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ट्रंप ने अमेरिका का असली चेहरा दिखाया: ईरानी सर्वोच्च नेता

७ फ़रवरी २०१७

ईरान के सर्वोच्च नेता अयातोल्लाह अली खमेनेई ने अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप को "न्यूकमर' यानी" नौसिखिया कहकर उनका मजाक उड़ाया है. कुछ दिन पहले ट्रंप ने ईरान को 'अहसानफरामोश' कहा था.

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Iran Mittelstreckenrakete Ghadr Khomeini Portrait
तस्वीर: picture-alliance/dpa

ईरान ने पिछले हफ्ते बैलेस्टिक मिसाइल का परीक्षण किया था. इसके बाद ट्रंप ने ट्वीट किया कि ईरान "आग से खेल रहा है". उन्होंने लिखा था, "इन लोगों को इस बात की जरा भी कद्र नहीं है कि राष्ट्रपति (बराक) ओबामा ने कितने दयालु थे. मैं नहीं हूं!" ट्रंप का इशारा ईरान के साथ हुए परमाणु समझौते के तहत उसके खिलाफ लगाए गए प्रतिबंधों को हटाने की तरफ था.

लगता है अब ईरान के सर्वोच्च नेता अयातोल्लाह अली खमेनेई ने ट्रंप को जवाब दिया है. सरकारी टीवी पर प्रसारित उनके बयान में कहा गया है, "हमें अमेरिका की पिछली सरकार का शुक्रगुजार क्यों रहना चाहिए? क्योंकि इसने ईरान विरोधी प्रतिबंध लगाए थे? हमें इस्लामिक स्टेट की वजह से शुक्रगुजार रहना चाहिए? इराक और सीरिया में पूरे क्षेत्र को आग में झोंकने के लिए शुक्रगुजार होना चाहिए?"

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उन्होंने ट्रंप पर तंज करते हुए कहा, "बेशक हम मिस्टर न्यूकमर के शुक्रगुजार हैं, क्योंकि उन्होंने अमेरिका का असली चेहरा दिखाया है और ईरान पिछले 38 साल से अमेरिकी सरकार के जिस राजनीतिक, आर्थिक, सामाजिक और नैतिक भ्रष्टाचार की बात करता रहा है, उसे उन्होंने सही साबित किया है." उन्होंने कहा कि ईरानी लोगों को "किसी खतरे का डर नहीं है".

ट्रंप ने 2015 में ईरान के साथ अमेरिका और पांच अन्य विश्व शक्तियों के परमाणु समझौते की कई बार आलोचना की है. इस समझौते के तहत ईरान अपने ऊपर लगे प्रतिबंधों को हटाने के बदले अपने यूरेनियम संवर्धन कार्यक्रम को सीमित करने के लिए सहमत हुआ था.

हालांकि ट्रंप ने अभी तक यह साफ नहीं किया है कि ईरानी समझौते को लेकर उनकी योजना क्या है. लेकिन ट्रंप प्रशासन ने मिसाइल टेस्ट के बाद कहा था कि ईरान पर नजर रखी जा रही है और ईरान की दो दर्जन कंपनियों और लोगों पर नए प्रतिबंध लगा दिए गए हैं.

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उदारवादी समझे जाने वाले ईरानी राष्ट्रपति हसन रुहानी पश्चिमी देशों के साथ संबंध सुधारने के पक्षधर हैं. उनका कहना है कि परमाणु समझौता मध्य पूर्व की अन्य समस्याओं को सुलझाने का रास्ता दिखा सकता है. इस सिलसिले में उन्होंने सीरिया के गृहयुद्ध का जिक्र किया जिसके खत्म करने के लिए रूस के नेतृत्व में कजाकिस्तान में बातचीत हुई थी. ईरान और रूस सीरियाई राष्ट्रपति बशल अल असद के सहयोगी हैं जबकि अमेरिका और पश्चिमी देश असद को हटाने के लिए लड़ रहे विद्रोहियों का समर्थन कर रहे हैं.

एके/वीके (एपी)