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कोलंबिया के राष्ट्रपति को शांति का नोबेल

७ अक्टूबर २०१६

दक्षिण अमेरिकी देश कोलंबिया के राष्ट्रपति हुआन मानुएल सांतोस को इस साल के नोबेल शांति पुरस्कार के लिए चुना गया है.

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Kolumbien Juan Manuel Santos Präsident Friedensnobelpreisträger 2016
तस्वीर: picture-alliance/AP Photo/F. Vergara

नोबेल समिति ने अनुसार उन्हें अपने देश में 50 साल से चल रहे गृह युद्ध को खत्म करने के प्रयासों के लिए सम्मानित किया गया है. कोलंबिया के राष्ट्रपति हुआन मानुएल सांतोस और फार्क नेता करीब चार साल से जारी वार्ताओं के दौर के बाद समझौते तक पहुंचे थे.

कोलंबिया का गृह युद्ध दुनिया के सबसे जानलेवा संघर्षों में गिना जाता है. 1964 में शुरू हुई इस लड़ाई के अंत तक करीब दो लाख बीस हजार लोगों की जान जा चुकी है और 80 लाख लोग विस्थापित हुए. हालांकि कोलंबिया में वामपंथी विद्रोही लड़ाकों के साथ शांति समझौते को जनमत संग्रह में ठुकरा दिया गया है. बहुत से कोलंबियाई लोगों का कहना है कि शांति समझौते में फार्क को लेकर नरमी बरती गई.

नॉर्वे की नोबेल कमेटी की प्रमुख काची कुलमन फाइव ने कहा, “इस बात का खतरा है कि शांति प्रक्रिया खत्म हो जाए और गृह युद्ध फिर से भड़क उठे. इसलिए जरूरी है कि दोनों ही पक्ष युद्धविराम का सम्मान करें.” कोलंबिया शांति समझौते को नोबेल शांति पुरस्कार की दौड़ में आगे माना जा रहा था लेकिन जब इसे जनमत संग्रह में लोगों ने खारिज कर दिया तो इस प्रतिष्ठित पुरस्कार का हकदार बनने की इसकी संभावनाएं कम दिखने लगीं.

तस्वीरों में देखिए, 2016 के नोबेल प्राइज

फाइव कहती हैं, “जनमत संग्रह में ज्यादातर लोगों ने समझौते को ‘ना’ कह दिया है तो इसका ये मतलब नहीं है कि शांति प्रक्रिया खत्म हो गई है. जनमत संग्रह शांति के खिलाफ मतदान नहीं है. लोगों ने शांति को खारिज नहीं किया है, सिर्फ एक समझौते को खारिज किया है.” उनके मुताबिक, “नॉर्वे की नोबेल कमेटी ने इस बात की अहमियत पर जोर दिया है कि राष्ट्रपति सांतोस ने सभी पक्षों को एक व्यापक संवाद के लिए आमंत्रित किया है जिसका मकसद शांति प्रक्रिया को आगे ले जाना है.”

सांतोस को नोबेल पुरस्कार के तहत अस्सी लाख स्वीडिश क्रोनर यानी 9.24 लाख डॉलर की राशि मिलेगी. शांति का नोबेल छह नोबेल पुरस्कारों में अकेला ऐसा पुरस्कार है जिसकी घोषणा स्वीडन में नहीं, बल्कि नॉर्वे में होती है. नोबेल पुरस्कार शुरू करने वाले अल्फ्रेड अपनी इस पहल में नॉर्वे को भी जोड़ना चाहते थे क्योंकि उस वक्त नॉर्वे और स्वीडन का आपस में एक संघ था.

एके/वीके (डीपीए, एपी, रॉयटर्स)