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दावा: भारत में घुसकर चीन ने कर लिया लड़के को अगवा

आमिर अंसारी
२० जनवरी २०२२

सत्तारूढ़ बीजेपी के एक सांसद का दावा है कि चीनी सैनिकों ने अरुणाचल प्रदेश से एक भारतीय किशोर का "अपहरण" कर लिया है. मामले पर भारतीय सेना ने चीनी सेना से संपर्क साधा है.

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तस्वीर: Anupam Nath/AP/picture alliance

अरुणाचल (पूर्व) से बीजेपी के सांसद तापिर गाओ ने 19 जनवरी को ट्वीट कर दावा किया कि चीनी सेना ने 17 वर्षीय लड़के मिराम टैरॉन को अगवा कर लिया है. उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा, "मिराम टैरॉन को पीएलए ने मंगलवार को सियुंगला क्षेत्र के लुंगटा जोर इलाके से अगवा किया." गाओ ने लोअर सुबनसिरी जिले के मुख्यालय जिरो से फोन पर पत्रकारों को बताया कि भागने में सफल रहे टैरॉन के दोस्त जॉनी यायिंग ने पीएलए द्वारा अपहरण के बारे में अधिकारियों को सूचित किया.

किशोर को छुड़ाने की अपील

गाओ ने ट्वीट किया था, "चीनी पीएलए ने जिदो गांव के 17 साल के मिराम टैरॉन का अपहरण कर लिया है. 18 जनवरी को भारतीय क्षेत्र के अंदर से, लुंगटा जोर क्षेत्र जहां चीन ने 2018 में भारत के अंदर 3-4 किलोमीटर सड़क बनाई थी." यह सियुंगला क्षेत्र के तहत आता है.

बीजेपी सांसद गाओ ने अपने ट्वीट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को टैग करते हुए कहा कि भारत सरकार की सभी एजेंसियों से अनुरोध है कि अपहृत किशोर को जल्द से जल्द रिहा कराया जाए.

भारतीय मीडिया में रक्षा सूत्रों के हवाले से कहा जा रहा है कि मिराम टैरॉन के लापता होने की घटना के संबंध में भारतीय सेना ने तुरंत पीएलए से संपर्क किया. पीएलए से उसके क्षेत्र में व्यक्ति का पता लगाने और उसे प्रोटोकॉल के मुताबिक वापस करने के लिए सहायता मांगी है.

विपक्ष के निशाने पर मोदी

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने किशोर के कथित तौर पर अगवा होने पर केंद्र सरकार पर निशाना साधा है और प्रधानमंत्री मोदी को आडे़ हाथों लिया है. उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा, "गणतंत्र दिवस से कुछ दिन पहले भारत के एक भाग्य विधाता का चीन ने अपहरण किया है- हम मिराम टैरॉन के परिवार के साथ हैं और उम्मीद नहीं छोड़ेंगे, हार नहीं मानेंगे. PM की बुजदिल चुप्पी ही उनका बयान है- उन्हें फर्क नहीं पड़ता!"

वहीं अरुणाचल प्रदेश में कांग्रेस के विधायक निनोंग एरिंग ने इस कथित अपहरण पर दुख जताया है और कहा है कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि चीनी सेना भारतीय क्षेत्र में घुसपैठ कर रही है. बताया जा रहा है कि घटना उस स्थान के पास हुई जहां से त्सांगपो नदी भारत में प्रवेश करती है. भारत ने अभी तक कथित अपहरण पर कोई टिप्पणी नहीं की है. इस संबंध में विभिन्न पत्रकारों द्वारा विदेश मंत्रालय से पूछे गए सवालों पर कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है.

जिस क्षेत्र से किशोर लापता हुआ है, वह वही इलाका है जहां 2018 में चीनी और भारतीय सेनाओं के बीच सड़क निर्माण को लेकर विवाद हुआ था. इससे पहले सितंबर 2020 में पीएलए ने ऊपरी सुबनसिरी जिले से पांच लड़कों का अपहरण कर लिया था. हालांकि एक हफ्ते बाद सेना के दखल के बाद उनको रिहा किया गया था.

चीन अरुणाचल प्रदेश पर अपना दावा करता आया है, बीजिंग का कहना है कि यह दक्षिणी तिब्बत क्षेत्र का हिस्सा है. भारत ने हमेशा से इस दावे का खंडन किया है और प्रदेश को भारत का अभिन्न अंग बताया है.

यह घटना ऐसे समय में हुई है जब पूर्वी लद्दाख में भारतीय सेना और पीएलए के बीच सैन्य गतिरोध अप्रैल 2020 से जारी है. इस गतिरोध को हल करने के लिए दोनों देशों के बीच राजनयिक और सैन्य स्तर पर अब तक कई बैठकें हो चुकी हैं, लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला है.

सेना प्रमुख जनरल एम एम नरवणे ने पिछले दिनों कहा था कि भारतीय सेना पूर्वी लद्दाख में चीन की पीपल्स लिबरेशन आर्मी के साथ दृढ़ता एवं मजबूत तरीके से निपटना जारी रखेगी और वह क्षेत्र में सर्वोच्च स्तर की अभियान संबंधी तैयारियां रख रही है.

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