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कट्टरपंथी सऊदी अरब में जब संगीत पर झूमे हजारों लोग

२ फ़रवरी २०१७

कट्टरपंथी वहाबी विचारधारा को मानने वाले सऊदी अरब में संगीत सुनने-सुनाने का चलन नहीं है. लेकिन पिछले दिनों जेद्दाह में आठ हजार लोग संगीत की धुनों पर झूमते नजर आए.

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Saudi-Arabien Sänger Mohammad Abdu Konzert Dschidda
तस्वीर: Getty Images/AFP/A. Hilabi

सऊदी अरब के दूसरे सबसे बड़े शहर जेद्दाह में सात साल में पहली बार कोई बड़ा संगीत कंसर्ट हुआ. पूरी अरब दुनिया में मशहूर गायक मोहम्मद अब्दू के कंसर्ट में लगभग आठ हजार लोग शामिल हुए. एक इंडोर स्पोर्ट्स सेंटर में यह कंसर्ट हुआ जिसमें मिस्र का एक ऑर्केस्ट्रा अब्दू का साथ दे रहा था. अब्दू ने इस मौके पर एक से एक रोमांटिक गीत सुनाये. उनके साथ एक अन्य सऊदी कलाकार राबेह सागर और इराकी-सऊदी गायक माजिद मुहांदिस भी थे. सुनने वालों में सभी पुरूष थे.

अब्दू को पिछले साल सितंबर में सऊदी राजधानी रियाद में कंसर्ट करना था, लेकिन बिन कोई कारण बताए उसे रद्द कर दिया गया. स्थानीय मीडिया का कहना है कि अगर यह कंसर्ट होता, तो रियाद में 24 साल बाद कोई कंसर्ट होता.

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सऊदी अरब में शराब, सार्वजनिक सिनेमा घरों और थिएटरों पर प्रतिबंध है. सार्वजनिक स्थलों पर महिलाओं और पुरूषों के मिलने जुलने की भी मनाही है. लेकिन देश में आर्थिक और सामाजिक सुधारों के तहत एक नया मनोरंजन प्राधिकरण कुछ शो करा रहा है. हालांकि उन्हें देखने वाले सीमित संख्या में ही होते हैं.

इन सुधारों की कमान 31 वर्षीय डिप्टी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के हाथों में है जिन्हें कट्टरपंथी तबकों का विरोध झेलना पड़ता है. हाल ही में सऊदी अरब के सबसे बड़े धार्मिक नेता ने सिनेमा और संगीत कंसर्टों का यह कह कर विरोध किया था कि वे नैतिक रूप से लोगों के भ्रष्ट कर देंगे. ग्रैंड मुफ्ती अब्दुलअजीज अल-शेख ने कहा, "हमें पता है कि संगीत कंसर्ट और सिनेमा बुराई सिखाते हैं.”

किंग सऊद यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर अब्दुलसलाम अल-वायेल कहते हैं, "ऐतिहासिक रूप से सऊदी समाज सांस्कृतिक लिहाज से बहुत समृद्ध रहा है. यहां कई तरह का संगीत हुआ करता था.” लेकिन 1990 के दशक में रूढ़िवादियों की ताकत बढ़ने के साथ ही संगीत और कंसर्ट सऊदी अरब से गायब होते गए.

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सामाजिक, सांस्कृतिक और महिलाओं से जुड़े मुद्दों पर लिखने वाली वरिष्ठ सऊदी ब्लॉगर इमान अल-नफजान ने 2008 में अब्दू की तुलना महान ब्रिटिश संगीतकार और बीटल्स के सदस्य रहे पॉल मैककार्टनी से की थी. उन्होंने लिखा था, "अब्दू को जिस चीज ने इतना हिट बनाया है उसमें पारिवार वाला व्यक्ति होने की उनकी साफ सुथरी छवि का भी योगदान है.” सऊदी अरब में लाल सागर के तट पर स्थित जेद्दाह शहर को राजधानी रियाद के मुकाबले कहीं ज्यादा उदारवादी माना जाता है.

एके/एमजे (एएफपी, रॉयटर्स)