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नाव हादसा: अवैध तरीके से यूरोप नहीं जाना चाहते पाकिस्तानी

२८ जुलाई २०२३

अवैध रूप से यूरोप पहुंचने की कोशिश करने वाले मोहम्मद नईम लीबिया में कई हफ्ते बिताने के बाद घर लौट आए हैं. कारण इसी साल गर्मियों में यूरोप ले जा रही एक नाव का डूब जाना है.

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नईम अपनी 76 वर्षीय मां रजिया लतीफ के साथ
लीबिया से लौटे मोहम्मद नईमतस्वीर: Aamir Qureshi/AFP

पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में एक ट्रॉली पर रेत डालते हुए मोहम्मद नईम बट ने कहा कि जून महीने में ग्रीस के समुंदर में सैकड़ों पाकिस्तानियों के मारे जाने की सूचना के बाद उन्होंने बेहतर जीवन के लिए यूरोप जाने का इरादा छोड़ दिया. इस हादसे में मारे गए लगभग 350 पाकिस्तानियों में से 24 मोहम्मद नईम के गांव खुईरत्ता के थे.

नईम कहते हैं, "अब पीछे मुड़कर देखने पर मुझे एहसास होता है कि मैंने जो जोखिम उठाया था वह बहुत बड़ा था." नईम उन दर्जनों पाकिस्तानियों में से हैं जो अवैध रूप से यूरोप जाने के लिए लीबिया में थे लेकिन नाव हादसे के बारे में सुनने के बाद उन्होंने अपनी योजना छोड़ दी.

पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर के रहने वाले हैं मोहम्मद नईम
पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर के रहने वाले हैं मोहम्मद नईमतस्वीर: Aamir Qureshi/AFP

बेहतर की जिंदगी की तलाश

वह कहते हैं, "जीवन अपने बच्चों और जीवनसाथी के साथ अच्छा समय बिताने के बारे में है, न कि बहुत सारा पैसा कमाने के बारे में." नईम ने यूरोप जाने के लिए दोस्तों और रिश्तेदारों से पैसे उधार लिए थे, जबकि उनकी पत्नी ने 20 लाख रुपये की बड़ी रकम जुटाने के लिए अपने गहने भी बेच दिए थे.

नईम के लिए सफर की शुरुआत आसान रही. वह पाकिस्तान से हवाई मार्ग से दुबई होते हुए मिस्र पहुंचे और फिर लीबिया चले गए. यात्रा की सारी कठिनाइयां वहीं से शुरू हुईं. उन्होंने वहां एक बदतर शिविर में लगभग दो महीने बिताए, जहां लगभग 600 अन्य प्रवासी थे. वे सभी नाव में बिठाकर भूमध्य सागर के पार ले जाने का इंतजार कर रहे थे.

लेकिन उन्हें मछुआरों की ऐसी नाव पर बिठाया गया, जो लोगों से खचाखच भरी हुई थी. नाव छह दिनों तक समुद्र में चलती रही और फिर लीबियाई तटरक्षक बल ने उसे पकड़ लिया. तटरक्षक बल ने नाव पर सवार सभी लोगों को तूफान से भी बचाया.

यूरोप जाने के लिए जान दांव पर

उन्हें वापस लीबिया लाया गया और फिर जेल में डाल दिया गया. नईम उस कठिन समय को याद करते हुए कहते हैं, "उन्होंने हमें केवल जिंदा रहने के लिए पर्याप्त भोजन दिया, मैकरोनी या उबले चावल की एक प्लेट पांच लोगों के बीच साझा की जाती थी." नईम कहते हैं, "वे क्रूर लोग थे." 

जेल में रहते हुए उन्हें ग्रीस में जहाज के डूबने की खबर मिली, जिससे वे और भी अधिक उदास और हताश हो गये. दूसरी ओर नईम के परिवार को इस बात की जानकारी नहीं थी कि वह उस वक्त कहां थे.

उनकी पत्नी मेहविश मतलूब कहती हैं, "एक हफ्ते तक मैं जिस दर्द और तकलीफ से गुजरी, वह मैं नहीं बता सकती." 31 साल की मेहविश ने उदास आवाज में कहा, "मुझे ऐसा लग रहा था जैसे पूरी दुनिया मेरे सामने बिखर गई हो." आखिरकार नईम जेल से बाहर आए और अपने परिवार से संपर्क कर उन्हें बताया कि वह जिंदा हैं.

अपने बच्चों के साथ मोहम्मद नईम
अपने बच्चों के साथ मोहम्मद नईमतस्वीर: Aamir Qureshi/AFP

"भीख मांग लेंगे अवैध तरीके से यूरोप नहीं भेजेंगे"

नईम की 76 साल की मां रजिया लतीफ का कहना है कि वह अपने बेटे को अवैध रूप से यूरोप भेजने की कोशिश के फैसले से बहुत शर्मिंदा हैं. जब और लोग यूरोप जा रहे हैं तो नईम को भेजने में क्या बुराई थी. इस सवाल के जवाब में रजिया लतीफ कहती हैं, "अगर हमें पता होता कि यह इतना मुश्किल है तो हम भीख मांगना पसंद करते."

पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में ह्यूमन राइट्स फोरम ग्रुप से जुड़े जफर इकबाल गाजी कहते हैं कि समस्या यह भी है कि आप्रवासी बड़े-बड़े घर बनाते हैं और फिर बाकी लोग भी अपने बच्चों को किसी न किसी तरह विदेश भेजने की कोशिश करते हैं.

हमजा भट्टी सऊदी अरब में ड्राइवर थे और हर महीने लगभग दो लाख रुपये कमा लेते थे. ये उनकी पत्नी और बच्चों के लिए काफी था, लेकिन उन्होंने लीबिया के रास्ते यूरोप पहुंचने की कोशिश की. भट्टी की नाव को भी लीबियाई तट पर लौटने के बाद गिरफ्तार कर लिया गया था. उनको भी जेल में डाल दिया गया था. 

नईम और हमजा भट्टी साथ ही जेल में थे और उन्हें भी जेल में नाव दुर्घटना की खबर मिली. हमजा बताते हैं, "यह मेरा लालच था जो मुझे मौत के कगार पर ले गया."

दुबई के रास्ते यूरोप जाते पाकिस्तानी

जफर इकबाल गाजी बताते हैं कि पिछले साल करीब 175 युवा खुईरत्ता छोड़कर यूरोप चले गए. उनका कहना है कि ग्रीस नाव दुर्घटना के बाद हालिया शांति केवल अस्थायी है. पाकिस्तान की संघीय जांच एजेंसी (एफआईए) के मुताबिक पिछले महीने की कार्रवाई के बाद से 69 तस्करी एजेंटों को गिरफ्तार किया गया है, लेकिन उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई मुश्किल होगी. 

नाम न छापने की शर्त पर एफआईए के एक अधिकारी ने कहा, "चुनौती यह है कि इनमें से अधिकतर युवाओं के पास दुबई के लिए वैध वीजा था." अधिकारी कहता है ग्रीस नाव हादसे के बाद भी कोई बड़ा बदलाव नहीं होने वाला है.

भूमध्य सागर के रास्ते यूरोप की यात्रा को प्रवासियों के लिए दुनिया की सबसे घातक यात्रा बताया जाता है, लेकिन पाकिस्तान में बढ़ते आर्थिक संकट के कारण कई लोग अब इस खतरनाक और अवैध यात्रा को करने को तैयार हैं.

प्रवासियों से जुड़े मामलों पर काम करने वाली संयुक्त राष्ट्र की संस्था इंटरनेशनल ऑर्गेनाइजेशन फॉर माइग्रेशन के मुताबिक, केंद्रीय भूमध्य इलाके में 2014 से अब तक कम से कम 21,000 मौतें या गुमशुदगियां हो चुकी हैं.

एए/वीके (एएफपी)