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ग्लोबल वॉर्मिंग के कारण बढ़ रहे हैं रेप!

विवेक कुमार२३ मई २०१६

रेप बढ़ने के पीछे एक वजह पर्यावरण परिवर्तन भी है. ऐसा दुनियाभर के महिला संगठन बता रहे हैं. हालांकि ऐसा बताने के पीछे एक और मंशा भी बताई जा रही है.

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रेप पर आधारित फिल्म डिफरेट का एक दृश्यतस्वीर: Alamode Film

पर्यावरण परिवर्तन रेप की वजह? इसका क्या मतलब है? यह कैसे हो सकता है? कार्ला लोपेज ने भी कुछ ऐसी ही प्रतिक्रिया दी थी जब उन्होंने पहली बार यह बात सुनी थी. उन्हें याद है, "मैं ग्वाटेमाला के सांता मारिया जालपान में थी. वहां महिलाओं के एक समूह ने मुझे बताया कि लड़कियों को अगवा कर रेप किया जा रहा है, पानी के संकट के कारण." मध्य अमेरिका में महिलाओं के लिए एक संस्था फोंडो सेंटरोअमेरिकानो डे मुहेर्स चलाने वालीं लोपेज कहती हैं कि मेरे लिए यह एकदम चौंकाने वाली बात थी.

जालपान के जिंका आदिवासियों में पुरुष अक्सर लड़कियों को अगवा कर उनका रेप करते हैं और फिर उनसे विवाह कर लेते हैं. पिछले एक दशक से महिलाएं इस चलन को खत्म करने के लिए आंदोलन चला रही हैं. लेकिन बीते दो साल से चलन में बदलाव हुआ है. इलाके में बढ़ी खदानों और पर्यावरण परिवर्तन के कारण भूजल घटा है. लड़कियों और महिलाओं को पानी लाने के लिए अब दूर तक जाना होता है. स्थानीय महिलाएं बताती हैं कि बीते दो साल में रेप की घटनाएं दोगुनी हो गई हैं.

Grenzfluss Ubangui
तस्वीर: Sonja Heizmann

कोपेनहेगन में वीमिन डिलिवर कॉन्फ्रेंस में लोपेज ने बताया, "महिलाओं का एक समूह हमारे पास आया और बोला कि महिलाओं के लिए पानी उपलब्ध कराने की लड़ाई लड़नी होगी क्योंकि रेप के पीछे बड़ा कारण पानी है. हमने उन्हें 15 हजार डॉलर्स की सहायता दी. यह धन हमने पर्यावरण से जुड़े मुद्दों के लिए रखा था."

करीब 100 महिला संस्थाओं के संगठन वीमिंज एन्वायर्नमेंट ऐंड डिवेलपमेंट ऑर्गनाइजेशन की जूलियाना वालेज बताती हैं कि पूरी दुनिया के महिला संगठन पर्यावरणीय परिवर्तनों के महिलाओं पर पड़ते प्रभावों की बात उठा रहे हैं.

विशेषज्ञ कहते हैं कि ऐसा दो वजहों से है. एक तो पर्यावरण में होने वाले बदलावों के कारण आने वाली कुदरती आपदाओं, विस्थापन और जल संकट आदि के कारण महिलाएं प्रभावित हो रही हैं. और दूसरी वजह 100 अरब डॉलर्स सालाना की वह राशि है जो 2020 तक पर्यावरण परिवर्तन से जुड़े मुद्दों पर काम करने वालों को दी जानी है.

यह राशि देखते ही सवाल उठता है कि कहीं पैसा पाने के लिए महिला मुद्दों को जबरन तो पर्यावरण परिवर्तन से नहीं जोड़ा जा रहा. लोपेज इसका जवाब देती हैं. वह कहती हैं, "महिला संगठन अपनी सोच बदल रहे हैं क्योंकि उन्हें समस्याओं के मूल में वास्तविक वजह मिल रही हैं."

वालेज कहती हैं कि महिलाओं के कई संकटों की जड़ में पर्यावरण परिवर्तन है. वह बताती हैं, "रेप जैसे सुरक्षा से जुड़े संकटों से लेकर गर्भपात या प्रसव के दौरान मौत जैसी स्वास्थ्य समस्याओं आदि के मूल कारण खोजे जा रहे हैं और पर्यावरण सभी में साझा है." इस वजह से ज्यादा से ज्यादा संस्थाओं को जो धन दिया जा रहा है उनमें पर्यावरण परिवर्तन से जुड़े मुद्दों का हिस्सा भी है. हालांकि महिला मुद्दों के लिए धन पाना इतना आसान भी नहीं है. सोसाइडाड मेक्सिकाना प्रो डेरेचोस डे ला मुहेर की लॉरा गार्सिया कहती हैं, "हमारा सीधा लेकिन कड़ा मानक है. आपके प्रोजेक्ट में महिलाओं का हित स्पष्ट होना चाहिए. इस प्रोजेक्ट की मुखिया महिला होनी चाहिए और इसका मकसद लैंगिक समानता होना चाहिए. हमें मिलने वाले ज्यादातर प्रस्ताव इस मानक पर खरे नहीं उतर पाते."

भारत में जब गांवों में रेप बढ़ने के शौचालय न होने से जोड़कर देखा गया तो लोगों की प्रतिक्रिया कुछ वैसी ही थी. लेकिन आंकड़े और अनुभव बताते हैं कि जिन गांवों में घरों में शौचालय बढ़े, वहां महिलाओं के साथ होने वाली घटनाओं में कमी आई है.

वीके/एमजे (थॉमसन रॉयटर्स फाउंडेशन)