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समाजभारत

"महापंचायत" में मुस्लिमों के खिलाफ भड़काऊ बयान

आमिर अंसारी
४ अप्रैल २०२२

दिल्ली के बुराड़ी मैदान में रविवार को आयोजित हिंदू महापंचायत से विवाद खड़ा हो गया है. महापंचायत में मुसलमानों के खिलाफ भड़काऊ बयान दिए गए तो वहीं कुछ पत्रकारों ने कवरेज के दौरान अपने साथ बदसलूकी का आरोप भी लगाया.

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फाइल तस्वीर
फाइल तस्वीरतस्वीर: Hindustan Times/imago images

विवादित बयानों और मुस्लिमों के खिलाफ टिप्पणी करके अक्सर चर्चा में रहने वाले यति नरसिंहानंद सरस्वती ने दिल्ली में आयोजित हिंदू महापंचायत में एक बार फिर आपत्तिजनक टिप्पणी की, जिसके बाद सोशल मीडिया में उनका वीडियो वायरल हो गया. यह वही नरसिंहानंद जिन्हें पिछले साल दिसंबर में हरिद्वार में आयोजित तीन दिवसीय "धर्म संसद" में भड़काऊ बयान देने के मामले में गिरफ्तार किया गया था, फिलहाल वे जमानत पर हैं.

रविवार को उन्होंने हिंदू महापंचायत में कहा, "अगर कोई मुसलमान भारत का प्रधानमंत्री बनता है तो 20 सालों में 50 फीसदी हिंदुओं का धर्मांतरण हो जाएगा." उन्होंने महापंचायत को संबोधित करते हुए हिंदुओं को अपने अस्तित्व के लिए लड़ने के लिए हथियार उठाने का भी आह्वान किया.

इस महापंचायत के लिए दिल्ली पुलिस ने इजाजत नहीं दी थी और उसने बताया है कि भड़काऊ बयान के मामले में एफआईआर दर्ज की गई है. दिल्ली पुलिस के मुताबिक डासना देवी मंदिर के पुजारी यति नरसिंहानंद सरस्वती और सुदर्शन न्यूज के मुख्य संपादक सुरेश चव्हाणके सहित कुछ वक्ताओं ने दो समुदायों के बीच वैमनस्य, शत्रुता, घृणा और दुर्भावना को बढ़ावा देने वाले शब्द कहे. जिसके बाद इस संबंध में धारा 188/153A के तहत मामला दर्ज किया गया है और जांच की जा रही है.

नहीं थम रहा भड़काऊ बयान का सिलसिला

इस कार्यक्रम का आयोजन सेव इंडिया फाउंडेशन के संस्थापक प्रीत सिंह ने किया था. इसने पिछले साल जंतर मंतर पर भी एक विवादित कार्यक्रम आयोजित किया था, जिसमें मुस्लिम विरोधी नारे लगाए गए थे. प्रीत  सिंह को दिल्ली पुलिस ने इस मामले में गिरफ्तार किया था और फिलहाल वह जमानत पर बाहर हैं. उनके ट्विटर अकाउंट के मुताबिक, रविवार की महापंचायत की योजना इस साल 2 जनवरी से पहले ही बना ली गई थी.

दिल्ली पुलिस के एक अधिकारी ने अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस को बताया, "हम सभी फुटेज की जांच कर रहे हैं, घटना के दौरान दिल्ली पुलिस ने कुछ वीडियो भी रिकॉर्ड किए हैं. कानूनी राय लेने के बाद उचित कार्रवाई की जाएगी." फेक न्यूज पर गूगल, फेसबुक और ट्विटर से कड़ी कार्रवाई चाहता है भारत

पत्रकारों से बदसलूकी का आरोप

इस आयोजन को कवर करने गए कुछ पत्रकारों ने बदसलूकी का भी आरोप लगाया है. ऑनलाइन पोर्टल स्क्रॉल ने अपनी रिपोर्ट में लिखा है- 'द हिंदुस्तान गजट' के मीर फैसल, फोटो जर्नालिस्ट एमडी मेहरबान और न्यूजलॉन्ड्री के पत्रकार शिवांगी सक्सेना और रौनक भट के साथ इस कार्यक्रम में मारपीट की गई. रिपोर्ट के मुताबिक आर्टिकल 14 के लिए इवेंट को कवर कर रहे अरबाब अली, द क्विंट के रिपोर्टर मेघनाद बोस और एक अन्य पत्रकार के साथ गाली-गलौच भी की गई.

पुलिस का कहना है कि उसने कथित बदसलूकी के मामले में केस दर्ज कर लिया है और जांच की जा रही है. साथ ही पुलिस ने कहा है कि वह सोशल मीडिया पर भ्रामक व झूठी खबरें फैलाने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करेगी.

भड़काऊ बयान मामले में दिल्ली पुलिस ने अब तक कोई गिरफ्तारी नहीं की है. नरसिंहानंद हरिद्वार भड़काऊ मामले में जमानत पर बाहर हैं और अब वह वही सबकुछ कर रहे हैं जिसके लिए उन्हें जेल जाना पड़ा था. जमानत देते वक्त कोर्ट ने उनके इस तरह के आयोजनों में ना शामिल होने की शर्त रखी थी. वहीं सुप्रीम कोर्ट पर नरसिंहानंद के एक बयान के बाद अटॉर्नी जनरल ने अवमानना के मामले को लेकर मुकदमा चलाए जाने को मंजूरी दी थी.

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