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इंसान अधिकतम जी चुका है: रिपोर्ट

७ अक्टूबर २०१६

अब तक सबसे ज्यादा जीने वाले इंसान की मौत 122 साल की उम्र में हुई थी. क्या इंसान इस रिकॉर्ड को तोड़ सकता है? वैज्ञानिकों को लगता है कि ऐसा नहीं हो पाएगा.

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Jeanne Calment älteste Frau der Welt
तस्वीर: picture-alliance/dpa

1995 में जब फ्रांस की रहने वाली जीन कालमें 120 साल की हुईं तो उनसे पूछा गया कि उनकी राय में उनकी आनेवाली जिंदगी कैसी होगी. उन्होंने जवाब दिया, "बहुत छोटी." कालमें और दो साल जीवित रहीं और 122 साल की उम्र में इस दुनिया से विदा हुईं. अब तक इतना कोई और इंसान नहीं जिया है. और वैज्ञानिकों ने रिसर्च के बाद माना है कि शायद निकट भविष्य में कोई जी भी नहीं पाएगा. बुधवार को एक रिसर्च जारी हुई जिसमें वैज्ञानिकों ने बताया कि कालमें का रिकॉर्ड निकट भविष्य में शायद ही टूटे.

वैज्ञानिकों ने 40 देशों में इंसान की आयु का डाटा जुटाया और फिर उसके अध्ययन के बाद वे इस नतीजे पर पहुंचे हैं कि इंसान अपनी अधिकतम सीमा को संभवतया छू चुका है. हालांकि इंसान की औसत आयु लगातार बढ़ रही है. और इसके साथ ही बूढ़े लोगों की तादाद भी बढ़ रही है. लेकिन शोधकर्ताओं का कहना है कि जो लोग आज 110 साल की उम्र तक पहुंच रहे हैं, उनके ज्यादा जीने की संभावना उतनी ही है जितनी 1970 के दशक में 110 की उम्र तक पहुंचने वालों की थी. यह बात इस सच्चाई से और पुख्ता होती है कि 1997 में कालमें की मौत के बाद से कोई और उतना नहीं जिया है. बल्कि कालमें की मौत के बाद सबसे ज्यादा उम्र के जिंदा लोग 116 वर्ष तक ही पहुंच पाए हैं.

देखिए, 120 साल के स्वामी जी

साइंस पत्रिका नेचर में छपे अध्ययन को लिखने में अल्बर्ट आइन्स्टाइन कॉलेज ऑफ मेडिसिन के मॉलीक्यूलर जेनेटिसिस्ट ब्रैंडन मिल्होलैंड ने भी मदद की है. उन्होंने कहा, "यह संभव है कि कोई इंसान थोड़ा बहुत ज्यादा जी ले लेकिन किसी इंसान के 125 साल तक जिंदा रहने की संभावना 10 हजार में एक की है." मिल्होलैंड कहते हैं कि भले ही औसत आयु बढ़ रही है लेकिन इंसान की आयु एक सीमा से ज्यादा नहीं बढ़ सकती. 19वीं सदी से औसत आयु में काफी वृद्धि हुई है. इसकी वजह बेहतर वैक्सीन और एंटीबायोटिक्स, कैंसर जैसी घातक बीमारियों का बेहतर इलाज और बेहतर पोषण है. विकसित देशों में तो औसत आयु 70 और 80 के पार भी पहुंच चुकी है. विकासशील देशों में भी शिशु और बाल मृत्यु दर में कमी आई है.

तस्वीरों में: इन कारणों से छोटी होती है जिंदगी

मिल्होलैंड कहते हैं, "उम्र बढ़ने के साथ साथ कोशिकाओं को नुकसान पहुंचता है और यही नुकसान इंसान के जिंदा रहने की हद पर रोक लगा देता है." वह कहते हैं कि बढ़ती उम्र का असर शरीर के सारे अंगों पर होता है. यानी आप किसी एक बीमारी का इलाज तो कर सकते हैं लेकिन शरीर के हर अंग की घटती ताकत को नहीं बढ़ा सकते. वह कहते हैं, "इसकी संभावना बहुत कम है कि हम जीन कालमें से ज्यादा जीने वाले किसी इंसान को देख पाएंगे. और अगर ऐसा होता भी है तो बहुत ज्यादा अंतर नहीं होगा."

इस वक्त सबसे उम्रदराज इटली की एमा मोरानो हैं, जो 116 साल की हो चुकी हैं.

वीके/एमजे (रॉयटर्स)