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समाज

छत्तीसगढ़ में नक्सली हमला किसकी नाकामी

आमिर अंसारी
५ अप्रैल २०२१

छत्तीसगढ़ के बीजापुर में नक्सलियों के साथ मुठभेड़ में सुरक्षाबलों के 22 जवानों की मौत हो चुकी है. ये जवान एक ऑपरेशन के तहत 2 अप्रैल को जंगलों में दाखिल हुए थे लेकिन नक्सलियों ने तीन तरफ से जवानों पर फायरिंग की.

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तस्वीर: picture-alliance/AP Photo/M Quraishi

साल 2010 के चिंतलनार नक्सली हमले के बाद से अब तक दंतेवाड़ा-सुकमा-बीजापुर की धुरी में नक्सलियों के हमले में 175 सुरक्षाबलों की जान जा चुकी है. बीते सालों में सैकड़ों आम नागरिक भी अपनी जान गंवा बैठे हैं. ताजा हमले में नक्सलियों ने बड़ी योजना के तहत सुरक्षाबलों को तीन तरफ से घेरकर हमला किया. यह हमला इस साल के अब तक के सबसे बड़े नक्सली हमले के रूप में माना जा रहा है. हमले में 22 सुरक्षाकर्मी मारे गए और 20 से अधिक घायल हुए. मुठभेड़ पीपुल्स लिबरेशन गुरिल्ला आर्मी (पीएलजीए) के 400 सदस्यीय दल और सुरक्षाबलों के बीच शनिवार को हुई थी. राज्य पुलिस और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) दोनों ने कहा है कि एक बड़े तलाशी अभियान में 22 शव बरामद किए जा चुके हैं. इन 22 सुरक्षाकर्मियों में से 9 सीआरपीएफ के हैं, जबकि बाकी राज्य पुलिस के जिला रिजर्व गार्ड (डीआरजी) और स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) के हैं.

बीजापुर के तर्रेम थाना क्षेत्र के टेकलगुड़ा के जंगल में सुरक्षाबल एक ऑपरेशन के तहत पहुंचे थे लेकिन इसके उलट नक्सलियों को इस ऑपरेशन की जानकारी लग गई.

सुरक्षाकर्मियों के 22 शवों में से 5 को शनिवार को बरामद किया गया था और 17 से ज्यादा शवों को सीआरपीएफ, डीआरजी और एसटीएफ की संयुक्त टीम ने रविवार तड़के बड़े पैमाने पर चलाए गए तलाशी अभियान के दौरान बरामद किया. तलाशी और बचाव अभियान अभी भी जारी है. नक्सलियों और सीआरपीएफ के एलीट कोबरा (कमांडो बटालियन फॉर रेजोल्यूट एक्शन यूनिट) और छत्तीसगढ़ पुलिस की डीआरजी और एसटीएफ की संयुक्त टीम के बीच 9 घंटे तक चली गोलाबारी और ऑपरेशन खत्म के होने के बाद से सीआरपीएफ के 7 जवान समेत 17 सुरक्षाकर्मी लापता थे. अब 20 घायल सुरक्षाकर्मी खतरे से बाहर हैं और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है.

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2010 में दंतेवाड़ा में भीषण नक्सली हमला हुआ था. तस्वीर: AP

इस बीच अधिकारियों ने पुष्टि की कि तर्रेम पुलिस स्टेशन के तहत तेकुलगुडेम गांव के पास नक्सलियों के कम से कम 2 शव घटनास्थल पर देखे गए, जहां शनिवार दोपहर को एक घने जंगल में गोलीबारी शुरू हुई थी. मीडिया रिपोर्टों में कहा जा रहा है कि मुठभेड़ में नक्सलियों को भी भारी नुकसान पहुंचा है.

सीआरपीएफ के महानिरीक्षक (संचालन) सीजी अरोड़ा के मुताबिक घटनास्थल से अब तक कुल 22 सुरक्षाकर्मियों के शव बरामद किए गए हैं. अरोड़ा ने कहा, "इसके अलावा, शनिवार को बरामद किए गए 5 शवों और अन्य 17 शवों की पहचान नहीं हो सकी है. तलाशी अभियान अभी भी जारी है."

गृह मंत्री अमित शाह ने छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से फोन पर भी बात की है और घटना के बारे में विस्तृत चर्चा की है.

मुठभेड़ में बड़ी संख्या में सुरक्षाकर्मियों के मारे जाने को लेकर अधिकारियों का कहना है कि जहां हमला हुआ वह एक घना जंगली इलाका था और नक्सलियों का क्षेत्र था. कुछ रिपोर्टों में कहा जा रहा है कि मुठभेड़ में 10-12 नक्सली भी मारे गए. नक्सलियों के साथ मुठभेड़ शनिवार दोपहर बाद तक चलती रही और सुरक्षाबलों को फायरिंग से बचने के लिए पेड़ों का सहारा लेना पड़ा. जख्मी सुरक्षाबलों के लिए लगाए हेलीकॉप्टर शाम पांच बजे के बाद ही उतर पाए जब मुठभेड़ खत्म हुई.

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