1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें
आपदाभारत

सिक्किम में बाढ़ से भारी तबाही, 14 की मौत, 102 लापता

आमिर अंसारी
५ अक्टूबर २०२३

सिक्किम में अचानक आई बाढ़ के बाद एक दर्जन से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है. 102 लोग अब भी लापता हैं जिनमें सेना के 22 जवान शामिल हैं.

https://p.dw.com/p/4X7vq
सिक्किम
सिक्किमतस्वीर: Prakash Adhikari/AP Photo/picture alliance

बुधवार को उत्तरी सिक्किम में ल्होनक झील पर बादल फटने से लाचेन घाटी में तीस्ता नदी में अचानक बाढ़ आ गई, जिससे 14 लोगों की मौत हो गई है और 102 लोग लापता हो गए हैं. लापता लोगों में सेना के 22 जवान भी हैं. बुधवार रात को एक जवान को बचा लिया गया.

राज्य सरकार द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक अब तक 26 लोग घायल हुए हैं और 2,000 से अधिक लोगों को निकाला गया है. राज्य सरकार ने कहा है कि 11 पुल बह गए हैं और 22,000 से अधिक की आबादी प्रभावित हुई है.

सेना और राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) के नेतृत्व में कई एजेंसियां प्रभावित इलाकों में तलाशी अभियान चला रही हैं. भारतीय वायुसेना भी अलर्ट पर है. सोशल मीडिया पर लोगों ने तबाही के कई वीडियो शेयर किए हैं. 

रिपोर्टों के मुताबिक उत्तरी सिक्किम में ल्होनक झील पर अचानक बादल फटने से तीस्ता नदी में बाढ़ आ गई. बाढ़ मंगलवार देर रात करीब डेढ़ बजे आई. घाटी में भारतीय सेना के कई प्रतिष्ठान बाढ़ की चपेट में आ गए. सेना का कहना है कि बादल फटने से बाढ़ आने और बांध से पानी छोड़े जाने के कारण स्थिति और बिगड़ गई.

बाढ़ के बाद तीस्ता नदी का जलस्तर बढ़ गया
बाढ़ के बाद तीस्ता नदी का जलस्तर बढ़ गयातस्वीर: Indian Army/AP/picture alliance

मीडिया में कहा जा रहा है कि राज्य के अलग-अलग हिस्सों में करीब तीन हजार देशी और विदेशी पर्यटक फंसे हुए हैं. उत्तरी सिक्किम में चुंगथांग में तीस्ता स्टेज 3 डैम में काम करने वाले 12-14 कर्मचारी बांध की सुरंग में फंसे हुए हैं.

अचानक बाढ़ से नुकसान

आपदा का कारण बताते हुए सिक्किम के मुख्य सचिव वीबी पाठक ने कहा है कि उत्तर पश्चिम सिक्किम में ल्होनक झील पर बादल फटने से जल स्तर बढ़ गया. झील ओवरफ्लो हो गई और पानी तीस्ता नदी की ओर बढ़ गया, जो बांग्लादेश में प्रवेश करने से पहले सिक्किम और पश्चिम बंगाल से होकर बहती है.

सड़कें बह जाने और पुल क्षतिग्रस्त होने से राज्य के अधिकारियों को खाद्य आपूर्ति की कमी का डर है. सेना प्रभावित इलाकों में कनेक्टिविटी बहाल करने के लिए बेली ब्रिज, पोर्टेबल ब्रिज और प्रीफैब्रिकेटेड पुल बना रही है.

हिमाचल प्रदेश को हो रहा अंधाधुंध विकास का नुकसान

एनडीएमए ने बताई वजह

राष्‍ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) ने सिक्किम में तबाही का प्राथमिक कारण बताया है. एनडीएमए ने बताया कि वैज्ञानिक अचानक आई बाढ़ के सटीक कारण की जांच कर रहे हैं. एनडीएमए ने कहा ल्होनक झील में बादल फटना और जीएलओएफ (ग्लेशियल लेक आउटबर्स्ट फ्लड) की घटना का एक साथ होना बाढ़ का मुख्य कारण हो सकता है. 

एनडीएमए ने कहा जीएलओएफ तब होता है जब हिमनद झीलों (ग्लेशियल लेक) का जल स्तर काफी ज्यादा बढ़ जाता है और इससे बड़ी मात्रा में पानी पास की नदियों और धाराओं में बहने लगता है, जिससे अचानक बाढ़ आ सकती है.

ल्होनक झील इस क्षेत्र की 14 उन हिमनद झीलों में शामिल हैं, जिन्हें पहले से ही संदेवनशील माना जा रहा है. ग्लोबल वॉर्मिंग के कारण पिघल रहे ग्लेशियर का पानी इसी झील में जमा हो रहा था, जिससे इसका क्षेत्रफल लगातार बढ़ता जा रहा था. 

इसी साल मार्च में संसद में पेश की गई एक रिपोर्ट में कहा गया था कि हिमालय के लगभग सभी ग्लेशियर अलग-अलग दर से, लेकिन तेजी से पिघल रहे हैं और इस वजह से हिमालय की नदियां किसी भी समय बड़ी प्राकृतिक आपदा का कारण बन सकती हैं.