ट्रंप पर क्या बोली दुनिया
अमेरिका में रिपब्लिकन उम्मीदवार डॉनल्ड ट्रंप की जीत पर दुनिया एक अजीब से सदमे में थी. खुशी की लहर तो कहीं नहीं दिख रही है. प्रतिक्रियाएं या तो बुरी हैं या संतुलित.
इंडोनेशिया
इंडोनेशिया के सोशल मीडिया पर लोग पूछ रहे थे कि अमेरिका ऐसे व्यक्ति को राष्ट्रपति कैसे चुन सकता है. इस्लामिक देश इंडोनेशिया में फेसबुक और ट्विटर समेत तमाम सोशल मीडिया वेबसाइटों पर लोग कयास लगा रहे थे कि चुनाव प्रचार के दौरान जो कुछ ट्रंप ने बोला है, उस पर वह अमल करेंगे या नहीं. कुछ लोगों ने तो यह तक डर जताया कि ट्रंप के प्रशासन में वे अपने रिश्तेदारों से मिलने अमेरिका जा पाएंगे या नहीं.
क्यूबा
अमेरिका के साथ संबंध सामान्य करने में जुटे क्यूबा को बराक ओबामा प्रशासन से जिस तरह का समर्थन मिल रहा था, उस पर अब संदेह के बादल नजर आने लगे हैं. ट्रंप ने वादा किया है कि अगर क्यूबा के राष्ट्रपति राउल कास्त्रो ने और ज्यादा राजनीतिक आजादी नहीं दी तो वह संबंधों को बेहतर बनाने वाले फैसले पलट देंगे. कुछ लोगों ने कहा कि उनकी जिंदगी में जो थोड़े बहुत सुधार होने लगे थे, अब क्या पता वे फिर से छिन जाएं.
चीन
चीन के ब्लॉगर वांग यिमिंग ने उम्मीद जताई है कि एक रिपब्लिकन राष्ट्रपति चीन में अभिव्यक्ति की आजादी के लिए ज्यादा जोर लगाएगा.बीजिंग यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर लू बिन कहते हैं कि वह किसी के समर्थक नहीं हैं लेकिन ट्रंप की छवि एक जेंटलमैन की नहीं है और राष्ट्रपति पद पर आप ऐसे व्यक्ति को चाहते हैं जो देश की छवि पेश करे.
ऑस्ट्रेलिया
ऑस्ट्रेलियाई विदेश मंत्री जूली बिशप ने कहा कि सरकार तो जो बनेगा, उसके साथ काम करेगी. उन्होंने कहा कि अमेरिका हमारा मुख्य सुरक्षा सहयोगी है और सबसे बड़ा विदेशी निवेशक भी.
न्यूजीलैंड
एक बार में अमेरिकी चुनावों के नतीजे देखते वक्त 22 साल की एक स्टूडेंट सारा पेरेरा ने कहा कि वह अमेरिकी संसद में इंटर्नशिप करने जा रही हैं लेकिन ट्रंप की जीत से डर लग रहा है. इसी हफ्ते एक स्कॉलरशिप पर अमेरिका जा रही सारा कहती हैं कि ट्रंप का राष्ट्रपति बनना अमेरिका के अंतरराष्ट्रीय संबंधों के लिए विनाशकारी हो सकता है.
जापान
जापान के विशेषज्ञों को लग रहा है कि अमेरिका की जापान नीति में बड़ा बदलाव हो सकता है. लेकिन सरकार ने कहा है कि वह अमेरिका-जापान रणनीतिक संबंधों की बेहतरी के लिए काम करती रहेगी.
भारत
भारत में डॉनल्ड ट्रंप की जीत की उम्मीद की जा रही थी. वहां उन्हें बड़ी संख्या में समर्थक मिले थे. इसलिए एक तरह की खुशी देखी जा रही है. भारत के जाने माने पत्रकार प्रभु चावला ने ट्वीट किया है कि उदारवादियों ने कहा था, मोदी जीते तो देश छोड़ जाएंगे. अब वे अमेरिका भी नहीं जा सकते जो हमेशा उनका नेचुरल हैबिटैट रहा है.
जर्मनी
जर्मनी की रक्षा मंत्री उरसुला फॉन डेअ लाएन ने कहा है कि अमेरिका का घटनाक्रम उनके लिए एक बड़ा धक्का है. अमेरिकी चुनाव नतीजों में रिपब्लिकन उम्मीदवार डॉनल्ड ट्रंप की बढ़त के बाद उनका ये बयान आया है. जर्मन टीवी चैनल एआरडी से बातचीत में उन्होंने कहा, "मुझे लगता है कि ट्रंप इस बात को जानते हैं कि ये वोट उनके लिए नहीं हैं, बल्कि वॉशिंगटन के खिलाफ है, वहां के प्रतिष्ठान के खिलाफ हैं."