जीवनरक्षक टिप्स
हादसा कभी और किसी के साथ भी हो सकता है. लेकिन कुछ बातों का ध्यान रखा जाए तो जिंदा बचने की संभावनाएं बहुत बढ़ जाती हैं.
किसी एक से मदद मांगिये
अगर भीड़ भाड़ वाली जगह पर आपके साथ कोई हादसा हो जाए तो किसी एक शख्स को इशारा करके या उसे पुकारते हुए मदद मांगिये. ज्यादातर मामलों में देखा गया है कि अगर किसी से मदद न मांगी जाए तो लोग सिर्फ देखकर गुजर जाते हैं. सोचते हैं कि कोई तो मदद कर ही देगा.
आग से नहीं, धुएं से मौत
आग लगने के ज्यादातर मामलों में लोगों की मौत जलने से नहीं बल्कि धुएं के चलते दम घुटने से होती है. अगर ऐसे हालात में फंसे हो तो धुएं को कम से कम सांस में भरे.
पानी की जीवनदायी धारा
हाइकिंग के दौरान अगर आप भटक जाएं तो बहता पानी खोजें और उसके बहाव की दिशा में चल पड़े. पानी हमेशा नीचे की तरफ बहता है और उसके किनारे आम तौर पर इंसानी बस्तियां होती हैं.
नदी का जलस्तर
पहाड़ी इलाकों में नदी में उतरने से पहले जलस्तर को नापें और किनारे पर निशान लगा दें. अगर पानी घटे या बढ़े तो तुरंत दूर निकल जाएं, हो सकता है कि ऊपर से बाढ़ आ रही हो.
भीगने से बचें
हवा के बजाए द्रव ऊर्जा का प्रवाह ज्यादा तेजी से करता है. लिहाजा सर्दी में कहीं फंस जाएं तो खुद को भीगने से बचायें.
बर्फ खाने से बचें
बर्फीली जगह पर अगर बहुत प्यास तो भी बर्फ खाने से बचें. थोड़े से पानी के चक्कर में आप शरीर की जरूरी उष्मा गंवा सकते हैं.
अंत में लाइफ जैकेट
विमान यात्रा के दौरान क्रू सदस्य अक्सर कहते हैं कि इमरजेंसी में पानी पर लैंडिंग के दौरान जीवनरक्षक जैकेट में आखिर में हवा भरें. असल में पहले ही हवा भर दी जाए तो विमान में घुसता हुआ पानी आपको बहाता हुआ और अंदर धकेल देगा. इसीलिए बिल्कुल दरवाजे के पास पहुंचकर ही लाइफ जैकेट में हवा भरनी चाहिए.
रूल ऑफ 3
सरवाइवल एक्सपर्ट रुचिन अग्रवाल के मुताबिक, इंसान आम तौर पर बिना हवा के तीन मिनट, दुश्वार हालात में बिना घर के तीन घंटा, पानी के बिना तीन दिन और खाने के बिना तीन हफ्ते रह सकता है.
सड़क पर सावधान
हमारा मस्तिष्क एक साथ दो काम करने का आदी नहीं है. लिहाजा गाड़ी चलाते वक्त या पैदल चलते वक्त मोबाइल फोन का इस्तेमाल न करें. पैदल चलते वक्त मोबाइल का इस्तेमाल करने से चोटिल होने वाले लोगों की संख्या लगातार बढ़ रही है.