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भारत के असैन्य परमाणु कार्यक्रम की निगरानी हो: पाक

७ फ़रवरी २०१७

पाकिस्तान चाहता है कि भारत के पूरे असैन्य परमाणु कार्यक्रम को अंतरराष्ट्रीय आण्विक ऊर्जी आयोग की ओर से निर्धारित सुरक्षा उपायों के तहत लाया जाए.

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Indien Kudankulam Atomkraftwerk Archiv 2012
तस्वीर: picture alliance/AP Photo

पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय में निरस्त्रीकरण विभाग के महानिदेशक कामरान अख्तर ने कहा, "अपने हितों के लिए खड़े होना हमारी जिम्मेदारी है. हम चाहते हैं कि भारत का पूरा तीन चरणों वाला परमाणु बिजली कार्यक्रम सुरक्षा उपायों के तहत लाया जाए."

पाकिस्तानी अखबार 'डॉन' ने खबर दी है कि कामरान अख्तर ने इस्लामाबाद में आण्विक सामग्री में कटौती से जुड़ी संधि (एफएमसीटी) पर एक गोलमेज चर्चा के दौरान यह बात कही. यह बैठक आगामी निरस्त्रीकरण कॉन्फ्रेंस की तैयारियों के तहत की गई.

कई एफएमसीटी विशेषज्ञों ने भी इस बैठक में हिस्सा लिया. कामरान अख्तर ने कहा कि पाकिस्तान तभी एफएमसीटी पर सहमत होगा जब भारत की तरफ से इस तरह का कोई आश्वासन दिया जाएगा. भारत और पाकिस्तान दोनों ही परमाणु हथियारों से लैस हैं और उनके बीच कश्मीर समेत कई मुद्दों पर तनाव अंतरराष्ट्रीय बिरादरी के लिए चिंता का कारण रहा है.

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यही नहीं, पाकिस्तान के परमाणु कार्यक्रम की सुरक्षा को लेकर भी सवाल उठते रहे हैं. अकसर यह आशंका जताई जाती है कि पाकिस्तान के परमाणु हथियार चरमपंथियों के हाथों में पड़ सकते हैं, हालांकि पाकिस्तान अपने परमाणु हथियारों को बिल्कुल सुरक्षित बताता है.

डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक कामरान अख्तर ने कहा कि भारत को "भेदभाव पूर्ण तरीके से" कुछ रियायतें दी गई हैं जिनके कारण पाकिस्तान की सुरक्षा चिंताएं बढ़ी हैं. अख्तर के मुताबिक एफएमसीटी से पाकिस्तान को नुकसान होगा और इससे उसके सुरक्षा हित भी प्रभावित होंगे.

उन्होंने कहा कि भारत के जिन रिएक्टरों को आईएईए सुरक्षा उपायों के तहत मंजूर नहीं किया गया है उन्हें गुपचुप तरीके से प्लूटोनियम के उत्पादन के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है और प्लूटोनियम के मौजूदा भंडार का इस्तेमाल बाद में सैन्य उपयोग के लिए किया जा सकता है.

एके/वीके (पीटीआई)