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समाज

कोरोनाः मां और बेटी की दर्दभरी कहानी

१६ अप्रैल २०२०

दुनिया भर में एक ऐसी अमेरिकी स्वास्थ्यकर्मी की चर्चा हो रही है जो आगे रहकर कोरोना वायरस पीड़ितों की देखभाल कर रही थी. उसने अस्पताल के इमरजेंसी रूम में घंटों मरीज की देखभाल की और फिर एक दिन वह खुद मरीज बन गई.

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New York Pfleger Leichenabtransport Coronakrise
तस्वीर: AFP/A. Weiss

"जल्द घर आऊंगी, लव यू"- माधवी अया ने अस्पताल के बिस्तर से अपनी बेटी को यह आखिरी मेसेज भेजा था. माधवी का यह मेसेज उनकी 18 वर्षीय इकलौती बेटी मिन्नोली के लिए था. तीन दिन बाद माधवी अया की कोविड-19 के कारण मौत हो गई. 61 साल की माधवी चिकित्सक सहायक थी. वह कोरोना वायरस पीड़ितों का इलाज कर रही थी, लेकिन इलाज करते करते वह खुद मरीज बन गई. 18 मार्च को उन्हें संक्रमित होने के बाद लॉन्ग आइलैंड ज्यूइश मेडिकल सेंटर में भर्ती कराया गया और 11 दिनों बाद उनकी मौत हो गई. उनके परिवार को लगता है कि माधवी को काम के दौरान ही बीमारी हो गई.

माधवी न्यू यॉर्क के ब्रुकलिन के वुडहल अस्पताल के इमरजेंसी कक्ष में काम करती थी. उन्होंने अपने पति और बेटी को बताया था कि उन्हें संक्रमित मरीजों का इलाज सिर्फ सर्जिकल मास्क पहनकर करना पड़ा था. सर्जिकल मास्क हवा के जरिए फैलने वाले संक्रमण से बहुत कम सुरक्षा प्रदान करता है. वुडहल अस्पताल ने माधवी के मामले में और अस्पताल कर्मचारियों को दिए जाने वाले सुरक्षा उपकरणों पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया है. पूरे अमेरिका में सुरक्षात्मक किट की कमी देखी जा रही है. समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने पूरे अमेरिका में ऐसे 51 स्वास्थ्य कर्मियों की पहचान की है जिनकी मौत कोरोना वायरस संक्रमण के कारण हुई या फिर उनमें वायरस के लक्षण पाए गए थे.

कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों के इलाज के दौरान अमेरिका में कई डॉक्टर, नर्स और टेकनीशियनों की मौत हो चुकी है. इलाज के दौरान वे खुद संक्रमित हो गए. अमेरिका में स्वास्थ्य कर्मचारियों की मौतों का कोई आधिकारिक आंकड़ा नहीं है और जो आंकड़ा समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने गिना है, असली आंकड़ा उस से कहीं अधिक हो सकता है. मिन्नोली बफेलो स्थित न्यू यॉर्क स्टेट यूनिवर्सिटी की छात्रा है और हृदय रोग विशेषज्ञ बनने की उम्मीद रखती है. मां की मौत के बाद वह कई दिनों तक उसे मैसेज करती रही.

मिन्नोली कहती है, "मैं मैसेज करती रही यह खुद को यह दिलासा देने के लिए कि यह सच नहीं है. उन्हें और जीना था, मुझे ग्रैजुएट होते देखना था, मैं डॉक्टर बनती और मेरी शादी होती और बच्चे होते." माधवी चाहती थी कि वह अपनी बेटी को एक बेहतर जिंदगी दे पाए और इसलिए वह सहायक चिकित्सक बनी. वह ब्रुकलिन अस्पताल में ऐसी नौकरी करती जहां 12 घंटे इमरजेंसी रूम में बिताने पड़ते. 1 मार्च के बाद जब न्यू यॉर्क में कोरोना वायरस के पहले मामले की पुष्टि हुई तब से अब तक ब्रुकलिन में 28,183 लोगों पॉजिटिव पाए गए हैं और 1,869 लोगों की मौत हो चुकी है.

बढ़ते मामले

जॉन्स हॉप्किंस यूनिवर्सिटी के मुताबिक अमेरिका में कोरोना वायरस के कारण अब तक 30,844 लोगों की मौत हो चुकी है और 6,39,055 लोग संक्रमित हुए हैं. अमेरिका में शहर के शहर कोरोना के सामने लाचार होते दिख रहे हैं. इनमें सबसे बुरा हाल न्यू यॉर्क का है, जहां 10,899 लोगों की सिर्फ इस महामारी के कारण जान जा चुकी है.अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने कहा है कि कोरोना के मामले में देश ने शिखर को पार कर लिया है. उन्होंने उम्मीद जताई की कि देश के कुछ राज्य जल्द ही खुल जाएंगे. व्हाइट हाउस में दैनिक प्रेस कॉन्फ्रेंस में ट्रंप ने कहा कि राज्यों के खुलने को लेकर नए दिशा-निर्देश जारी किए जाएंगे. उन्होंने साथ ही बताया कि जो राज्य कम प्रभावित हैं वहां प्रतिबंधों में 1 मई से ढील दी जाएगी. ट्रंप और जी 7 के नेता गुरुवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कोरोना वायरस महामारी को लेकर अंतरराष्ट्रीय समन्वय पर चर्चा करने वाले हैं.

एए/सीके (रॉयटर्स, एएफपी)

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