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ताजा सर्वे में मैर्केल लोकप्रियता के शिखर पर

येंस थुराऊ
१२ जून २०१७

ताजा सर्वे के अनुसार चांसलर अंगेला मैर्केल और उनकी सीडीयू पार्टी वापस अपनी लोकप्रियता को हासिल कर रहे हैं. वहीं चांसलर को चुनौती देने वाले एसपीडी उम्मीदवार मार्टिन शुल्त्स की लोकप्रियता गोता लगा रही है.

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Merkel Festspiele Bayreuth 2007
तस्वीर: picture alliance/S. Radke

आज जिधर भी देखो, संकट ही संकट नजर आते हैं. मध्य पूर्व लगातार राजनीतिक उथल पुथल का शिकार है तो तुर्की राष्ट्रपति रेचेप तैयप एर्दोवान के शासन में निरकुंशता की तरफ बढ़ रहा है. वहीं अमेरिका में राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप लगभग रोजाना पश्चिमी जगत के साझा मूल्यों पर सवाल उठाते दिख रहे हैं. इसलिए जर्मन लोगों को इस बात की बड़ी खुशी है कि अंगेला मैर्केल उनकी चांसलर है.

यह बात एक नए सर्वेक्षण में सामने आयी है जो इंफ्राटेस्ट-डाइमैप कंपनी ने जर्मनी के सरकारी चैनल एआरडी के साथ मिल कर किया है. इस सर्वे के मुताबिक 2015 के शरणार्थी संकट के बाद क्रिश्चियन डेमोक्रैटिक पार्टी (सीडीयू) की नेता मैर्केल की लोकप्रियता इन दिनों अपने उच्चतम स्तर पर है. जब चांसलर ने जर्मनी में नौ लाख शरणार्थियों को जगह दी तो उनकी लोकप्रियता बेहद गिर गयी थी. इन शरणार्थियों में ज्यादातर सीरिया और अफगानिस्तान के लोग हैं.

लेकिन अब 64 प्रतिशत जर्मन बतौर चांसलर अंगेला मैर्केल के काम से खुश हैं. इस तरह वह जर्मनी में सबसे लोकप्रिय राजनेता हैं. सर्वे करने वाली संस्था ने लगभग 1500 लोगों से उनकी राय पूछी थी.

Infografik Sonntagsfrage ENG

सीडीयू की सफलता का राज

चांसलर भी एक वजह हैं जिसके चलते उनकी कंजरवेटिव पार्टी लोगों की पहली पसंद बनी हुई है. सर्वे में लोगों से पूछा गया कि अगर चुनाव सितंबर की बजाय अभी हो तो वे किसको वोट देना चाहेंगे. इसके जवाब में 38 प्रतिशत लोगों ने कहा कि वह सीडीयू या बवेरिया में उसकी सहोदर पार्टी सीएसयू को वोट देंगे. वहीं 24 प्रतिशत लोगों ने कहा कि वे एसपीडी और उसके नये नेता मार्टिन शुल्त्स को वोट देंगे. वहीं 10 प्रतिशत लोगों ने उदारवादी फ्री डेमोक्रैटिक पार्टी (एफडीपी) को वोट देने की बात कही, जिसका पिछले साढ़े तीन साल से जर्मन संसद बुंडेस्टाग में कोई प्रतिनिधि नहीं है.

Infografik Sonntagsfrage Juni 2017 englisch

प्रवासी विरोधी ज्यादा लोकप्रिय नहीं

दो मौजूदा विपक्षी पार्टियों में से डी लिंके को आठ और ग्रीन पार्टी को सात प्रतिशत लोगों ने अपना वोट देने की बात कही. इन पार्टियों को वैश्विक अनिश्चितता के दौर में नुकसान उठाना पड़ा है क्योंकि ज्यादातर मतदाता चुनी हुई सरकारों में ही भरोसा जता रहे हैं.

प्रवासी विरोधी धुर दक्षिणपंथी अल्टरनेटिव फॉर जर्मनी (एएफडी) को इस सर्वे में नौ प्रतिशत लोगों का समर्थन मिला. यह पार्टी जर्मनी की विदेश नीति में बड़े बदलाव चाहती है. इस पार्टी को इस बार बुंडेस्टाग में सीट मिलना लगभग निश्चित है, लेकिन एएफडी की लोकप्रियता उतनी नहीं है जितनी यूरोप में अन्य जगहों पर ऐसी पार्टियों को हासिल है. मिसाल के तौर पर फ्रांस में नेशनल फ्रंट को.

एसपीडी का उतार चढ़ाव

इस सर्वेक्षण के नतीजे खासकर शुल्त्स के लिए चौकाने वाले हैं. यूरोपीय संसद के पूर्व अध्यक्ष शुल्त्स ने जनवरी में चांसलर पद की अपनी उम्मीदवारी का एलान कर सबको हैरान कर दिया था और उन्हें मार्च में होने वाले पार्टी सम्मेलन में भरपूर समर्थन भी मिला. उन्हें कभी ऐसे नये और तरोताजा चेहरे के तौर पर देखा जाता था जो एसपीडी में नयी जान फूंक सकता है. इसीलिए चांसलर पद की उनकी उम्मीदवारी के एलान के बाद लगभग 10 हजार नये लोग पार्टी से जुड़े.

Infografik Merkel vs Schulz englisch

इस दौरान एसपीडी सर्वेक्षणों में सीडीयू के नजदीक आने लगी, बल्कि एक समय तो वह मैर्केल की पार्टी से आगे भी हो गयी, जैसा कि ग्राफिक में दिखाया गया है. लेकिन फिर शुल्त्स की लोकप्रियता में आश्चर्यजनक रूप से भारी गिरावट आने लगी. डॉनल्ड ट्रंप के साथ पहले वॉशिंगटन में और फिर इटली में जी7 देशों की बैठक में मुलाकात के बाद मैर्केल दुनिया की तवज्जो का केंद्र बन गयीं. अब एसपीडी 14 प्रतिशत से पिछड़ रही है और सिर्फ 36 फीसदी जर्मन ही शुल्त्स से संतुष्ट हैं.

ट्रंप और अमेरिका को लेकर नया अविश्वास
सर्वेक्षण में एक महत्वपूर्ण बात यह भी उभर कर सामने आई कि अब जर्मन लोगों में अमेरिका को लेकर बहुत कम सम्मान है. सिर्फ पांच प्रतिशत लोगों को अमेरिकी राष्ट्रपति पर भरोसा है. सर्वे में शामिल 21 प्रतिशत लोगों ने कहा कि लंबे समय से जर्मनी के सबसे महत्वपूर्ण सहयोगी रहे अमेरिका पर उतना ही भरोसा किया जा सकता है जितना रूस पर. इस बीच, 94 प्रतिशत लोगों ने कहा कि उन्हें फ्रांस पर भरोसा है, खास कर इमानुएल माक्रों के राष्ट्रपति बनने के बाद.

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