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कब रुकेगी हिंसा, संसद से सड़क तक सब चिंतित

महेश झा१९ जुलाई २०१६

भारतीय कश्मीर में हालात गंभीर बने हुए हैं. सुरक्षा बलों ने कर्फ्यू के बावजूद पत्थरबाजी करती भीड़ पर गोलियां चलाईं. पुलिस के अनुसार इसमें तीन लोग मारे गए. गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा है कि लोगों से मिलने कश्मीर जाएंगे.

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Indien Protestanten in Kaschmir
तस्वीर: Getty Images/AFP/T. Mustafa

अधिकारियों ने हिज्बुल मुजाहिदीन के कमांडर 22 वर्षीय बुरहान वानी के मारे जाने के बाद भड़की हिंसा से निबटने के लिए मुस्लिम बहुल कश्मीर में कर्फ्यू लगा दिया है. मोबाइल फोन को ब्लॉक कर दिया गया है और कुछ समय के लिए अखबारों के प्रकाशन पर भी रोक लगा दी गई है. सोमवार को प्रदर्शनकारियों ने एक सड़क को जाम कर दिया और सेना के काफिले पर पत्थरबाजी की. पुलिस प्रवक्ता ने कहा, "कुछ उपद्रवियों ने सैनिकों से हथियार छीनने और गाड़ियों में आग लगाने की कोशिश की."

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पुलिस प्रवक्ता ने कहा कि सेना ने प्रदर्शनकारियों द्वारा चेतावनी नहीं सुनने के बाद गोलियां चलाईं. इसमें दो महिलाएं मारी गईं. तीसरे की मौत मंगलवार को अस्पताल में हो गई. 9 जुलाई से जारी हिंसा में 42 लोगों की मौत हो चुकी है. करीब 3500 लोग घायल हुए हैं. उनमें से बहुत से लोगों को सेना द्वारा गैर जानलेवा हथियार से चलाई गईं रबर की गोलियों से आंखों में चोट लगी है. इसकी वजह से लोगों का गुस्सा और बढ़ा है.

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संसद में कश्मीर पर हुई बहस के बाद भारत के गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा है कि उन्होंने सुरक्षा बलों को संयम बरतने के निर्देश दिए हैं. उन्होंने सांसदों को बताया कि वे जल्द ही कश्मीर का दौरा करेंगे और लोगों से बात करेंगे, "जिनकी तकलीफ हर भारतीय द्वारा महसूस की जा रही है." कश्मीर पर सख्त नीतियों की मांग करने वाली सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी इस समय कश्मीर में क्षेत्रीय पार्टी के साथ सत्ता में है. लोगों की शिकायतों का समाधान नहीं करने के कारण उसे आलोचना झेलनी पड़ी है.

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अधिकारियों ने कश्मीर में अखबारों के प्रकाशन पर तीन दिन से लगा प्रतिबंध हटा लिया है, लेकिन प्रकाशकों का कहना है कि वे प्रकाशन शुरू करने के बारे में मंगलवार को होने वाली बैठक के बाद मिलजुल कर फैसला करेंगे. कश्मीर की सबसे ज्यादा बिकने वाले अखबार ग्रेटर कश्मीर के प्रकाशक अब्दुल रशीद मखदुमी ने कहा है कि अधिकारियों ने उनसे वीकएंड में अखबारों को जब्त किए जाने के बाद अब प्रकाशन जारी रखने को कहा है. उन्होंने कहा कि कर्फ्यू की स्थिति में अखबारों के प्रकाशन के फैसले से पहले वे दूसरे प्रकाशकों से मिल रहे हैं.

राज्य सरकार के प्रवक्ता और शिक्षा मंत्री नईम अख्तर ने कहा है कि सूचना पर रोक लोगों की जान बचाने और शांति प्रयासों को मजबूत बनाने के लिए लगाई गई थी. पुलिस ने अखबारों के दफ्तरों पर छापा मार कर दसियों हजार कॉपियां जब्त कर ली थीं. इस्लामी कट्टरपंथियों पर नजर रखने वाले अमेरिकी खुफिया ग्रुप साइट ने कहा है कि अल कायदा के निकट होने का दावा करने वाले उग्रपंथियों ने सोशल मीडिया पर कश्मीर के लोगों से भारतीय सैनिकों पर हमला करने को कहा है.

एमजे/वीके (रॉयटर्स, एपी)