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जानवरों के लिए ठंडे जर्मनी में बसा दिया वर्षा वन

२ दिसम्बर २०१६

आधुनिक तकनीकों का इस्तेमाल कर यहां वर्षावन बसाया गया है, जिसमें खतरे में पड़े या विलुप्त होने की कगार पर पहुंचे जानवर सुरक्षित माहौल में जी पा रहे हैं.

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Deutschland Eisbär im Zoo Leipzig
तस्वीर: picture-alliance/dpa/P. Endig

जर्मनी के लाइपसिग का एक चिड़ियाघर दुनिया के किसी भी चिड़ियाघर से काफी अलग है. तमाम आधुनिक तकनीकों का इस्तेमाल कर यहां वर्षावन बसाया गया है, जिसमें खतरे में पड़े या विलुप्त होने की कगार पर पहुंचे जानवर सुरक्षित माहौल में जी पा रहे हैं और अपनी आबादी भी बढ़ा रहे हैं. यह मनोरंजन ही नहीं संरक्षण का ठिकाना भी बन गया है.

Deutschland zwei Löwen im Zoo Leipzig ausgebrochen
तस्वीर: picture-alliance/dpa/J. Woitas

जंगली बंदरों का एक समूह लाइपजिग के जू में मजे कर रहा है. यहां ये नर बंदर उसी तरह हंगामा कर सकते हैं जैसे वे अपने प्राकृतिक बसेरे में करते हैं, वर्षावनों में. लेकिन यहां सर पर छत भी है. विशेष प्रकार की छत जिसे थामने के लिए खंभों की जरूरत नहीं है. फुटबॉल के दो मैदानों जितनी बड़ी ये छत इंजीनियरिंग का लाजवाब नमूना है. तीन परतों वाला पारदर्शी प्लास्टिक पौधों और जानवरों के लिए जरूरी अल्ट्रा वायलेट रोशनी अंदर आने देता है, लेकिन गर्मी को भी रोकता है. नमी वाले गर्म वर्षावन से माहौल से मलय टपीर नाम का यह जानवर उत्साहित हैं. नर और मादा टपीर चारा खाते हुए प्रेम का इजहार कर रहे हैं. उन्हें यूरोप के विभिन्न चिड़ियाघरों से यहां लाया गया है. बाहर उनकी जान को खतरा है. जू के डाइरेक्टर डॉ. योर्ग यूनहोल्ड कहते हैं, "आज के जमाने में जू अपने फायदे के लिए नहीं है. हम अपने जानवरों को खतरे में पड़ी या खत्म हो चुकी प्रजातियों का प्रतिनिधि समझते हैं."

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जानवरों को मस्त रखने की जगह ये वर्षावन वाला हॉल सभी जरूरी पर्यावरण संबंधी सुविधाओं से लैस है. यहां बारिश के पानी को जमा किया गया है. यहां सौर ऊर्जा जमा की जाती है. लेकिन फिर भी कभी काफी गर्मी हो जाए तो छत में लगी प्लेटों को खोलकर हवा को रेगुलेट किया जाता है. यहां लगी व्यापक तकनीकों की जिम्मेदारी रासेम बाबन की है. चीफ क्यूरेटर रासेम बाबन बताते हैं, "हमें मौसम का भगवान बनना होता है. कभी वर्षा करवानी होती है तो कभी नमी पैदा करनी होती है और हमें ये भी खयाल रखना होता है कि हॉल में हमेशा पर्याप्त रोशनी हो."

प्रजनन के लिए उर्वर जंगली माहौल अपने आप पैदा नहीं होता. यहां वर्षावन वाले हॉल में मलेशिया, सिंगापुर, थाइलैंड और फ्लोरिडा से 500 अलग अलग तरह के पौधे लगाए गए हैं. वे सब या तो ग्रीनहाउस के पौधे हैं या सड़कों के किनारे होने वाले पौधे. कोई ऐसा नहीं है जो सचमुच प्राकृतिक जंगल का हो. डॉ. योर्ग यूनहोल्ड कहते हैं कि हमें खुशी है कि अब हम इसमें अगुआ भूमिका निभा रहे हैं. यूरोप का सबसे बड़ा वर्षावन वाला हॉल जश्न में है. इंसान और पशु दोनों के लिए.