भरते महासागरों से प्रकृति के कई हिस्से मिट रहे हैं. जल से लेकर जमीन तक वन्यजीवों की रिहाइश हर जगह खतरे में है.

https://p.dw.com/p/4I7rS
Fast 200 tote Wale an der Westküste Tasmaniens am Strand gefunden
तस्वीर: AFP

वर्ल्ड वाइल्डलाइफ फंड यानी डब्ल्यूडब्ल्यूएफ के ताजा आंकड़ों के मुताबिक 1970 से लेकर अब तक वन्यजीवों की आबादी करीब 69 प्रतिशत घट गई है. जूलॉजिकल सोसायटी ऑफ लंदन, जेडएसएल के निदेशक एंड्रयू टेरी का कहना है, "यह गंभीर कमी...बताती है कि प्रकृति उधड़ रही है और प्राकृतिक दुनिया खाली हो रही है."

यह भी पढ़ेंः तेजी से घटते जानवरों की आबादी से चिंतित देश

कुछ दशकों में ही गायब हो गये जीव

डब्ल्यूडब्ल्यूएफ ने 2018 में जेडएसएल के जमा किये आंकड़ों का इस्तेमाल किया है. इन आंकड़ों में 32,000 वन्य जीवों की आबादी के बारे में जानकारी है जिनमें 5,000 से ज्यादा प्रजातियां शामिल हैं. इन आंकड़ों के आधार पर दी गई रिपोर्ट में वन्यजीवों की आबादी दो तिहाई घटने की बात कही गई है. इसके पीछे जंगलों की कटाई, प्राकृतिक संसाधनों का भरपूर दोहन, प्रदूषण और जलवायु परिवर्तन को जिम्मेदार माना गया है.

पांच दशक में दो तिहाई जंगली जीव खत्म
अवैध शिकार ने भी बहुत से जीवों को धरती से मिटने की कगार पर पहुंचा दिया हैतस्वीर: World Wildlife Fund/AP/picture alliance

लातिन अमेरिका और कैरेबियाई देशों में वन्यजीवों की आबादी सबसे ज्यादा प्रभावित हुई है. इन देशों में महज पांच दशक में ही वन्यजीवों की आबादी 94 फीसदी घट गई है. अमेजन के ब्राजीलियाई हिस्से में तो गुलाबी डॉल्फिनों की संख्या सिर्फ 1994 से 2016 के बीच ही 65 फीसदी कम हो गई है.

इन आंकड़ों से जो जानकारी मिल रही है वह 2020 में डब्ल्यूडब्ल्यूएफ के पिछले आकलन से मोटे तौर पर एकसमान है. उस आकलन में प्रतिवर्ष वन्यजीवों की आबादी 2.5 फीसदी घटने की बात कही गई थी. डब्ल्यूडब्ल्यूएफ यूके के विज्ञान निदेशक मार्क राइट का कहना है, "प्रकृति भीषण तंगहाली में थी और यह अब भी वैसी ही है, निश्चित रूप से यह जंग हारी जा चुकी है."

जीव नहीं तो जंगल भी नहीं होगा

तत्काल मदद की जरूरत

हालांकि तमाम आशंकाओं के बीच यह रिपोर्ट कुछ उम्मीद भी जगाती है. डेमोक्रैटिक रिपब्लिक ऑफ कॉन्गो के काहूजी बियेगा नेशनल पार्क में गोरिल्ला की आबादी 1994 से 2019 के बीच 80 फीसदी कम हो गई. इसकी वजह थी मांस के लिए उनका शिकार. हालांकि विरुंगा नेशनल पार्ट में 2010 से 2018 के बीच उनकी आबादी 400 से बढ़ कर 600 हो गई.

पांच दशक में दो तिहाई जंगली जीव खत्म
हर तरफ से संकट का सामना कर रहे हैं जंगली जीवतस्वीर: DW

हालांकि बड़े पैमाने पर वन्यजीवों की घटती संख्या बता रही है कि उन्हें तत्काल मदद देने की जरूरत है. दिसंबर में दुनिया भर के प्रतिनिधि माट्रियल में जमा हो हैं जिससे कि वैश्विक स्तर पर वन्य जीवों और वनस्पतियों की रक्षा के लिए नई रणनीती बनाई जा सके. इसमें एक बड़ी चुनौती होगी वैश्विक संरक्षण के उपायों के लिए धन जुटाना. दुनिया के अमीर देशों से डब्ल्यूडब्ल्यूएफ ने जीवों के संरक्षण के लिए धन मुहैया कराने की मांग की है.

एनआर/आरपी (रॉयटर्स)