1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें

अमेरिका में अप्रवासियों को पकड़ने के लिए छापेमारी शुरू

१५ जुलाई २०१९

अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप की अप्रवासी विरोधी नीति के तहत पूरे अमेरिका में छापेमारी शुरू हो गई है. इस छापेमारी का उद्देश्य बिना वैध कागजातों के रह रहे अप्रवासियों को गिरफ्तार करना है. इसका विरोध भी हो रहा है.

https://p.dw.com/p/3M5F5
USA Festnahmen bei US-Razzien gegen Einwanderer
तस्वीर: picture alliance/U.S. Immigration and Customs Enforcement/AP/dpa/C. Reed

अमेरिका में बिना कागजातों के रह रहे अप्रवासी इन दिनों डर और अनिश्चितता के साये में जी रहे हैं. इसकी वजह है राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप के आदेश के बाद ऐसे अप्रवासियों की खोज में शुरू हुई जो बिना वैध अनुमति के अमेरिका में रह रहे हैं. ट्रंप ने अप्रवासियों को लेकर चल रही बहस में सदन के सांसदों को भी ना बख्शते हुए कहा है कि कुछ डेमोक्रेट महिला सांसदों को अपने जन्मस्थान वाले देश में वापस चले जाना चाहिए.

फेडरल इमिग्रेशन एंड कस्टम्स एनफोर्समेंट (आईसीई) एजेंटों द्वारा कम से कम 10 बड़े शहरों में छापे मारकर पिछले कुछ समय में बिना वैध कागजातों के अमेरिका में घुसे करीब 2,000 प्रवासियों को गिरफ्तार करने की योजना है.

आईसीई के कार्यकारी निदेशक मैथ्यू एलबेंस ने ऐसे किसी भी ऑपरेशन की पुष्टि नहीं की है लेकिन उन्होंने ऐसी छापेमारी की आवश्यकता पर जोर दिया. उन्होंने कहा, "हम सिर्फ उन्हीं लोगों के खिलाफ कार्रवाई कर रहे हैं जिन्हें इमिग्रेशन अदालत द्वारा बाहर निकाले जाने का आदेश दिया गया है. हम बस उन आदेशों का पालन कर रहे हैं."

हालांकि इस ऑपरेशन का दायरा लाखों की तुलना में अभी छोटा ही प्रतीत हो रहा है जिसका वादा ट्रंप ने किया था. पिछले महीने ऐसी छापेमारी की बात करते हुए उन्होंने कहा था कि ऐसे लोगों को हिरासत में लेकर देश से बाहर किया जाएगा.

इसके बाद कई और लोग भी निशाने पर आ गए हैं. बताया जा रहा है कि आईसीई एजेंट ना सिर्फ अदालत के आदेश में शामिल लोगों को निकाल रहे हैं बल्कि वैध कागजातों के बगैर मिल रहे अप्रवासियों की गिरफ्तारी भी कर रहे हैं. इसमें कुछ ऐसे लोग भी शामिल हो सकते हैं जो कई सालों से अमेरिका में रह रहे हैं और उनके बीवी या बच्चे अमेरिकी नागरिक हैं. जो वहीं काम करते हैं और जहां उनका घर भी है.

स्थानीय और राज्य के अधिकारियों ने इन छापों में केंद्र सरकार से संयम दिखाने की अपील की है. कुछ लोगों ने आरोप लगाया कि ट्रंप इस ऑपरेशन का इस्तेमाल राजनीतिक बढ़त बनाने के लिए कर रहे हैं. शिकागो के मेयर लॉरी लाइटफुट ने कहा है कि इस कार्रवाई से लोगों में अनिश्चितता का माहौल बना है और लोग परेशान हो रहे हैं.

ट्रंप का कहना है कि ऐसा ना करना उन लोगों के साथ अन्याय होगा जो वैध तरीके से अमेरिका में आ रहे हैं क्योंकि लोग अवैध तरीके से आकर 'अमेरिकन लाइफ' के मजे ले रहे हैं. 12 जुलाई को ट्रंप ने कहा था कि अधिकतर मेयर अपने शहरों में ऐसी छापेमारी चाहते हैं क्योंकि वो अपने शहरों में अपराध कम करना चाहते हैं. इस बात को वो बार-बार कहते रहे हैं जैसे अप्रवासी लोग अमेरिका में जन्मे लोगों की तुलना में अधिक अपराध करते रहे हों.

USA Washington Donald Trump
ट्रंप अप्रवासियों पर कड़ा रुख अपनाए हुए हैं.तस्वीर: picture-alliance/Captital Pictures/MPI/RS

न्यूयॉर्क के मेयर बिल डी ब्लासिओ ने कहा कि बिना कागजातों के अमेरिका में रह रहे लाखों अप्रवासी लोग हमारे समाज का हिस्सा हैं और अमेरिकी अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं. उन्होंने इस छापेमारी को राजनीति के लिए उठाया जा रहा विभाजनकारी कदम बताया. उन्होंने कहा कि आईसीई एजेंटों के साथ ट्रंप जो कर रहे हैं वो हमारी सीमाओं को सुरक्षित करना नहीं है बल्कि वोट पाने के लिए ट्रंप द्वारा चली गई एक चाल है.

दूसरे कई शहरों के मेयरों की तरह ही ब्लासिओ ने कहा कि इस तरह की आक्रामक कार्रवाई के बाद अप्रवासी लोगों का स्थानीय पुलिस के साथ सहयोग कम हो सकता है. पुलिस के साथ बातचीत कम होने से लोगों की सुरक्षा को खतरा हो सकता है.

कुछ शहरों के मेयरों के अलावा अप्रवासी-समर्थक समूहों ने ऐसे लोगों की पहचान कर उन्हें उनके अधिकारों के बारे में बताना शुरू कर दिया है. उनका प्रयास है कि इसकी मदद से किसी छापेमारी के दौरान वे अपने अधिकारों का इस्तेमाल कर सकेंगे. अटलांटा के मेयर केशा बॉटम्स ने लोगों से कहा कि अगर कोई आपके दरवाजे पर आए तो तब तक दरवाजा ना खोलें जब तक वो वारंट ना दिखाए.

14 जुलाई को डेमोक्रेट पार्टी के लोगों ने ट्रंप के संसद में दिए बयान पर कड़ी प्रतिक्रिया दर्ज करवाई है. ट्रंप ने बिना किसी का नाम लिए कहा था कि डेमोक्रेट पार्टी की महिला सांसद को अपने टूटे-फूटे और अपराध से भरे देश वापस चले जाना चाहिए जहां से वो आई हैं.

संसद के सहायक स्पीकर बेन रे लुजन ने इसे एक अमेरिकी नागरिक के खिलाफ दिया गया नस्लभेदी बयान करार दिया है. राजनीतिक दल डिटेंशन सेंटरों में रखे गए अप्रवासियों द्वारा झेली जा रहीं समस्याओं को लेकर भी चिंतित हैं. इन छापेमारी के बाद वो आशंका जता रहे हैं कि ऐसे कैंपों में अप्रवासियों की संख्या बढ़ेगी और हालात बिगड़ेंगे.

समय समय पर कई पत्रकार और राजनेता बताते आए हैं कि इन कैंपों में लोगों को जमीन पर सोना पड़ता है, पीने के लिए साफ पानी नहीं मिलता और वहां के हालात रहने के लिए ठीक नहीं हैं. अमेरिका में हुए दर्जनों हालिया प्रदर्शनों में ज्यादा लोगों वाले डिटेंशन सेंटरों को बंद करने और ऐसी छापेमारी पर रोक लगाने की मांग की गई है.

Kuba USA Delta Camp 5 Guantanamo Bay
अमेरिका अप्रवासियों को बॉर्डर पर रोकने के इंतजाम भी कर रहा है.तस्वीर: picture-alliance/dpa/M. Brown

अमेरिकी अधिकारियों ने इन सेंटरों में क्षमता से ज्यादा लोगों के रहने की बात स्वीकार की है लेकिन कहा है कि वो हालात ठीक करने के लिए अपनी तरफ से पूरी कोशिश कर रहे हैं. अमेरिकी गृह मंत्रालय के मुताबिक पिछले एक साल से अमेरिका की दक्षिणी सरहद पर अप्रवासी संकट पैदा हो गया है. हजारों लोग हर महीने अपना देश छोड़ कर अमेरिका आ रहे हैं. मध्य अमेरिकी देशों में गरीबी और हिंसा की वजह से वहां के लोग अमेरिका में आ रहे हैं. पिछले महीने बिना वैध दस्तावेजों के एक लाख लोग अमेरिका आए. ये संख्या मई के मुकाबले तो 28 प्रतिशत कम है लेकिन फिर भी आपातकालीन है.

आरएस/आरपी (एएफपी)   

_______________

हमसे जुड़ें: WhatsApp | Facebook | Twitter | YouTube | GooglePlay | AppStore