1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें
समाज

ब्रिटेन में स्कूली छात्राओं का यौन शोषण करते लड़के

११ जून २०२१

स्कूल निरीक्षक ऑफस्टेड का कहना है कि ब्रिटेन के स्कूलों में यौन उत्पीड़न और ऑनलाइन यौन शोषण "सामान्य" हो गया है. कुछ लड़कियों से एक ही रात में 11 लड़कों तक ने संपर्क कर नग्न या अर्ध-नग्न तस्वीरों की मांग की.

https://p.dw.com/p/3uk18
तस्वीर: OBS/Keystone/picture alliance

शिक्षा निरीक्षकों ने जिन स्कूली छात्राओं का साक्षात्कार लिया उनमें से 10 में से नौ ने बताया कि लैंगिकवादी नाम लेकर पुकारा जाना, कामुक तस्वीरें या वीडियो भेजना उनके साथ "बहुत" बार या "कभी-कभी" हुआ. स्कूलों की निगरानी करने वाली संस्था ऑफस्टेड ने एक रिपोर्ट में कहा वयस्कों की तुलना में नग्न तस्वीरें भेजने का दबाव भी कहीं अधिक देखने को मिला है.

निगरानी संस्था ने इस समस्या से निपटने के लिए तत्काल कार्रवाई करने का आह्वान किया है. शिक्षा मानक के कार्यालय की मुख्य निरीक्षक (ऑफस्टेड) एमांडा स्पीलमैन कहती हैं कि वह इन निष्कर्षों से "हैरान" हैं. स्कूल इंस्पेक्टरों ने यह समीक्षा तब की जब हजारों की संख्या में स्कूली लड़कियों और कॉलेज की छात्राओं ने एक वेबसाइट पर अपनी-अपनी आपबीती बताई. उन्होंने बताया कि उनके साथ कैसे यौन उत्पीड़न हुआ. इंस्पेक्टरों ने 32 स्कूल और कॉलेजों के 900 छात्राओं से बातचीत की. कुछ लड़कियों ने कहा कि लड़कों ने अपने स्कूल की साथियों की "नग्न" तस्वीरें व्हाट्सऐप या स्नैपचैट जैसे मंचों पर साझा कीं. दूसरी छात्रों ने भीड़-भाड़ वाले गलियारों में "छुए" जाने की सूचना दी.

ऑफस्टेड का कहना है कि लेकिन छात्रों को अक्सर घटनाओं की रिपोर्ट करने का कोई मतलब नहीं दिखता था और कई शिक्षकों ने घटना की गंभीरता को कम करके आंका. ऑफस्टेड के मुताबिक सभी स्कूलों और कॉलेजों को इस पर कार्रवाई करनी चाहिए और एक ऐसा माहौल बनाए जाने की जरूरत है जिसमें यह संदेश जाए कि यौन उत्पीड़न को बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है. संस्था ने सुझाया है कि यौन शिक्षा में सुधार करने की जरूरत है और मुद्दे की पहचान कर और उसपर जल्दी हस्तक्षेप करना चाहिए. 

छात्रों द्वारा उजागर की गई अन्य समस्याओं में बताया कि कैसे उनकी यौन गतिविधियों के बारे में अफवाह फैलाई जाती है और बिना उनकी सहमति के वीडियो बनाए जाते हैं. कुछ एलजीबीटी बच्चों ने भी लगातार मौखिक दुर्व्यवहार के बारे में बताया. यहां तक उन्होंने शारीरिक हमला भी झेला. लड़कियों ने इंस्पेक्टरों से कहा कि वे यौन उत्पीड़न के बारे में बात नहीं करना चाहतीं क्योंकि उन्हें बहिष्कृत होने का डर है. कुछ लड़कियों ने चिंता जाहिर की कि उनका विश्वास नहीं किया जाएगा और उन्हें ही दोषी ठहराया जाएगा. लड़कियों ने कहा कि स्कूलों में सेक्स और रिश्ते की शिक्षा यह स्पष्ट नहीं करती कि क्या स्वीकार्य और अस्वीकार्य व्यवहार है. एक लड़की ने निरीक्षकों को बताया, "लड़कों को शिक्षित करना हमारी जिम्मेदारी नहीं होनी चाहिए," 

एए/सीके (थॉमसन रॉटर्स फाउंडेशन)

इस विषय पर और जानकारी को स्किप करें

इस विषय पर और जानकारी

और रिपोर्टें देखें