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कैसे होता है अंतरिक्ष में सेक्स

मैरी सिना
२४ सितम्बर २०२१

अंतरिक्ष की तमाम इंसानी यात्राओं में सेक्स के बारे में जानने की स्वाभाविक चाहत रही है. लेकिन इस पर बात करना वर्जित माना जाता है. आइए आपको बताते हैं कि कॉस्मिक सेक्स के बारे में हमें क्या पता है और क्या नहीं.

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Zwei Astronauten umarmen sich
तस्वीर: GORODENKOFF PRODUCTIONS/Science Photo Library/imago images

जर्मन अंतरिक्षयात्री मथियास माउरर साक्षात्कारों के दौरान सहजता से जवाब देते हैं. अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) की अपनी आगामी छह महीने की यात्रा को लेकर पत्रकारों के हर सवाल का उनके पास बेहिचक जवाब होता है. लेकिन एक सवाल से माउरर भी थोड़ा हड़बड़ा जाते हैं- अंतरिक्ष में सेक्स की इच्छा.

डीडब्लू ने उनसे सवाल किया था कि क्या अंतरिक्षयात्रियों की सेक्स की चाहत को लेकर भी आपस में कोई बात हुई है या नहीं. जवाब में मथियास कहते हैं, "इस बारे में हमारी कोई बात नहीं हुई, क्योंकि वो एक प्रोफेश्नल माहौल होता है.”

सेक्स पर संकोच क्यों

लेकिन कमर्शियल उड़ानों की बदौलत ज्यादा से ज्यादा लोग अंतरिक्ष की सैर को जाने लगे हैं. अभी पिछले ही हफ्ते स्पेस एक्स ने चार यात्रियों को पृथ्वी की कक्षा का दौरा कराया था. आज से दस साल में अंतरिक्षयात्रियों का पहला जत्था अपने मंगल मिशन को निकलेगा. और ये कई साल चलेगा.

सेक्सुअलिटी यानी यौनिकता मानव प्रकृति में रची-बसी है. अंतरिक्ष के अभियानों में भी ये कामना अवश्यंभावी तौर पर बनी रहती है. लेकिन अंतरिक्ष विज्ञान में तरक्की के साथ साथ अंतरिक्ष में सेक्स को लेकर हमारी समझ अभी कच्ची ही है.

अमेरिका की अंतरिक्ष एजेंसी, नासा (नेशनल एयरोनॉटिक्स ऐंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन) इस बात पर जोर देती रही है कि अंतरिक्ष में इंसानों के बीच सेक्स नहीं हुआ है. अमेरिकी अंतरिक्षयात्री भी इस मुद्दे पर कन्नी काटते रहे हैं. अंतरिक्ष में जो थोड़े बहुत प्रयोग हुए है वे जानवरों पर केंद्रित थे ना कि इंसानों पर.

नासा में सीनियर बायोएथीस्ट के रूप मे 15 साल बिता चुके पॉल रूट वोल्पे ने डीडब्लू को बताया, "अगर हम लंबी अवधि वाली उड़ानों के बारे में गंभीर हैं तो हमें अंतरिक्ष में यौनिकता के बारे में और अधिक जानने की जरूरत है. लाजिमी तौर पर, यौनिकता भी उन स्थितियों का एक हिस्सा होगी.”

Deutschland ESOC in Darmstadt - Astronaut Matthias Maurer
जर्मन अंतरिक्ष यात्री मथियास माउरर ने बताया कि यौनिकता ट्रेनिंग का हिस्सा नहीं होती तस्वीर: DW/Z. Abbany

अंतरिक्ष में सेक्स

अंतरिक्ष में यौनिकता के मुद्दे पर बात करना सिर्फ इसलिए महत्त्वपूर्ण नहीं है क्योंकि ये एक ऐसी चीज है जो सबके जेहन में धंसी हुई है. ये पूछे जाने पर कि क्या यौनिकता भी अंतरिक्षयात्री की ट्रेनिंग का हिस्सा होती है, मथियास माउरर कहते हैं, "नहीं, लेकिन शायद होनी चाहिए.”

नासा में पूर्व वरिष्ठ चिकित्सा सलाहकार सारालिन मार्क ने डीडब्लू को बताया, "अगर हम कुल स्वास्थ्य के एक अहम घटक की तरह यौन सेहत को देखें तो हमें ये पता होना जरूरी है कि हम व्यक्तियों को किन स्थितियों में डाल रहे हैं.” सेक्स और हस्तमैथुन भौतिक और मानसिक सेहत से जुड़े हैं- अंतरिक्ष में यह तथ्य बदल नहीं जाता.

प्रोस्टेट में बैक्टीरिया पनपने के जोखिम से बचे रहने के लिए पुरुषों का स्खलन अनिवार्य है. ऑर्गेजम यानी सेक्स की चरम अनुभूति की अवस्था भी तनाव और चिंता को दूर करने में उपयोगी पाई गई है और उससे नींद भी अच्छी आती है. भारी दबाव वाले अंतरिक्ष अभियानों में तो ये काफी मददगार है. 

क्या अंतरिक्ष में किसी ने सेक्स किया है?

सिर्फ अंदाजा ही लगाया जा सकता है लेकिन लगता है कि अंतरिक्ष में सेक्स तो हुआ है. दो अंतरिक्ष अभियान ऐसे हैं जो अंतरिक्ष में पहले संभोग के घटित होने के लिए चिन्हित किए जा सकते हैं.

अंतरिक्ष की यात्रा करने वाली दुनिया की दूसरी महिला, रूसी अंतरिक्षयात्री स्वेतलाना सावित्सकाया, 1982 में आठ दिनों के लिए सोयूज टी-7 अंतरिक्ष अभियान में शामिल हुई थीं. उनके दो पुरुष सहकर्मी वहां पहले से थे. और ये स्त्री-पुरुष का पहला साझा स्पेस मिशन भी था.

जर्मन अंतरिक्षयात्री उलरिश वॉल्टर ने अपनी किताब ह्योलेनरिट डुर्च राउम उंड त्साइट (दिक-काल का एक भीषण सफर) में उस टीम के डॉक्टर गियोर्गेइविच गाजेन्को के हवाले से दर्ज किया है कि यौन संसर्ग को ही ध्यान में रखकर उस उड़ान की योजना बनाई गई थी.

चर्चा में रहा दूसरा अभियान 1992 का था जब नासा का अंतरिक्ष यान इंडेवर, एक शादीशुदा जोड़े के साथ रवाना किया गया था. मार्क ली और जेन डेविस दोनों अंतरिक्षयात्री थे और नासा में मिले थे. उड़ान से एक साल पहले उन्होंने गुपचुप विवाह कर लिया था. अंतरिक्ष की उनकी साझा उड़ान एक लिहाज से उनका हनीमून था.

NASA Astronaut und Astronautin Mark Lee and Jan Davis
मार्क ली और जेन डेविस की साझा उड़ान एक लिहाज से उनका हनीमून थातस्वीर: Bruce Weaver/AFP/Getty Images

धरती से कितना अलग है वहां पर सेक्स?

तो ये माना जा सकता है कि अंतरिक्ष में सेक्स एक वास्तविकता है. लेकिन वो धरती पर होने वाले सेक्स से कितना अलग है? कुछ बुनियादी बातें देखी जाएं- पहली बात है सेक्स की कामना.

हमारे पास सार्वजनिक रूप से जो थोड़ी बहुत सामग्री उपलब्ध है, उससे पता चलता है कि स्पेस में कामोद्दीपन कम रहता है. कम से कम यात्रा की शुरुआत में ऐसा नहीं होता है कि सेक्स की आग भड़क उठे.

ये इसलिए होता है क्योंकि माइक्रोग्रैविटी यानी अंतरिक्ष में महसूस होने वाली भारहीनता, से हॉरमोन में बदलाव होने लगते हैं, जैसे कि एस्ट्रोजन कम होने लगता है. उसके स्तर में कमी को सेक्स की चाहत में गिरावट से जोड़ा जाता है. 

दुर्भाग्यवश हम में से बहुत से लोगों को अंतरिक्ष में हॉरमोन के बारे में जानकारी, पुरुषों पर हुए परीक्षणों के आधार पर ही मिलती है. ऐसा इसलिए क्योंकि अंतरिक्षयात्रियों में सिर्फ साढ़े 11 प्रतिशत ही महिलाएं हैं. अंतरिक्ष में जाने वालीं अपेक्षाकृत कम औरतों ने, माहवारी रोकने के लिए गर्भनिरोधक उपायों की सहमति दी हुई होती है. लेकिन इसमें मुश्किल ये आती है कि पता नहीं चल पाता, हॉरमोन में बदलाव कृत्रिम वजहों से आते हैं या अंतरिक्ष उड़ान की वजह से.

अंतरिक्ष में सेक्स करने की इच्छा में बदलाव का दूसरा फैक्टर है अंतरिक्षयात्रियों के समय के बोध में बदलाव. सारालिन मार्क कहती हैं, "अगर आप ठीक इस समय धरती का चक्कर लगा रहे हैं, हर 90 मिनट में आपकी आंतरिक घड़ी की लय बदल जाती है और उससे सब कुछ बदल जाता है, जिसमें आपके सेक्स हॉरमोन भी शामिल हैं और संभवतः आपकी कामेच्छा भी.”

अंतरिक्षयात्री वॉल्टर का अनुभव भी विज्ञान से मेल खाता है. अपनी किताब में वो लिखते हैं कि अंतरिक्ष में अपनी दस दिन छोटी अवधि में उनमें सेक्स की इच्छा ही नहीं जगी. लेकिन एक उम्मीद हैः वॉल्टर के मुताबिक, अंतरिक्षयात्रियों की कामेच्छा, वहां कुछ सप्ताह बिताने के बाद फिर से सामान्य हो जाती है, यानी वापस पटरी पर आ जाती है.

पीरियड्स के दौरान भी मुमकिन है सेक्स

अंतरिक्षयात्रियों में सेक्स की उत्तेजना

वैसे कामेच्छा को लेकर हमारा ज्ञान अभी धुंधला ही है, लेकिन हमारे पास इसकी बेहतर जानकारी है कि क्या अंतरिक्ष में रहते हुए इंसानों में सेक्स की उत्तेजना पैदा हो सकती है या नहीं.

माइक्रोग्रैविटी यानी सूक्ष्मगुरुत्व की वजह से रक्त-प्रवाह का मार्ग उलट जाता है और वो शरीर के निचले हिस्से में जाने के बजाय ऊपर की ओर बहने लगता है- मस्तिष्क और छाती की ओर. इंटरनेट इस बारे में कई किस्म की अटकलों से भरा पड़ा है कि क्या इसी के चलते अंतरिक्ष में पुरुषों का शिश्न खड़ा नहीं हो पाता है.

सारालिन मार्क से जब ये पूछा गया कि स्पेस बोनर यानी अंतरिक्ष में शिश्न के आकार में असाधारण वृद्धि, क्या संभव है, तो उनका जवाब स्पष्ट थाः "जी हां, माइक्रोग्रैविटी उस पर कोई असर नहीं डालती.” रूट वुल्पे भी सहमत हैं: "कोई वजह नहीं कि ऐसा जीवविज्ञानी लिहाज से होना असंभव हो.”

दो बार अंतरिक्ष की यात्रा करने वाले अमेरिकी अंतरिक्षयात्री रॉन गारान को सोशल मीडिया नेटवर्किंग प्लेटफॉर्म- रेडडिट पर हुई एक ऑनलाइन परिचर्चा, आस्क मी ऐनीथिंग में पूछा गया था कि क्या अंतरिक्ष में इरेक्शन संभव है. उनका जवाब थाः "इंसानी जिस्म में जो कुछ भी धरती में घटित होता है वह भला अंतरिक्ष में क्यों नहीं हो सकता.”

औरतों के मामले में भी, अंतरिक्ष में कामोत्तेजना संभव है लेकिन योनि में आर्द्रता जिस भौतिक तरीके से धरती में महसूस होती है वैसी वहां नहीं होती. शून्य गुरुत्व में, निर्बाध बहने के बजाय, द्रव अपने मूल बिंदु पर ही जमा हो जाता है यानी एक बूंद या धब्बा जैसा वहां पर उभर आता है.

जहां चाह वहां राह

जीवविज्ञान की बुनियादी बातें तो बहुत हो गई. अब ये अंदाजा लगाना बाकी रह गया है कि आखिर अंतरिक्ष में सेक्स होता कैसे है. एक बात तो तय हैः अंतरिक्ष में सेक्स करना धरती पर सेक्स करने के मुकाबले ज्यादा मशक्कत का काम है.

शून्य गुरुत्व में, न्यूटन का गति का तीसरा सिद्धांत यानी हरेक क्रिया की बराबर और विपरीत प्रतिक्रिया होती है- एक वास्तविक चुनौती बन जाता है. वोल्पे कहते हैं, "हमें ये अंदाजा नहीं है कि संभोग की क्रिया में गुरुत्व हमारी कितनी मदद करता है. सेक्स में दबाव लगता है. अंतरिक्ष में किसी प्रतिबल की अनुपस्थिति में, संभोग का मतलब आप लगातार अपने साथी को खुद से दूर धकेल रहे होते हैं.”

लेकिन कहते हैं ना, जहां चाह वहां राह. जर्मनी के सरकारी रेडियो एनडीआर को दिए एक इंटरव्यू में वॉल्टर ने सुझाया कि अंतरिक्षयात्री सेक्स के लिए, महासागरों की डॉल्फिनों वाला तरीका अपना सकते हैं जहां एक तीसरी डॉल्फिन संभोगरत अन्य दो साथियों को पकड़े रहती है ताकि वे एकदूसरे से छिटकते न रहें.

वोल्पे के पास एक और आईडिया हैः "अंतरिक्ष स्टेशन की दीवारों में हर चीज वेल्क्रो की चिप्पियों से ढकी रहती है. तो आप उसका फायदा उठा सकते हैं. एक साथी दीवार से सट जाए या चिपक जाए तो काम बन सकता है. अंतरिक्ष में थोड़ा रचनात्मक तो होना ही पड़ेगा.”

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