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भुलाए जाने से पहले: उसके गुप्तांगों पर मुक्के बरसाए गए थे...

३ नवम्बर २०१६

हांगकांग में उस व्यक्ति की बात तो दुनिया कर रही है जिसने दो महिलाओं को रेप के बाद मार डाला, लेकिन उन महिलाओं का क्या? उनके बारे में तो उनका अपना देश भी बात नहीं कर रहा.

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Hong Kong Mahnwache Migrantinnen gegen Gewalt gegenüber Frauen
तस्वीर: picture-alliance/dpa/J. Favre

एक लड़की इंडोनेशिया के एक छोटे से गांव से चीन के बहुत बड़े से शहर हांग कांग गई थी. वहां उसे एक आदमी ने मार डाला. वह आदमी बहुत अमीर है. 31 साल का वह शख्स केंब्रिज यूनिवर्सिटी में पढ़ा है और करोड़ों रुपये महीने कमाता था. इस बात की डींगें मारता था कि अपनी पांच लाख डॉलर की सैलरी वह सेक्स वर्कर्स और ड्रग्स पर खर्च करता है.

इस ब्रिटिश अमीरजादे रूरिक जटिंग पर हांगकांग में मुकदमा चल रहा है. उसने दो इंडोनेशियाई लड़कियों की हत्या की थी. तीन दिन तक वह उन्हें यातनाएं देता रहा. और इस यातना का वीडियो भी बनाया. पूरी दुनिया में इस मुकदमे की खबरें छाई हुई हैं. सब लोग इस आदमी की क्रूरता की बात कर रहे हैं. लेकिन उन लड़कियों की कहीं बात नहीं हो रही है. उनके अपने गांव तक में नहीं.

इंडोनेशिया के उस गांव में लोगों ने इस बात पर ध्यान तक नहीं दिया कि लड़की वापस नहीं आई. सोशल मीडिया में उन पर कोई बहस नहीं हुई. गुस्साए संपादकीय नहीं लिखे गए. इसलिए कि उन गरीब लड़कियों जैसी तो इंडोनेशिया में लाखों लड़कियां हैं.

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हांग कांग में बर्बरता का शिकार हुई सुमार्ती निंगसिह का बार बार बलात्कार हुआ. उसके गुप्तांगों पर मुक्के बरसाए गए. चिमटी से उसकी खाल खींचकर उतार ली गई. और उसका गला धीरे धीरे रेता गया. इस बर्बरता का वीडियो मौजूद है. हांग कांग में इस वीडियो को देख रही जूरी सदमे से सन्न रह गई थी. लेकिन इंडोनेशिया में इस बारे में कोई खबर नहीं है. आमतौर पर टीवी चैनलों ने इस घटना को नजरअंदाज कर दिया है. हां, वहां एक और महिला की खबर दिखाई जा रही है. इस महिला पर अपनी सहेली को कॉफी में सायनायड पिलाकर मार डालने का आरोप है. दोनों के बीच बॉयफ्रेंड्स को लेकर झगड़ा हुआ था.

निंगसिह के भाई सूयित खलीमन कहते हैं, "हमें अपनी ही सरकार और मीडिया से कोई सहयोग नहीं मिल रहा है. पता नहीं क्यों! शायद इसलिए कि वह एक नौकरानी थी. पर उसने जैसे भी सही, अपना परिवार पाला, उसे न्याय तो मिलना चाहिए ना."

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निंगसिह को मरे दो साल हो चुके हैं. किसी सरकारी अधिकारी ने कभी उसके परिवार से संपर्क नहीं किया. उन्हें मुकदमा शुरू हो जाने का पता भी विदेशी वेबसाइटों से चला. लेकिन सूयित के सामने अब बड़ा सवाल यह है कि निंगसिह के 7 साल के बेटे का क्या होगा.

अंतरराष्ट्रीय श्रमिक संगठन के मुताबिक 2012 में इंडोनेशिया से विदेशों में काम करने गई महिलाओं की संख्या 43 लाख थी. एक इंडोनेशियाई संस्था माइग्रेंट केयर के मुताबिक घरों में काम करने के लिए विदेश जाने वालों में 85 फीसदी महिलाएं होती हैं और ज्यादातर प्राइमरी स्कूल भी पास नहीं होतीं. इनमें से बहुत बड़ी संख्या में लौट नहीं पातीं. वे या तो खतरनाक हालात में काम करती हुईं मारी जाती हैं या फिर खुदकुशी कर लेती हैं. और फिर उन्हें भुला दिया जाता है.

वीके/एके (एपी)