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सऊदी अरब में भूखे मरने को मजबूर हजारों भारतीय

विवेक कुमार१ अगस्त २०१६

सऊदी अरब में 10 हजार भारतीय भूखे मरने को मजबूर हैं. उन्होंने ट्विटर पर गुहार लगाई है. भारत सरकार की ओर से वीके सिंह उनकी मदद को जा रहे हैं.

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Symbolbild Saudi-Arabien
तस्वीर: picture-alliance/AP/Manish Swarup

सऊदी अरब में रह रहे करीब 10 हजार भारतीयों के लिए भूखे मरने की नौबत आ गई है. उन्हें नौकरी से निकाल दिया गया है. उनके मालिक ने उन्हें तन्ख्वाह भी नहीं दी है. कुछ लोगों की तन्ख्वाह तो छह-छह महीने से नहीं मिली है. और समाचार चैनल एनडीटीवी के मुताबिक बहुत से लोगों के पास इतना पैसा भी नहीं है कि वे भारत लौट सकें.

भारत सरकार ने स्थानीय भारतीयों के मदद से इन लोगों के लिए खाने का इंतजाम किया है. साथ ही इन्हें वापस लाने की योजना पर भी काम शुरू हो गया है. संभावना है कि इस हफ्ते सभी को वापस लाया जाएगा. और सऊदी अधिकारियों से भी बातचीत की जा रही है ताकि लोगों की बची हुई तन्ख्वाहें दिलवाई जा सकें.

विदेश राज्य मंत्री वीके सिंह इन लोगों से मिलने जेद्दा जा रहे हैं. जेद्दा में भारतीय कॉन्सुलेट ने विभिन्न लेबर कैंपों में रह रहे करीब ढाई हजार भारतीयों की सूची तैयार की है. माना जा रहा है कि जब यह सूचना फैलेगी कि भारत सरकार लोगों को वापस ले जा रही है तो और ज्यादा लोग अपनी सूचनाएं दर्ज कराएंगे. 29 जुलाई को ट्विटर के जरिये इन लोगों की हालत की सूचना विदेश मंत्री को मिली. सुषमा स्वराज को टैग कर किए गए एक ट्वीट में विदेश मंत्री से मदद की अपील की गई थी.

तस्वीरों में: कोई सरहद ना इन्हें रोके

मध्य पूर्व में रहने वाले भारतीय मजदूरों की हालत अच्छी नहीं है. उनके शोषण और बदतर हालात की खबरें अक्सर आती रहती हैं. मध्य पूर्व में करीब 60 लाख भारतीय कामगार हैं. ज्यादातर मजदूरी ही करते हैं. उनके काम के हालात बेहद खतरनाक और मुश्किल होते हैं. बताया जाता है कि उन्हें बहुत कम वेतन मिलता है और बहुत ज्यादा काम करना पड़ता है. उनके रहने के हालात भी कुछ अच्छे नहीं हैं. बहुत सारे मजदूर एक साथ रहते हैं. कुछ जगहों पर तो एक छोटे से कमरे में 10-10 मजदूर रहते हैं. ऐसी भी खबरें आती रहती हैं कि मजदूरों को मारा-पीटा गया या उनके पासपोर्ट छीन लिए गए ताकि वे कहीं आ जा ना सकें.

2015 में खाड़ी देशों में काम करने वाले 5,900 भारतीयों की मौत हुई थी. इनमें से सबसे ज्यादा 2,691 मौतें सऊदी अरब में ही हुई थीं. यूएई में 1,540 भारतीय मारे गए. कतर में, जहां 2022 के फुटबॉल वर्ल्ड कप की तैयारियां चल रही हैं, 2012 से अब तक 500 से ज्यादा भारतीयों की मौत हो चुकी है. संयुक्त राष्ट्र के आंकड़ों के मुताबिक सबसे ज्यादा भारतीय कामगार यूएई में हैं. यहां लगभग 35 लाख भारतीय काम करते हैं. सऊदी अरब में 19 लाख भारतीय कामगार हैं.

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खाड़ी देशों में काम करने वाले ये भारतीय हर साल 30 अरब डॉलर भारत भेजते हैं. यह विदेशों में बसे दो करोड़ से ज्यादा भारतीयों में सबसे ज्यादा धन है जो एक इलाके से आता है. पिछले एक साल से तेल की कीमतों में भारी गिरावट आई है. इसका असर खाड़ी देशों की सरकारों के खर्चों पर भी पड़ा है. और स्थानीय कंपनियों ने भी अपने खर्चे घटाए हैं. इसका सीधा असर वहां काम करने वाले भारतीयों पर भी हुआ है. अब कम संख्या में मजदूरों को नौकरी मिल रही है. फिर सऊदी अरब ने निताकत कानून भी लागू कर दिया है जिसके चलते विदेशी मजदूरों की भर्ती मुश्किल हो गई है क्योंकि अब स्थानीय लोगों को तरजीह देने पर जोर दिया जा रहा है.

विवेक कुमार (रॉयटर्स, एपी)