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समाज

कार्टून विवाद: फ्रांस की आलोचना में तुर्की के साथ पाकिस्तान

२६ अक्टूबर २०२०

इमरान खान ने तुर्की के सुर में सुर में मिलाते हुए फ्रांस पर "इस्लामोफोबिया" को बढ़ावा देने का आरोप लगाया है. तुर्क राष्ट्रपति ने इससे पहले फ्रांस के राष्ट्रपति पर उनके मुसलमानों के प्रति रवैये को लेकर हमला बोला था.

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तस्वीर: picture-alliance/AP/Presidential Press Service

पैगंबर मोहम्मद के कार्टून विवाद के बाद इमरान खान ने रेचेप तैयप एर्दोवान के साथ आते हुए फ्रांस के राष्ट्रपति इमानुएल माक्रों की आलोचना की है. हाल ही में माक्रों ने इतिहास के शिक्षक को श्रद्धांजलि देते हुए कहा था कि "इस्लामवादी हमसे हमारा भविष्य लूटना चाहते हैं" माक्रों ने उस सभा में कहा था, "हम उस आजादी की रक्षा करेंगे जो आपने सिखाई है और धर्मनिरपेक्षता के झंडे को ऊंचा रखेंगे. दूसरे लोग अगर छोड़ दें तब भी हम कार्टून और चित्र बनाना नहीं छोड़ेंगे." इमरान ने माक्रों पर हमला करते हुए रविवार को एक के बाद एक कई ट्वीट किए और उनपर इस्लाम पर हमला करने का आरोप लगाया. इमरान ने अपने ट्वीट में लिखा, "यह वह समय है जब उन्हें संयम से काम लेते हुए मलहम लगाने का काम करना चाहिए और कट्टरपंथियों को दरकिनार करने की रणनीति अपनानी चाहिए थी, वे आगे और ध्रुवीकरण और हाशिए पर ले जाने का काम कर रहे हैं जिससे अतिवादियों को और जगह मिलेगी."

एक और ट्वीट में इमरान खान ने लिखा, "दुख है कि राष्ट्रपति माक्रों जानबूझकर अपने नागरिकों समेत मुस्लिमों को भड़का रहे हैं और वे इस्लाम और पैगंबर मोहम्मद को निशाना बनाने वाले कार्टून को बढ़ावा दे रहे हैं." इमरान के इन आरोपों पर माक्रों ने सीधे कोई जवाब नहीं दिया लेकिन एक ट्वीट में कहा कि फ्रेंच सरकार "शांति की भावना" के साथ सभी मतभेदों का सम्मान करती है. माक्रों ने अपने ट्वीट में लिखा, "हम भड़काऊ भाषा को स्वीकार नहीं करते हैं और उचित बहस का समर्थन करते हैं. हम हमेशा मानवीय गरिमा और सार्वदेशिक मूल्यों के पक्ष में रहेंगे."

Frankreich | Paris | Macron bei der Gedenkzeremonie für den Lehrer Samuel Paty 21.10.2020
टीचर को श्रद्धांजलि देते हुए माक्रों. तस्वीर: Francois Mori/Reuters

व्यंग्यात्मक कार्टून

इमरान ने माक्रों पर ऐसे समय पर बयान दिया है जब पिछले दिनों माक्रों ने सैमुएल पैटी को श्रद्धांजलि देते हुए कहा था कि कार्टून और तस्वीरों से फ्रांस पीछे नहीं हटेगा. सैमुएल पैटी इतिहास और समाजशास्त्र के टीचर थे और उन्होंने अपनी दो कक्षाओं में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर चर्चा के दौरान पैगंबर मोहम्मद का कार्टून दिखाया था. इसी के बाद उनकी हत्या स्कूल से थोड़ी दूरी पर कर दी गई थी.

शनिवार को ही तुर्की के राष्ट्रपति एर्दोवान ने माक्रों की यह कहते हुए निंदा की थी कि माक्रों को मुसलमानों के प्रति उनके रवैये के कारण "मानसिक जांच" की जरूरत है. एर्दोवान ने आरोप लगाया था कि फ्रांस और यूरोप में "इस्लामोफोबिया" बढ़ रहा है. तुर्की के शहर कायसेरी में भाषण के दौरान एर्दोवान ने कहा था, "मुस्लिमों और इस्लाम के साथ माक्रों की समस्या क्या है. उनकी मानसिक जांच की जरूरत है." पेरिस ने एर्दोवान के बयान की आलोचना की थी और कहा था कि यह "अस्वीकार्य" है.

"इस्लामोफोबिक" सामग्री पर प्रतिबंध की मांग

रविवार को ही इमरान ने "इस्लामोफोबिक" सामग्री को फेसबुक पर बैन करने की मांग को लेकर एक पत्र लिखा है. इमरान ने कहा है कि जैसे होलोकॉस्ट से जुड़ी सामग्री पर प्रतिबंध लगा है वैसा ही प्रतिबंध "इस्लामोफोबिक" सामग्री पर लगे. इमरान ने फेसबुक के सीईओ मार्क जकरबर्ग को चिट्ठी लिखकर इस्लामोफोबिक सामग्री पर प्रतिबंध लगाने की मांग की है. इमरान ने अपने ट्विटर हैंडल से चिट्ठी को ट्वीट भी किया है. इस चिट्ठी में लिखा है, "बढ़ रहा इस्लामोफोबिया, दुनिया भर में चरमपंथ और हिंसा को प्रोत्साहित कर रहा है. विशेष रूप से फेसबुक जैसे सोशल मीडिया प्लेटफार्मों के माध्यम से. मैं आपसे इस्लामोफोबिया पर एक समान प्रतिबंध लगाने और इस्लाम के खिलाफ नफरत रोकने की मांग करता हूं."

एए/सीके (रॉयटर्स, एएफपी)

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