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समाज

फ्रांस में एक दिन में कोरोना के 1,00,000 मामलों की शंका

२६ अक्टूबर २०२०

फ्रांस में पिछले 24 घंटों में आधिकारिक रूप से 52 हजार नए मामले दर्ज किए गए हैं. लेकिन महामारी विशेषज्ञों का कहना है कि असल संख्या एक लाख से भी अधिक हो सकती है.

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Symbolbild Corona PCR Test
तस्वीर: picture-alliance/S. Simon

कोरोना महामारी की शुरुआत से अब तक फ्रांस में कभी एक दिन के अंदर इतने सारे मामले दर्ज नहीं किए गए थे. रविवार का डाटा दिखाता है कि टेस्ट किए गए कुल लोगों में से 17 फीसदी पॉजिटिव पाए गए. एक महीना पहले यह संख्या 7 फीसदी थी. रविवार को संक्रमित लोगों का आंकड़ा 52,010 रहा. लेकिन महामारी विशेषज्ञों का कहना है कि क्योंकि सब लोग खुद को टेस्ट नहीं करा रहे हैं और जिन लोगों में संक्रमण के लक्षण नहीं हैं, उनका भी कोई डाटा मौजूद नहीं है, इसलिए असली संख्या एक लाख से अधिक हो सकती है

अब तक फ्रांस में संक्रमण के कुल 11,38,507 मामले दर्ज किए जा चुके हैं और 34,700 लोग इस वायरस के कारण अपनी जान गंवा चुके हैं.  शुक्रवार से ही देश के एक बड़े हिस्से में रात का कर्फ्यू घोषित किया गया है. लोग सिर्फ तब ही बाहर निकल सकते हैं अगर उनके पास कोई ठोस वजह हो. दुनिया भर में कोविड के नए मामलों में आधे यूरोप से हैं. सर्दियों की शुरुआत के साथ ही यहां हालात और बिगड़ने का अंदेशा है.

स्पेन में आपातकाल घोषित

स्पेन के प्रधानमंत्री पेद्रो सांचेज ने देश में इमरजेंसी घोषित कर दी है और रात का कर्फ्यू लगा दिया है. ये नियम स्पेन के कैनेरी द्वीपों पर भी लागू होंगे. कर्फ्यू की घोषणा करते हुए सांचेज ने कहा, "हम एक बेहद बुरे दौर का सामना कर रहे हैं." कर्फ्यू के तहत रात 11 से सुबह 6 बजे तक लोगों को बाहर निकलने की अनुमति नहीं होगी. यह कर्फ्यू मई 2021 तक जारी रहेगा.

Zweite Coronawelle in Italien
इटली में कोरोना नियमों के खिलाफ प्रदर्शन तस्वीर: Andreas Solaro/AFP/Getty Images

इसी तरह इटली में भी थिएटर, सिनेमा, जिम, रेस्तरां और बार के लिए नए नियम लाए गए हैं. साल की शुरुआत में लगे लॉकडाउन के बाद से यूरोप के देशों की अर्थव्यवस्था पहले ही बुरी हालत में हैं. साथ ही लोग भी नियमों से ऊब गए हैं. ऐसे में कई जगहों पर इन नियमों के खिलाफ प्रदर्शन हो रहे हैं. इटली की राजधानी रोम में उग्रदक्षिणपंथी गुटों ने कर्फ्यू के खिलाफ रात में सड़कों पर प्रदर्शन किए. पुलिस ने उन्हें रोकने की कोशिश की तो उन्होंने आगजनी की और सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाया. स्पेन और इटली में रोजाना औसतन 20 हजार नए मामले दर्ज किए जा रहे हैं. 

बहुत, बहुत मुश्किल वक्त है: मैर्केल

कुछ ऐसा ही जर्मन राजधानी बर्लिन में भी देखा गया जहां करीब 2,000 लोग प्रदर्शन करने के लिए सड़कों पर निकले. इन प्रदर्शनों के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का पालन तो नहीं ही हुआ, बहुत से लोगों ने मास्क भी नहीं पहनने का फैसला किया. इस दौरान लोग "हमें हमारी आजादी वापस चाहिए" के नारे लगाते देखे गए. प्रदर्शनकारियों में ना केवल युवा, बल्कि वृद्ध लोग भी थे. साथ ही बच्चों समेत परिवारों ने भी इनमें हिस्सा लिया. इससे पहले 10,000 लोगों की एक और रैली की भी योजना थी लेकिन पुलिस ने यह कह कर आयोजन नहीं होने दिया कि प्रदर्शन करने के लिए भी कोरोना के नियमों का पालन करना जरूरी है.

Kabinettssitzung l 21. Oktober 2020
आने वाले महीनों को ले कर चिंतित हैं मैर्केल तस्वीर: Markus Schreiber/dpa/picture-alliance

जर्मन चांसलर अंगेला मैर्केल ने रविवार शाम मंत्रियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा, "हमारे सामने बहुत, बहुत ही मुश्किल महीने हैं." जर्मन अखबार बिल्ड में छपी खबर के अनुसार मैर्केल बैठक के दौरान बेहद चिंतित नजर आईं. उन्होंने गर्मियों की छुट्टियों के लिए देश के बाहर जाने वालों को बढ़ती संक्रमण दर के लिए जिम्मेदार बताया. मैर्केल ने साफ कहा कि कम से कम फरवरी तक जर्मन लोग किसी भी तरह के उत्सव नहीं मना पाएंगे. जर्मनी में क्रिसमस के दौरान अकसर लोग अपने परिवारों से मिलने जाते हैं. मौजूदा हालात को देखते हुए लगता है कि दिसंबर तक क्रिसमस से जुड़े नए नियम लागू किए जाएंगे.

आईबी/एनआर (डीपीए, रॉयटर्स)

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