पिछले साल विश्व स्वास्थ्य संगठन ने दुनिया की पहली मलेरिया वैक्सीन को मंजूरी दी. इसकी चार खुराक लेनी पड़ती हैं फिर भी यह टीका केवल 30 फीसदी असरदार है. यह मलेरिया के रोगाणु के खिलाफ काम करता है. अब कुछ वैज्ञानिक एक ऐसी तकनीक पर काम कर रहे हैं जिससे मलेरिया फैलाने वाले मच्छरों को ही आनुवंशिक रूप से बदला जा सके. जिससे एनोफेलीज मच्छर बीमारी फैला ही ना सकें. मंथन के इस एपिसोड में मलेरिया पर खास जानकारी.