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समाज

संघ प्रमुख: लिंचिंग करने वाले हिंदुत्व के खिलाफ

आमिर अंसारी
५ जुलाई २०२१

संघ प्रमुख के लिंचिंग पर बयान के बाद राजनीतिक बयानबाजी तेज हो गई है. भागवत ने कहा था सभी भारतीयों का डीएनए एक है चाहे धर्म कोई भी हो. लेकिन अब विपक्षी दल सवाल कर रहे हैं कि क्या वे अपने शिष्यों को भी यही शिक्षा देंगे.

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तस्वीर: picture-alliance/dpa

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत ने रविवार 4 जुलाई को मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के एक कार्यक्रम में कहा था, "हिंदू-मुस्लिम एकता की बात भ्रामक है, क्योंकि यह दोनों अलग-अलग नहीं, बल्कि एक है. सिर्फ पूजा करने करने के तरीके के आधार पर लोगों में भेद नहीं किया जा सकता."

भागवत ने आगे कहा कि देश में रहने वाले सभी लोगों डीएनए एक है और सभी धर्म के लोगों के पूर्वज एक हैं. संघ प्रमुख ने लिंचिंग और मुसलमानों पर खुलकर अपनी बातें रखी. उन्होंने कहा, "सब प्रकार के लोग हैं. जैसे ये साथ चलते हैं, वैसे ही हमारी ही भारत माता के पुत्र, हमारी ही संस्कृति के विरासतदार और हमारी ही पूर्वज के वंशज और खून के अपने भाई मुसलमान साथ क्यों नहीं चल सकते?"

भागवत ने कहा, "इसलिए हम कहते हैं, हिंदुस्तान हिंदू राष्ट्र है. गौ माता पूज्य है लेकिन लिंचिंग करने वाले लोग हिंदुत्व के खिलाफ जा रहे हैं." संघ प्रमुख का कहना है कि कुछ मुद्दे हो सकते हैं जिनपर मत अलग-अलग हो सकते हैं. उनके मुताबिक प्रजातंत्र में इसके लिए व्यवस्था दी गई. जैसे कि अभिव्यक्ति की आजादी, कोर्ट में जाना आदि.

भागवत का कहना है. "हम एक लोकतांत्रिक देश में रहते हैं. यहां हिंदू या मुसलमान का प्रभुत्व नहीं हो सकता, सिर्फ भारतीयों का प्रभुत्व हो सकता है."

भागवत के बयान पर सियासी प्रतिक्रिया

भागवत के बयान पर एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने तीखी प्रतिक्रिया दी है. अपने ट्वीट में ओवैसी ने ना केवल संघ पर बल्कि बीजेपी पर भी निशाना साधते हुए लिखा, "इन अपराधियों को गाय और भैंस में फर्क नहीं पता होगा लेकिन कत्ल करने के लिए जुनैद, अखलाक, पहलू, रकबर, अलीमुद्दीन के नाम ही काफी थे. ये नफरत हिंदुत्व की देन है, इन मुजरिमों को हिंदुत्ववादी सरकार की पुश्त पनाही हासिल है."

ट्वीट में ओवैसी ने आगे लिखा, "कायरता, हिंसा और कत्ल करना गोडसे की हिंदुत्व वाली सोच का अटूट हिस्सा है. मुसलमानो की लिंचिंग भी इसी सोच का नतीजा है."

संघ प्रमुख के बयान पर कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने सवाल किया, "मोहन भागवत जी यह विचार क्या आप अपने शिष्यों, प्रचारकों, विश्व हिंदू परिषद/ बजरंग दल कार्यकर्ताओं को भी देंगे? क्या यह शिक्षा आप मोदी-शाह और भाजपा मुख्यमंत्री को भी देंगे?"

दिग्विजय सिंह यहीं नहीं रुके उन्होंने भागवत से एक सवाल और किया और पूछा, "यदि आप अपने व्यक्त किए गए विचारों के प्रति ईमानदार हैं तो भाजपा में वे सब नेता जिन्होंने निर्दोष मुसलमानों को प्रताड़ित किया है उन्हें उनके पदों से तत्काल हटाने का निर्देश दें. शुरूआत नरेंद्र मोदी व योगी आदित्यनाथ से करें."

सभी भारतीयों के डीएनए एक वाले बयान पर केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी का कहना है कि शुरू से ही संघ का ऐसा ही विचार रहा है और कुछ लोग गुमराह करने में जुटे रह रहते हैं. एक निजी समाचार चैनल से बात करते हुए उन्होंने कहा कि संघ के कार्यक्रम सार्वजनिक तौर पर होते हैं और उसका विचार लोगों तक अब आसानी से पहुंच रहा है.

धर्म के नाम पर हो जाती हैं हत्याएं!

भारत में कभी खाने पर तो कभी मवेशी को एक जगह से दूसरी जगह ले जाने पर लोगों की पीट-पीटकर हत्या कर दी जाती है. इसी साल जून के कुछ मामलों पर नजर डालें तो जम्मू-कश्मीर के थामामंडी में भैंस लेकर आ रहे शख्स की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई. त्रिपुरा के खोवाई में जानवर लेकर जा रहे तीन लोगों की गाड़ी रोक कर पिटाई की गई. हमले में दो लोगों की मौत हो गई.

राजस्थान के चित्तौड़गढ़ में गाय की तस्करी के आरोप में 25 साल के युवक को पीट-पीटकर मार डाला गया. उत्तर प्रदेश के कोसी कलां में संदिग्ध पशु तस्करों पर फायरिंग में एक की मौत और चार अन्य जख्मी हो गए थे.

भड़काऊ बयान कार्रवाई नहीं होती!

रविवार को एक ओर जहां संघ प्रमुख सभी का डीएनए और एक ही पूर्वज होने की बात कर रहे थे, तो वहीं हरियाणा में एक महापंचायत में राज्य बीजेपी के प्रवक्ता और करणी सेना के अध्यक्ष सूरजपाल अमू ने मुसलमानों के प्रति नफरत भरा बयान दिया. अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस ने अपनी रिपोर्ट में लिखा है कि गुरुग्राम के पटौदी में महापंचायत में अमू ने कहा, "अगर भारत हमारी माता है, तो पाकिस्तान के हम बाप हैं, और ये पाकिस्तानी...को हम यहां के घरों में किराये पर मकान नहीं देंगे....इन को देश से निकालो, यह प्रस्ताव पास करो."

धर्म परिवर्तन, 'लव जिहाद' और जनसंख्या नियंत्रण कानून पर चर्चा करने के लिए यह महापंचायत बुलाई गई थी. अखबार का कहना है कि जब उसने इन टिप्पणियों पर प्रदेश के शीर्ष नेता से सवाल किया तो उसने कहा कि "यह अमू के निजी बयान है और पार्टी का इससे कोई लेना देना नहीं."

इससे पहले भी अमू का एक विवादित वीडियो सामने आया था जिसमें वह एक अल्पसंख्यक नौजवान की हत्या के आरोपियों को बेकसूर बताते हुए उन्हें छोड़ने की मांग कर रहे थे. यह वीडियो तेजी से सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था.

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