1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें
समाज

कोरोना वायरस के खिलाफ बंटा हुआ है अमेरिका

ब्रजेश उपाध्याय, वाशिंगटन
२६ मार्च २०२०

अमेरिका पर कोराना वायरस का प्रकोप अब हर गुजरते दिन के साथ गहराता जा रहा है और इसकी चपेट में आने वालों की संख्या बढ़ती ही जा रही है.

https://p.dw.com/p/3a2xZ
USA Washington | Coronavirus | Donald Trump, Präsident
तस्वीर: Reuters/L. Millis

अमेरिका में  63,000 से भी ज्यादा लोग कोरोना वायरस से संक्रमित हो चुके हैं और सिर्फ बुधवार को इससे होनेवाली मौतें 185 तक पहुंच गईं थीं जो एक रिकॉर्ड है. अब तक अमेरिका में 890 मौतें दर्ज की जा चुकी हैं. लेकिन पिछले दशकों में हर गंभीर संकट के सामने एकजुट होकर खड़ा होनेवाला अमेरिका, इस वायरस के सामने बुरी तरह से विभाजित नजर आ रहा है. एक तबका है जो इसके खतरे को समझ रहा है, डॉक्टरों और वैज्ञानिकों की सुन रहा है, वहीं दूसरा इसे नकारने वाली दलीलें पेश कर रहा है.

राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप के समर्थकों का एक बड़ा तबका इसे उनके राजनीतिक विरोधियों की साजिश और "फेक न्यूज” का नाम दे रहा है. दो हफ्ते पहले तक डॉनल्ड ट्रंप भी इसे नकार रहे थे, और अभी भी हर दिन व्हाइट हाउस के मंच से भले ही लोगों को सचेत रहने, मिलने-मिलाने से परहेज करने की सलाह देते हैं लेकिन ये याद कराना नहीं भूलते कि सड़क दुर्घटनाओं में इससे ज्यादा लोग मारे जाते हैं और इसका ये मतलब नहीं कि लोग गाड़ी चलाना बंद कर दें. बुधवार को उन्होंने अपने ट्विट में मीडिया पर आरोप लगाया कि वो इस समस्या को और बढ़ा-चढ़ाकर पेश कर रही है जिससे अर्थव्यवस्था ठप्प हो जाए और ट्रंप नवंबर में चुनाव हार जाएं.

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि आर्थिक मंदी किसी भी मौजूदा राष्ट्रपति के दोबारा से चुने जाने की राह में सबसे बड़ी अड़चन बनती है और ट्रंप ये अच्छी तरह समझते हैं. जाने-माने ट्रंप समर्थक और रूढ़िवादी रेडियो शो होस्ट ग्लेन बेक ने तो यहां तक कह दिया कि अर्थव्यवस्था को बचाने के लिए यदि जान भी देनी पड़े तो उससे पीछे नहीं हटेंगे. जिस तरह से भारत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की एक अपील पर लोग ताली और थाली बजाने निकल पड़ते हैं, ट्रंप के समर्थक भी उनकी बातों को अटूट सत्य की तरह अपनाते हैं. यदि ट्रंप कह देते हैं कि कोरोना वायरस का इलाज मलेरिया की दवा से हो सकता है तो उनके समर्थक इस दलील को चुनौती देनेवाले डॉक्टरों और वैज्ञानिकों की विश्वसनीयता पर सवाल उठाने लगते हैं.

राजनीति के साथ-साथ विभाजन भगवान और विज्ञान का भी है

अब ज्यादातर गिरजाघरों ने अपने दरवाजों पर ताले लगा दिए हैं, रविवार को होनेवाली प्रार्थना सभाएं बंद हैं और धार्मिक संदेश इलेक्ट्रॉनिक माध्यमों के जरिए दिए जा रहे हैं. लेकिन जब ट्रंप शुरूआती हफ्तों  कोरोना वायरस के विज्ञान को नकार रहे थे, तो कई धर्म-प्रचारक भी बढ़-चढ़कर इस खतरे को झूठा और भगवान से दूर करने की साजिश के तौर पर पेश कर रहे थे. आरकेनसॉ राज्य के एक गिरजाघर के पादरी ने तो यहां तक कह दिया कि वो और वहां के श्रद्धालु कोरोना वायरस के झूठ को साबित करने के लिए चर्च की फर्श को जीभ से चाटने को तैयार हैं.

जहां पूरे अमेरिका में स्कूल कॉलेज बंद हैं, वहीं वर्जीनिया राज्य के एक ईसाई विश्वविद्यालय, लिबर्टी यूनिवर्सिटी, के संस्थापक ने इसी हफ्ते यूनिवर्सिटी खोलने का एलान किया है और छात्रों और शिक्षकों को वापस लौटने का आदेश जारी किया है.

ईस्टर के त्योहार तक बेहतरी की उम्मीदें

डॉनल्ड ट्रंप भी ईस्टर पर्व से पहले सब कुछ खुला देखना चाहते हैं. उनका कहना था, "ईस्टर मेरे लिए विशेष दिन होता है. क्या ही अच्छा हो अगर उस दिन हमारे सभी चर्च ठसाठस भरे हुए हों. पूरे देश में ऐसा ही होगा. मेरी समझ से ये बेहद अद्भुत दृश्य होगा.” वैज्ञानिकों का मानना है ये एक भयंकर भूल हो सकती है क्योंकि फिलहाल ये वायरस कब तक काबू में आएगा ये कहना मुश्किल है. राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि ट्रंप का संदेश इवांजेलिकल या धर्म प्रचार से जुड़े ईसाई गुटों के लिए है जिनका समर्थन आगामी चुनावों में उनके लिए बेहद अहम है.

अमेरिका इस वक्त किस हद तक विभाजित है उसका अंदाजा पिछले हफ्ते के एक सर्वेक्षण से मिलता है जिसके अनुसार 94 प्रतिशत रिपब्लिकंस ट्रंप के उठाए कदमों से संतुष्ट हैं जबकि सिर्फ 27 प्रतिशत डेमौक्रैट्स उनके फैसलों को सही मानते हैं.

ट्रंप के राजनीतिक गढ़ कहलाने वाले अमेरिका के मध्यवर्ती इलाकों तक फिलहाल कोरोना का प्रकोप न्यूयॉर्क या सियाटल की तरह नहीं फैला है.  लेकिन आनेवाले दिनों में भी हालात ऐसे ही रहेंगे वैज्ञानिक इस बात की गारंटी नहीं दे रहे. ऐसे में कोरोना पर ये विभाजन बरकरार रहेगा या मिट जाएगा ये देखनेवाली बात होगी.

__________________________

हमसे जुड़ें: Facebook | Twitter | YouTube | GooglePlay | AppStore

 

इस विषय पर और जानकारी को स्किप करें

इस विषय पर और जानकारी

और रिपोर्टें देखें