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वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल ने की नोटबंदी की तारीफ

२४ जनवरी २०१७

वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल नोटबंदी जैसी भारत सरकार की आर्थिक नीतियों और पारदर्शिता लाने की कोशिशों से काफी खुश है. काउंसिल को लगता है कि इससे तस्करी रुकेगी और कालाबाजारी बंद होगी.

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तस्वीर: STR/AFP/Getty Images

काउंसिल ने कहा है कि बुलियन ट्रेडिंग और ब्रैंडेड गोल्ड जूलरी के कारोबार में पारदर्शिता लाने की भारत की कोशिशें सराहनीय हैं और ये दुनिया के दूसरे सबसे बड़े गोल्ड मार्केट में हिस्सेदारी बढ़ाने में कारगर साबित होंगी.

भारत में वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल के मैनेजिंग डायरेक्टर सोमासुंदरम पीआर ने नोटबंदी की जमकर तारीफ की. उन्होंने कहा कि 500 रुपये और एक हजार रुपये के करंसी नोट बदलने का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का फैसला बड़े जूलरी रीटेलर्स के लिए बहुत अच्छा साबित होगा. सोमासुंदरम को उम्मीद है कि 2015 तक बड़े जूलरी रीटेलर्स का भारतीय बाजार में जो हिस्सा 30 फीसदी था वह 2020 तक बढ़कर 40 फीसदी हो जाएगा. सोमासुंदरम कहते हैं, "आज उद्योग के सामने सबसे बड़ी चुनौती पारदर्शिता की है. नोटबंदी ने इस चुनौती से पार पाने की कोशिश की है. अब उपभोक्ताओं को बड़े लेनदेन चेक से या ऑनलाइन ही करने होंगे."

देखिए, सबसे ज्यादा सोना कहां होता है

भारत में पिछला दशक ब्रैंडेड जूलरी के लिए बहुत फायदे का रहा है. साल 2000 के बाद से टाइटन, पीसी जूलर और गीतांजली जेम्स जैसे बड़े गोल्ड जूलर्स की बाजार में हिस्सेदारी में 5 फीसदी का बड़ा उछाल देखा गया है क्योंकि युवा उपभोक्ता ब्रैंडेड जूलरी की ओर मुड़े. भारत में लगभग चार लाख जूलर हैं लेकिन ज्यादातर कैश में ही कारोबार करते हैं. छोटे दुकानदार तो हिसाब किताब भी कम ही रखते हैं और दस्तावेजीकरण ना करके टैक्स बचाने की कोशिश भी खूब होती है. लोग भी इस बहाने अपने काले धन से बिना रसीद लिये सोना खरीदते हैं. अब तक भारत में सोने का 70 फीसदी व्यापार कैश में ही होता रहा है. सोमासुंदरम कहते हैं, इस कारण से और हाल के सालों में सोने पर लगाये गए 10 फीसदी के आयात कर के चलते तस्करी को बढ़ावा मिला है.

तस्वीरों में, कितना बेशकीमती है हरा सोना

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले साल नवंबर में एकाएक बड़ा कदम उठाते हुए देश के 86 फीसदी नोटों को बदल दिया. वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल ने अपनी सालाना रिपोर्ट में इस कदम की तारीफ की है. काउंसिल के मुताबिक इससे सोने की तस्करी रोकने में मदद मिलेगी. सोमासुंदरम कहते हैं, "कैशलेस लेनदेन होगा तो कालाबाजारी बंद हो जाएगी. लंबे समय में इसका फायदा विक्रेताओं और उपभोक्ताओं, दोनों को होगा."

वीके/एके (रॉयटर्स)