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बड़ी मशीनें लेकर निकले किसान, आंसू गैस से अफरा-तफरी

चारु कार्तिकेय
२१ फ़रवरी २०२४

सिर्फ पांच फसलों पर एमएसपी के सरकार के प्रस्ताव को ठुकराने के बाद किसानों ने एक बार फिर से अपना प्रदर्शन शुरू कर दिया है. उन्हें शंभू बॉर्डर पर ही रोके रखने के लिए हरियाणा पुलिस ने फिर से आंसू गैस के गोले दागे हैं.

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शंभू बॉर्डर पर आंसू गैस से बचने की तैयारी की है
गैस मास्क पहने किसानों ने शंभू बॉर्डर पर आंसू गैस से बचने की तैयारी की हैतस्वीर: Altaf Qadri/AP Photo/picture alliance

किसान इस बार पहले से भी ज्यादा तैयारी के साथ शंभू बॉर्डर तक पहुंचे हैं. किसान आंसू गैस से बचने के लिए खास चश्मे और मास्क से लेकर क्रेन और जेसीबी जैसी भारी मशीनें लेकर दिल्ली की तरफ निकले हैं. पिछले हफ्ते की ही तरह इस बार भी हरियाणा पुलिस किसानों को पंजाब और हरियाणा के बीच शंभू बॉर्डर पर रोके रखने की कोशिश कर रही है.

दिल्ली की सीमा वहां से करीब 230 किलोमीटर दूर है. पिछले सप्ताह सरकार से बातचीत करने के लिए अपने "दिल्ली चलो" अभियान को रोकने से पहले किसान वहां से आगे नहीं बढ़ पाए थे. देखना होगा इस बार वो आगे बढ़ पाते हैं या नहीं.

शंभू बॉर्डर पर तनाव

ताजा रिपोर्टों के मुताबिक हरियाणा पुलिस ने किसानों पर आंसू गैस के गोले छोड़े, जिससे बचने के लिए हजारों किसान खेतों में चले गए. पिछले हफ्ते की तरह पुलिस आंसू गैस छोड़ने के लिए ड्रोन का भी इस्तेमाल कर रही है.

अलग-अलग मीडिया रिपोर्टों में शंभू बॉर्डर पर मौजूद किसानों की अलग संख्या बताई जा रही है. किसान नेता जगजीत सिंह दल्लेवाल ने एक बयान में कहा, "यह सही नहीं है कि हमें रोकने के लिए इतने विशाल बैरिकेड लगाए गए हैं. हम शांति से दिल्ली की तरफ मार्च करना चाहते हैं. अगर वो यह नहीं चाहते तो उन्हें हमारी मांगें मान लेनी चाहिए."

मंगलवार देर शाम हरियाणा पुलिस ने किसानों द्वारा लाए गए भारी उपकरणों और वाहनों को जब्त करने के आदेश दिए, ताकि किसान उनका इस्तेमाल पुलिस के बैरिकेडों को तोड़ने के लिए ना कर पाएं.

फिर बुलाया सरकार ने

पुलिस ने इन उपकरणों के मालिकों को भी उन्हें किसानों को ना देने की हिदायत दी. पुलिस ने कहा कि इन उपकरणों का इस्तेमाल सुरक्षाबलों को नुकसान पहुंचाने के लिए किया जा सकता है.

डीजल सब्सिडी को लेकर सड़कों पर उतरे जर्मन किसान

किसान शंभू बॉर्डर के अलावा खनौरी से भी हरियाणा में प्रवेश कर वहां से दिल्ली की तरफ आगे बढ़ने की कोशिश कर रहे हैं. इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक वहां करीब 15,000 किसान मौजूद हैं. इंडियन एक्सप्रेस की ही एक और रिपोर्ट के मुताबिक किसानों ने अब डबवाली में भी मोर्चा खोल दिया है.

इस बीच कृषि मंत्री अर्जुन मुंडा ने किसानों को फिर से बातचीत के लिए बुलाया है. मुंडा ने एक्स पर कहा कि सरकार एमएसपी की मांग, फसल विविधीकरण, पराली की समस्या जैसे कई विषयों पर बातचीत के लिए तैयार है.

(रॉयटर्स से जानकारी के साथ)